सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री पर लगा बैन हटाया
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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री पर लगा बैन हटाया

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री के लिए स्थाई लाइसेंस निलंबित करने का अपना आदेश मंगलवार को अस्थाई रूप से यह कहते हुए वापस ले लिया कि पूरी तरह से प्रतिबंध एक 'कठोरतम कदम' होगा. न्यायालय ने कहा कि पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश पाने के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध हटाने के उसके आदेश पर दीवाली के बाद 'समीक्षा' की आवश्यकता हो सकती है लेकिन यह त्यौहार के बाद वायु की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा.

न्यायालय ने आने वाले त्यौहारों के दौरान पटाखे चलाने से दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर पडने वाले असर के अध्ययन के लिए एक समिति भी गठित की है. (FILE - प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री के लिए स्थाई लाइसेंस निलंबित करने का अपना आदेश मंगलवार को अस्थाई रूप से यह कहते हुए वापस ले लिया कि पूरी तरह से प्रतिबंध एक 'कठोरतम कदम' होगा. न्यायालय ने कहा कि पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश पाने के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध हटाने के उसके आदेश पर दीवाली के बाद 'समीक्षा' की आवश्यकता हो सकती है लेकिन यह त्यौहार के बाद वायु की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा.

पटाखों के स्वास्थ्य पर असर के लिए समिति का गठन
न्यायालय ने आने वाले त्यौहारों के दौरान पटाखे चलाने से दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर पडने वाले असर के अध्ययन के लिए एक समिति भी गठित की है. केंद्रीय  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली इस समिति को दशहरा और दीवाली के त्यौहार के मौसम में जनता के स्वास्थ्य पर इन पटाखों के प्रभाव का अध्ययन करके 31 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपनी है. इसके अलावा, न्यायालय ने पुलिस को भी निर्देश दिया है कि 2016 की तुलना में इस साल पटाखों की बिक्री के लिये अस्थाई लाइसेंसों की संख्या 50 प्रतिशत कम कर दी जाए. इनकी अधिकतम सीमा 500 निर्धारित की गयी है.

न्यायालय ने कहा कि यद्यपि उसकी मुख्य चिंता सांस लेने के लिये अच्छी गुणवत्ता की हवा के मानव अधिकार को लेकर है लेकिन निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि पिछले साल नवंबर-दिसंबर में अत्यंत खराब वायु गुणवत्ता की वजह सिर्फ त्यौहारों के दौरान चलाये गए पटाखे ही हैं.

और क्या कहा कोर्ट ने?
पीठ ने कहा, 'परिणामस्वरूप, पटाखों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध एक अत्यधिक कठोर कदम होगा जिसकी शायद हमारे सामने उपलब्ध तथ्यों के मद्देनजर आवश्यकता नहीं हो. इसलिए 11 नवंबर, 2016 के हमारे अंतरिम आदेश में सुधार करना और स्थाई लाइसेंस से निलंबन हटाना न्यायोचित है.'

पीठ ने कहा कि 11 नवंबर, 2016 के आदेश के तहत स्थाई लाइसेंस का निलंबन कुछ समय के लिये हटाया जाता है. इस पर दीवाली के बाद समीक्षा की आवश्यकता हो सकती है लेकिन यह त्यौहारों के बाद वायु की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा.

इसके साथ ही पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि स्थाई लाइसेंस धारकों द्वारा पटाखों की बिक्री ऊपर दिये गये निर्देशों और विस्फोटक नियमों के अनुपालन के अनुसार ही की जाएगी. न्यायालय ने इस मामले में 16 विस्तृत निर्देश दिये हैं

शीर्ष अदालत ने गत वर्ष 11 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में थोक और खुदरा पटाखों की बिक्री की अनुमति देने वाले सभी लाइसेंस निलंबित कर दिए थे.

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