हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमानों से CAA-NRC का कोई लेना-देना नहीं है: PM मोदी
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हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमानों से CAA-NRC का कोई लेना-देना नहीं है: PM मोदी

बीजेपी ने राष्ट्रीय राजधानी की 1734 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए रामलीला मैदान में यह रैली आयोजित की गई.

हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमानों से CAA-NRC का कोई लेना-देना नहीं है: PM मोदी

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के फैसले पर आज दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की रैली हुई. दिल्ली प्रदेश बीजेपी ने राष्ट्रीय राजधानी की 1734 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए यह रैली आयोजित की गई. अपनी रैली में पीएम मोदी ने नागरिकता कानून को लेकर हो रही हिंसा और अफवाह को लेकर विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कांग्रेस, टीएमसी से लेकर दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और कम्यूनिस्ट पार्टियों पर जमकर वार किया. 

पीएम मोदी ने दिल्लीवासियों को संबोधित करते हुए अपने भाषण की शुरुआत 'विविधता में एकता, भारत की विशेषता' नारे के साथ की. 

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पीएम मोदी ने दिल्ली में दूषित पानी और प्रदूषण को लेकर आप सरकार को कटघरे में खड़ा किया. पीएम मोदी ने अपने सवा घंटे के भाषण में नागरिकता कानून को लेकर फैलाई जा रही हर अफवाह का जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं दिल्ली के साथियों का स्नेह देखते हुए मैं आपसे कुछ मांगना चाहता हूं. मेरा आपसे आग्रह है कि आप दिल्ली के जिस भी इलाके में रहते हैं वहां पर अगले एक सप्ताह तक सफाई का अभियान चलाए. और 1 जनवरी नए साल का स्वागत ज्यादा साफ सुथरी दिल्ली से किया जाए.  दूसरा काम इसी तरह सिंगल यूज प्लास्टिक से भी मुक्ति दिलाने के लिए आप अपने क्षेत्र में काम करेंगे. अपनी कॉलोनियों को आपको स्वच्छ बनाना है.'

अंहिसा का रास्ता अपनाने की अपील की
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं सभी आंदोलनकारियों से अंहिसा का रास्ता अपनाने की अपील करता हूं. सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में लोग तिरंगा उठाकर निकल रहे हैं. कुछ हिंसा कर रहे हैं. तिरंगा उठाना अधिकार है, लेकिन तिरंगा उठाना जिम्मेदारी भी है. '

कांग्रेस पर जमकर किया वार
पीएम मोदी ने कहा, 'कांग्रेस के लोग 2 दशकों से मेरे पीछे पड़े हैं, जितनी नफरत ये लोग मुझसे करते हैं, देश की जनता का स्नेह उससे ज्यादा मुझ पर बरसता है. ये लोग गिद्द की तरह भी मुझे नोचेंगे तो भी मैं देश के लिए मरता रहूंगा. आपका आशीर्वाद इनकी हर साजिश को नाकाम करेगा. कांग्रेस और उसके सहयोगी इससे भी बौखलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मुस्लिम देशों में मोदी को इतना सम्मान मिलता है. हमने खुद पाकिस्तान के पीएम को यहां बुलाया था. मैं खुद पाकिस्तान गया था. लेकिन हमें धोखा मिला. आज इस्लामिक देशों के साथ हमारे बेहतर संबंध हैं. फिलिस्तीन, ईरान, सऊदी, जॉर्डन तमाम देशों के साथ भारत के रिश्ते नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं....

....कांग्रेस को परेशानी हो रही है कि मोदी को मुस्लिम देशों का समर्थन मिलता रहा तो उनके झूठ और मुस्लिमों को डराने के कारनामें सामने आ जाएंगे. इनकी चिंता है कि अगर मोदी को इस्लामिक देशों में समर्थन मिलता रहा तो हम मुसलमानों को कैसे डराएंगे. मैं मुस्लिमों से कहूंगा कि इनके टैप रिकॉर्ड की मत सुनों, हमारे ट्रैक रिकॉर्ड को देखो, आप आश्वस्त रहिए, आपका सेवक देश की एकता, शांति, सद्भावना के लिए कभी पीछे नहीं हटूंगा.'

