सजा पाए सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर हो प्रतिबंध, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब
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सजा पाए सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर हो प्रतिबंध, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब

याचिकाकर्ता ने कहा कि दो वर्ष से कम के कारावास की सजा पाने वालों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाती है. इससे ज्यादा की सजा वालों को क्यों अनुमति नहीं है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई पर केंद्र सरकार को इस बाबत पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं.

चंड़ीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने यह नोटिस गणेश खेमका की उस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया, जिसमें उन्होंने किसी भी अपराध के लिए सजा पाने वाले सभी लोगों को संसदीय या विधानसभा चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की मांग की है. 

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि अब दो वर्ष से कम के कारावास की सजा पाने वालों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाती है. वहीं, दो साल से ज्यादा की सजा पाने वाला व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य माना जाता है. याची के अनुसार, यह समानता के अधिकार के खिलाफ है, क्योंकिअपराध तो अपराध होता है, छोटा हो या बड़ा. 

 

उन्होंने याचिका में कहा कि अगर किसी व्यक्ति को दो साल की सजा हुई है या किसी को दो से ज्यादा हुई है तो, सजा तो दोनो को हुई है. फिर दो साल से कम वाले को चुनाव लड़ने की छूट देना और दो साल से ज्यादा सजा होने वाले को चुनाव न लड़ने देने की इजाजत देना कितना उचित है. याचिका पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई पर केंद्र सरकार को इस बाबत पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी.

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