69 दिन बाद भी शाहीन बाग का नहीं निकला हल, प्रदर्शनकारियों ने रखी ये 5 मांगे
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69 दिन बाद भी शाहीन बाग का नहीं निकला हल, प्रदर्शनकारियों ने रखी ये 5 मांगे

बता दें दो महीनों से भी ज्यादा समय से शाहीन बाग में सीएए , एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ आंदोलन चल रहा है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: शाहीन बाग (shaheen bagh) में CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं से बातचीत की प्रक्रिया जारी है. शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की तरफ से नियुक्त वार्ताकारों में से एक साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंची. वहीं प्रदर्शनकारियों ने भी आज अपनी पांच मांगे रखीं. 

वार्ताकार ने प्रदर्शनाकारियों से कहा कि अगर रास्ता बंद रहा तो हम मदद नहीं कर पाएंगे.  साधाना ने कहा कि वह मीडिया से बात नहीं करेंगी और केवल महिलाओं से ही बात करेंगी. 

वहीं प्रदर्शनकारियों के स्टेज से चार मांगे की गई- 1- आधी सड़क खुलती है तो सिक्योरिटी की ज़िम्मेदारी लें. 2- जामिया के छात्रों के खिलाफ केस वापस लिए जाए.  3- दिल्ली में एनपीआर लागू न हो 4-  प्रदर्शनकारियों खिलाफ हर तरह के विवादित बयान पर कार्यवाही हो. 5- शाहीन बाग़ में एक ऐसी जगह बने जहां प्रदर्शन हो. 

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इससे पहले शुक्रवार को  शाहीनबाग में वार्ताकार और प्रदर्शनकारियों की बातचीत में सुरक्षा का मुद्दा अहम रहा है और जब सुरक्षा को लेकर बात रखी गई तो प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस लिखित में आश्वासन दे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर हमें भरोसा नहीं है और अगर कुछ घटना होती है तो कमिश्नर से लेकर बीट कॉन्स्टेबल को जिम्मेदार माना जाए और बर्खास्त किया जाए। 

साधना रामचंद्रन ने कहा, "एक बात बतायें दूसरी तरफ की सड़क किसने घेरी है?" तो प्रदर्शनकारियों की तरफ से आवाज आई हमने नहीं घेरी। इसके बाद वार्ताकार रामचंद्रन ने कहा कि अच्छा आप ये कहना चाहती हैं कि सड़क पुलिस ने घेरी है आपने नहीं!

इसके बाद एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब पुलिस ने सड़क ही आगे से बंद कर रखी है तो हमने इसे फिर अपनी सुरक्षा की वजह से बंद कर दी। वार्ताकार साधना ने अपनी बात तो आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर पुलिस के द्वारा बंद रास्ते खुल जाएंगे तो क्या रास्ते की दिक्कतें खत्म हो जाएगी? तो प्रदर्शनकारियों की तरफ से कहा गया कि पुलिस द्वारा बंद रास्ते खुलते हैं तो रास्ते का समाधान निकल जाएगा।

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