नागरिकता कानून पर टीएमसी और सीपीएम को घेरा
पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को लेकर कहा  'ममता दीदी आज नागरिकता कानून पर सवाल उठा रही हैं, आपक किसका विरोध और किसका समर्थन कर रही हो ये पूरा हिंदुस्तान देख रहा है. ममता दीदी सीधी कोलकाता से यूएन पहुंच गईं. लेकिन कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में खडे़ होकर गुहार लगा रही थी बांग्लादेश से आ रहे घुसपैठियों को रोका जाए. वहां से आने वाले शरणार्थियों की मदद की जाए. संसद में स्पीकर की तरफ कागज फेंकती थी. ममता दीदी अब आपको क्या हो गया, आप क्यों अफवाह फैला रही हो, इतनी डरी क्यों हो, बंगाल की जनता पर भरोसा करो, बंगाल के नागरिकों को आपने दुश्मन क्यों मान लिया....

....आज जिस वामपंथ को भारत की जनता नकार चुकी है. आज उसी के दिग्गज, उनके नेता प्रकाश कारत ने कहा था कि धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश से आने वालों की मदद की जाए. आज यही लोग ऐसे लोगों को नागरिकता देने से मना कर रहे हैं. यानि ये लोग उस वक्त झूठ बोल रहे थे.'

कांग्रेस को याद दिलाया मनमोहन का बयान
पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए. तरूण गोगोई ने केंद्र को चिट्ठी लिखी थी कि बांग्लादेश में जिन लोगों पर अत्याचार हो रहा है उनकी मदद की जाए. पहले अशोक गहलोत ने भी शरणार्थियों के लिए हमदर्दी व्यक्त की थी. गहलोत ने मांग की थी कि जो हिंदू या सिख पाकिस्तान से भाग कर आए हैं उनकी स्थिति सुधारी जाए. जो कल तक हमदर्दी थी वो आज खुद के लिए दर्द बन गई है.

हम बापू के आदर्शों पर चल रहे हैं, उनका कहा मान रहे हैं
पीएम ने कहा, 'महात्मा गांधी ने कहा था, पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत है. ये मैं नहीं कह रहा हूं. ये पूज्य महात्मा गांधी ने कहा था. सीएए में जो आज छूट दी गई है वो वादा महात्मा गांधी का था उसे हम निभा रहे हैं. अरे सवाल उठाने वालों गांधी का सरनेम का इस्तेमाल करने वालों मेरी मत मानों लेकिन महात्मा गांधी तो मान लूं.'

घुसपैठिए और शरणार्थी में फर्क
पीएम ने कहा, 'कोई भी शरणार्थी भारत आता है तो वह सबसे पहले सरकारी दफ्तर पर पहुंचकर अपनी आप बीती बताता है. साफ कहता है कि मैं पाकिस्तान से आया हूं मेरी मदद करूं. लेकिन क्या घुसपैठिया ऐसा करता है. बड़ा सीधा साधा फर्क है. घुसपैठियां कभी अपनी पहचान बताता नहीं है और शरणार्थी कभी अपनी पहचान छुपाता नहीं है. घुसपैठिओं को डर लग रहा है कि उनकी सच्चाई अब सामने आ जाएगा. दिल्ली से ज्यादा रिफ्यूजियों को दर्द कौन समझ सकता है. ये तो सड़क प्रदर्शऩ हो रहा है ये उन लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा नहीं है....

....पाकिस्तान में रह रहे हिंदू दलितों से भेदभाव होता है, वहां पर बेटियों का शोषण होता है, उनका जबरन धर्म परिवर्तन होता है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे लोगों के लिए ये कानून है. मैं दलित राजनीति करने वालों से पूछता हूं कि अगर दलितों के हित का काम मोदी सरकार कर रही है तो आपके पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं. यहां दिल्ली में ही मजनूं का टीला है. दो हफ्ते पहले ही ऐसे ही एक शरर्णार्थी के घर में बिटिया का जन्म हुआ और उसके माता पिता ने उसका नाम नागरिकता रख दिया. अगर किसी का भला होता है तो ये विपक्षियों को क्यों तकलीफ हो रही है. '

मेरी सरकार में एनआरसी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है
पीएम मोदी ने कहा, 'मेरी सरकार आने के बाद से लेकर आज तक कहीं पर भी एनआरसी शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सिर्फ असम के लिए ये बात हुई. शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे नक्सली अर्बन नक्सल ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा. मैं हैरान हूं अच्छे पढ़े लिखे लोग भी उस पर यकीन कर रहे हैं. एक बार पढ़ तो लीजिए. मैं देश के नौजवानों को आग्रह करता हूं कि जरा पढ़िए इसको. जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान है, जिनके पुर्खे मां भारती की संतान है, उनपर नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का कोई लेना देना नहीं है. ना देश के मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेजा जा रहा है ना भारत में को डिटेंशन सेंटर हैं....

