दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए बड़ा एक्शन प्लान लगभग तैयार
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दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए बड़ा एक्शन प्लान लगभग तैयार

पर्यावरण मंत्रालय ने विभिन्न एजेंसियों से सात दिन में यह बताने को कहा है कि शीर्ष न्यायालय की निगरानी वाले पैनल की ओर से दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए मेगा कार्ययोजना में निर्धारित समयसीमा से उन्हें कोई परेशानी तो नहीं है.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:  दिल्लीवासियों को एक सप्ताह में यह स्पष्ट हो जाएगा की दिसंबर 2018 तक शहर में बसों का बेड़ा वर्तमान के पांच हजार से बढ़ कर कम से कम 10 हजार हो जाएगा अथवा नहीं. पर्यावरण मंत्रालय ने विभिन्न एजेंसियों से सात दिन में यह बताने को कहा है कि शीर्ष न्यायालय की निगरानी वाले पैनल की ओर से दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए मेगा कार्ययोजना में निर्धारित समयसीमा से उन्हें कोई परेशानी तो नहीं है. ईपीसीए ने ‘कॉम्प्रिहेंसिव एक्शन प्लान फॉर एयर पॉल्यूशन’ में अन्य अनुशंसाओं के अलावा बसों के बेड़े के संबंध में समयसीमा निर्धारित की है. इसे पिछले माह उच्चतम न्यायालय में पेश किया गया था.

ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा, ‘‘ योजना तैयार है. अब इसे दोबारा खोला नहीं जाएगा. बैठक सार्थक रही और हम उम्मीद कर रहे हैं कि मंत्रालय इसे शीघ्र अधिसूचित करेगा. मंत्रालय में हुई बैठक में मौजूद एक अन्य अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि पर्यावरण सचिव ने एजेंसियों से कहा है कि अगर उन्हें लगता है तो वे समयसीमाओं में मामूली बदलाव का सुझाव दे सकते हैं.

योजना के अनुसार बसों के बेड़े में वृद्धि का जिम्मा परिवहन विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण का है.इसके अलावा इस योजना में प्रदूषण फैलाने वाले 13 प्रमुख स्रोतों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है और इसमें छोटे, मध्यम और लंबे समय तक चलने वाले उपायों की सूची बनाई गई है.

 

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