सिर्फ दिल्ली एनसीसी डायरेक्टरेट में ही डेढ़ हजार से ज्यादा कैडेट्स देश के सामने आई अब तक की सबसे आपात स्थिति में नागरिक प्रशासन के साथ काम कर रहे हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग में पूरे देश ने एकजुटता का संदेश दिया था. वहीं इस महामारी का डट कर सामने करने के लिए अब एनसीसी कैडेट्स (National Cadet Corps) भी मैदान में उतर गए हैं. सिर्फ दिल्ली एनसीसी डायरेक्टरेट में ही डेढ़ हजार से ज्यादा कैडेट्स देश के सामने आई अब तक की सबसे आपात स्थिति में नागरिक प्रशासन के साथ काम कर रहे हैं.
एनसीसी कैडेट्स को कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में उतारने का फैसला 2 अप्रैल को लिया गया था. ये कैडेट्स अब नागरिक प्रशासन के ऑफिस में मदद करने, डाटा हैंडलिंग, राशन और मदद सामग्री बांटने जैसे काम कर रहे हैं. बताते चलें कि कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर एनसीसी के केवल सीनियर विंग के कैडेट्स को ही लोगों की मदद करने के कार्यों में लगाया गया है. इनकी उम्र 18 साल से ज्यादा है. इसके अलावा इन कैडेट्स को किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था संभालने, या सीधे तौर पर किसी सैनिक ऑपरेशन या कोरोना हॉट-स्पॉट्स में तैनात नहीं किया गया है. वहीं इन्हें 8 से 20 कैडेट्स के ग्रुप में किसी एनसीसी अधिकारी के निरीक्षण में तैनात किया गया है.
दिल्ली एनसीसी डायरेक्टरेट के डायरेक्टर मेजर जनरल आर.के. माथुर ने बताया कि दिल्ली में 9 से ज्यादा जगहों पर खाना बांटने के कामों में लगाया गया है. इस दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है. प्रशासन ने इन्हें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट मुहैया कराए हैं. जनरल माथुर ने कहा कि जरूरत पड़ने पर और ज्यादा तादाद में कैडेट्स को तैयार रखा गया है.
कैडेट्स को तहसीलदार और एसडीएम ऑफिस में कोरोना से संबधित डाटा तैयार करने और हेल्प लाइन सेंटरों में कॉल अटैंड करने के लिए भी तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रशासन भी एनसीसी कैडेट्स के काम करने के तरीको से खुश है. दक्षिण दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट डॉ. बीएम मिश्रा ने बताया कि एनसीसी कैडेट्स प्रशिक्षित हैं और अनुशासित हैं. इसलिए उन्हें कोरोना संकट के समय किसी भी काम में लगाने के परिणाण अच्छे आ रहे हैं.
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