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....झूठ बेचने वाले, अफवाह फैलाने वाले दो तरह के लोग हैं. जिनकी राजनीति दशकों तक वोट बैंक पर ही टिकी रही है. भाईयों सीसीए कानून भारत के किसी नागरिक के लिए नहीं है. ये कानून इस देश में रहने वाले 130 करोड़ लोगों का कोई वास्ता नहीं है. दूसरी बात एनआरसी ये कांग्रेस के जमाने में बना था. जब सोए थे क्या, हमने तो बनाया नहीं. पार्लियामेंट में आया नहीं. बिना मतलब हव्वा खड़ा किया जा रहा है. जब हम आप लोगों के घर को अधिकृत कर रहे हैं तो क्या दूसरा कानून आपको निकाल देने के लिए करेंगे क्या. '

पुलिस नहीं करती कोई भेद, उनका सम्मान हो
प्रधानमंत्री ने कहा, 'पिछले दिनों अनाज मंडी में लगी आग में पुलिस किसी का धर्म पूछकर लोगों को बचाने के लिए नहीं गई थी. बल्कि जितने लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी थी. आप पुलिस पर हमला कर रहे है. और देश की पुरानी पार्टी के नेता उपदेश दे रहे हैं. लेकिन शांति का संदेश देने के लिए कुछ नहीं कह रहे हैं. इससे पता चलता है कि इस हिंसा को आपकी मौन सहमति हैं....

....आपको मोदी से नफरत हैं, मोदी का पुतला जलाओ, लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओ, गरीब का ऑटो मत जलाओ, गरीब की झोपड़ी मत जलाओ...आपका जितना गुस्सा है मोदी पर निकालो. गरीबों को मारकर क्या मिलेगा. जो लोग पुलिसवालों पर पत्थर फेंक रहे हैं. उनसे पूछना चाहता हूं. पुलिस के जवानों को मारा जा रहा है आपको क्या मिलेगा इससे? जब पहले आपकी सरकार थी ये पुलिसवाले आपके थे. पुलिसवाले किसी के दुश्मन नहीं होते हैं. आजादी के बाद 33 हजार हमारे पुलिस भाईयों ने शांति औऱ सुरक्षा के लिए शहादत दी हैं. 33 हजार आंकड़ा कम नहीं होता है. आप बेरहमी से इनको मार रहे हैं. जब कोई संकट आता है तो पुलिस ना धर्म देखती है, ना जात, न दिन ना रात आपकी मदद के लिए खड़ हो जाती है.'

विपक्षी भारत को बदनाम कर रहे है
पीएम मोदी ने कहा, 'झूठे आरोप लगाकर ऐसे लोग भारत को दुनिया में बदनाम कर रहे हैं. जिस तरह बच्चों के स्कूल बसों पर हमला हुआ. लोगों की गाड़ियों को जलाया गया. भारत के ईमानदार टैक्सपेयर के पैसे से बनी सरकार संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. इनकी राजनीति कैसी है, इनके इरादे कैसे हैं, यह देश भलीभांति समझ चुका है. मैं जानता हूं कि पहली बार जब मैं जीतकर के आया, तो जो लोग नहीं चाहते थे उनको समझ नहीं आया. दोबारा मैं ना जीत पाऊं इसके लिए सारी कोशिश की. लेकिन देश की जनता ने पहले से ज्यादा आशीर्वाद दिया. ये सदमा ये अभी भी सहन नहीं कर पा रहे हैं. जिस दिन से नतीजे आएं हैं उसी दिन से ये लोग देश में तूफान खड़े करने में लगे हैं. इनके इरादे हैं लेकिन देश की जनता साथ नहीं दे रहे हैं....

....मैं झूठ फैलाने  वालों को चुनौती देता हूं, मेरे किसी फैसले में भेदभाव की बू आती हो तो देश के सामने लाकर रख दीजिए. हमने सिर्फ गरीब की गरीबी को देखा. फिर क्यों कुछ लोग झूठ पर झूठ बोल रहे हैं. देश को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे लोगों को याद रखना चाहिए हमने गरीबों की भलाई के लिए जिन योजनाओं के लाभार्थियों के लिए कागज तक नहीं लगाए. हमने तय किया की हमारी हर स्कीम का लाभ हर गरीब को मिलेगा. जाति धर्म कुछ नहीं देखा जाएगा. उज्ज्वला के लिए, आवास योजना के लिए, मुफ्त बिजली कनेक्शन के लिए, सरकार खुद सामने से लोगों के झोपड़ें तक पहुंचने का प्रयास किया. हमने कभी किसी से नहीं पूछा कि आप क्या मंदिर जाते हैं या मस्जिद जाते हैं. हमने जनता तक सिर्फ लाभ पहुंचाया है.

