पुलिस के समान होमगार्ड को भी वेतन: हाई कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार का रुख पूछा
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पुलिस के समान होमगार्ड को भी वेतन: हाई कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार का रुख पूछा

अदालत ने गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार, पुलिस और होमगार्ड महानिदेशक को एक नोटिस जारी किया तथा 15 जुलाई तक इस पर उन्हें अपना रुख बताने को कहा.

 (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने होमगार्ड को वेतन एवं अन्य लाभ पुलिस के समान दिए जाने की मांग करने वाले एक पत्र को बुधवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) में तब्दील कर दिया. 

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति ए जे भंबानी ने गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार, पुलिस और होमगार्ड महानिदेशक को एक नोटिस जारी किया तथा 15 जुलाई तक इस पर उन्हें अपना रुख बताने को कहा. यह मुद्दा दिल्ली निवासी अभिजीत मिश्रा ने उठाया, जिन्होंने कहा कि पुलिस के समान ही ड्यूटी करने के बावजूद होमगार्ड दयनीय हालत में हैं. 

उन्होंने अदालत से प्राधिकारों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि कानून व्यवस्था कायम रखने और आंतरिक सुरक्षा के लिए होमगार्ड को दिल्ली पुलिस के कर्मियों के समान ही प्रशिक्षण मुहैया किया जाए. 

इसके अलावा, उन्होंने होमगार्ड को उस दौरान दिल्ली पुलिस कर्मियों के समान वेतन एवं लाभ प्रदान करने की भी मांग की, जब उनकी प्रतिनियुक्ति दिल्ली पुलिस में होती है. 

उन्होंने यह मांग भी की कि होमगार्ड और उनके आश्रितों को दिल्ली सरकार कर्मचारी स्वास्थ्य योजना के दायरे में लाया जाए और ड्यूटी पर उनकी मृत्यु होने पर उनके एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. 

इसके अलावा होमगार्ड के लिए ग्रेच्युटी योजना, भविष्य निधि कोष, कर्मचारी राज्य बीमा योजना और ग्रुप इंश्योरेंस योजना का लाभ देने की भी मांग की गई. साथ ही इसके लिए प्रीमियम का दिल्ली सरकार द्वारा भुगतान किया जाए. 

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