दिल्ली में शराब पर पाबंदी लगाने की कोई योजना नहीं: डिप्टी CM मनीष सिसोदिया
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दिल्ली में शराब पर पाबंदी लगाने की कोई योजना नहीं: डिप्टी CM मनीष सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा दिल्ली सरकार की शहर में शराब पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि आप सरकार राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री से जमा होने वाले पैसों से शहर का प्रशासन नहीं चलाना चाहती। विधानसभा में तिमारपुर के आप विधायक पंकज पुष्कर के एक सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह जनता को ‘धोखा’ देने के लिए शराब की दुकानों की संख्या पर ‘भ्रामक’ आंकड़े दे रही है।

दिल्ली में शराब पर पाबंदी लगाने की कोई योजना नहीं: डिप्टी CM मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा दिल्ली सरकार की शहर में शराब पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि आप सरकार राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री से जमा होने वाले पैसों से शहर का प्रशासन नहीं चलाना चाहती। विधानसभा में तिमारपुर के आप विधायक पंकज पुष्कर के एक सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह जनता को ‘धोखा’ देने के लिए शराब की दुकानों की संख्या पर ‘भ्रामक’ आंकड़े दे रही है।

सिसोदिया का बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में शराब की दुकानों की बढ़ती संख्या को लेकर विवाद चल रहा है। उन्होंने कहा कि कई इलाकों में लोगों की शिकायत के बाद शराब की दुकानें बंद करा दी गयीं और जल्द हीं शराब की दुकानों के बने रहने पर मोहल्ला सभाओं में फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘ऐसा माहौल तैयार करने की कोशिश की जा रही है कि हम शराब माफिया हैं। हमने शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस के आवंटन में भ्रष्टाचार खत्म किया और इसलिए हमें निशाना बनाया जा रहा है। हमने शराब की दुकानें मॉल में शिफ्ट कर दीं क्योंकि उनके पास असामाजिक तत्वों से निपटने की व्यवस्था है।’ सिसोदिया ने दावा किया कि आप की सरकार आने के बाद से सिर्फ छह खुदरा दुकानें खुली हैं, जबकि शराब परोसने वाले अन्य लाइसेंसशुदा स्थानों की संख्या में दरअसल कमी आयी है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि कैसे छह नयी खुदरा दुकानों ने राजस्व दोगुना करने में मदद की है? एक धड़ा जानबूझ कर भ्रमित कर रहा है और गलत छवि पेश कर रहा है। यह बिल्कुल ऐसा है जैसे हम पोंटी चड्ढ़ा बन गए हों, लेकिन यह कोई नहीं देख रहा है कि हमने कितने पोंटी चड्ढाओं का धंधा बंद करवाया है।’

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