हमें संसद का सम्मान करना चाहिए
नागरिकता कानून देश की संसद ने पास किया है. हमें अपने संसद का सम्मान करना चाहिए. नागरिकता कानून को लेकर लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए. कुछ लोग भ्रमित कर रहे हैं. जब हमने दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का काम किया था तो क्या किसी से पूछा था कि आप किस पार्टी के वोटर हैं. आप किस धर्म के हैं. क्या हमने कोई सबूत मांगे थे. केंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ हिंदुओ, मुस्लिमों, सिखों और ईसाई समेत तमाम लोगों को मिलां. हमने ऐसा क्यों किया, क्योंकि हम देश से लगाव के कारण जीते हैं. हम सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के प्रति समर्पित हैं.

....ये लोग किस तरह अपने स्वार्थ और राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं ये आपने पिछले सप्ताह भी देखा है. जिस तरह लोगों को भड़काया गया. झूठे वीडियो उच्च स्तर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किए. 

दूषित पानी की समस्या से जूझ रही दिल्ली
दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, 'दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार सबसे बड़ी समस्या से आंख मूंद कर बैठी है. वो समस्या है गंदे पानी की समस्या. क्या दिल्ली वाले दिल्ली सरकार के स्वच्छ पानी के वादे से सहमत हैं? आपको बीमारी का डर लगता है कि नहीं? क्या दिल्लीवासी झूठ बोल रहे हैं? ये कैसे आरोप देश के नागरिकों को लगा रहे हैं. दिल्ली के लोगों से जो कुछ भी बोला गया है उसकी सच्चाई लोग देख रहे हैं. आज दिल्ली में सबसे अधिक वॉटर प्यूरिफायर रोजाना बिकती है. लोगों को ये खर्चा क्यों करना पड़ रहा है. जो प्यूरिफायर नहीं लगता है वो बाहर से खरीदता है. अधिकांश जगहों पर पानी नहीं आता है, जहां आता है उस पर लोगों को विश्वास नहीं....

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....दिल्ली में बसों की हालत खराब है, अपने दफ्तर आने जाने में दिल्ली के लोगों को कम से कम परेशानी हो इसका हमने निरंतर प्रयास किया है. दिल्ली के भीतर की सड़कों पर ध्यान देने के साथ साथ हमने दिल्ली के आस पास पेरिफेरल एक्सप्रेस वे बनाने का काम किया. इसे भी पूर्व की सरकारों ने लटका रखा था. इसके बन जाने से 30-40 हजार ट्रक दिल्ली में नहीं आते हैं. बाहर से ही निकल जाते हैं. जिससे प्रदूषण की समस्या को कम करने का भी प्रयास हुआ है. दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए हमने सैंकड़ों सीएनजी स्टेशन लगाए. हजारों ईंट भट्टों को नई तकनीक से जोड़ा गया है, पराली जलाने केे लिए आस पास के राज्यों की मदद की है. उनका साथ दिया है.

हमने दिल्ली वालों को दिया तोहफा
पीएम ने कहा, 'हमारी सरकार ने 1700 कॉलोनियों को नियमित करने का काम किया है. दिल्ली में सालाना करीब 25 किलोमीटर नया मेट्रो रूट बन रहा है. पिछली सरकारों ने गरीबों के लिए तो कुछ किया नहीं, लेकिन दिल्ली के महंगे इलाकों में अपने करीबियों के लिए अवैध बंगले बनाए. जब मैं गरीबों के लिए कुछ करने लगा तो रोड़े अटकाने लगे. लेकिन इन्हें मालूम नहीं था मैं मोदी हूं. मैं धीमी रफ्तार से ना काम चलेगा, ना चलने दूंगा. उनके वीआईपी उनको मुबारक, मेरे वीआईपी तो आप लोग है. अवैध कॉलोनियों को नियमित करने काम मैंने हाथ में लिया....

...चुनावों के समय बुल्डोजर का पहिया कुछ समय के लिए रुक जाता था. लेकिन समस्या वही की वही रहती थी. आज आपको इस समस्या के स्थाई समाधान करने की इन लोगों ने कभी नीयत नहीं दिखाई. हालत तो ये थी लोग कॉलोनियों से जोड़ी छोटी छोटी तैयारियों के लिए भटकते रहते थे. जिन लोगों ने दिल्ली के लोगों को उनके अधिकार से दूर रखा था. जिन्होंने तरह तरह के रोडे अटकाए. वो आज देख सकते हैं कि अपने घर पर अधिकार मिलने की खुशी क्या होती है वो आज रामलीला मैदान में देखी जा सकती है. आजादी के इतने सालों बाद भी देशवासियों को छल कपट और झूठे चुनावी वायदों से गुजरना पड़ा.'

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