टैंकर घोटाले की निष्पक्ष जांच के बहाने केजरीवाल ने फिर मांगी एसीबी
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टैंकर घोटाले की निष्पक्ष जांच के बहाने केजरीवाल ने फिर मांगी एसीबी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज मांग की कि शीला दीक्षित के कार्यकाल के कथित पानी टैंकर घोटाले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) का नियंत्रण दिल्ली सरकार को दिया जाए। भाजपा ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था।

टैंकर घोटाले की निष्पक्ष जांच के बहाने केजरीवाल ने फिर मांगी एसीबी

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज मांग की कि शीला दीक्षित के कार्यकाल के कथित पानी टैंकर घोटाले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) का नियंत्रण दिल्ली सरकार को दिया जाए। भाजपा ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था।

विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन आज तब बड़ा अभद्र दृश्य दिखा जब विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता अध्यक्ष रामनिवास गोयल द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव नामंजूर कर दिये जाने पर डेस्क पर खड़े हो गए। यह सत्र नगर निगमों के समक्ष मौजूद मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाया गया था।

केजरीवाल ने गुप्ता की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे की जांच करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि केंद्र ने ‘अर्धसैनिक बलों’ का इस्तेमाल कर एसीबी अपने नियंत्रण में ले लिया। दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा द्वारा सौंपी गयी तथ्यान्वेषी रिपोर्ट में इस मुद्दे का उल्लेख है।

उन्होंने गुप्ता से कहा, ‘मैं कल ही आपको दिल्ली जल बोर्ड की तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट दूंगा। आप भी पेंशन घोटाले में अपनी पत्नी की भूमिका के बारे में तथ्य दीजिए।’ इस पर गुप्ता इस कदर कुपित हो गए कि वह अपनी कुर्सी छोड़ अपने डेस्क पर खडे हो गए और उन्होंने आम आदमी पार्टी पर विपक्ष की आवाज कुचलने का आरोप लगाया।

केजरीवाल ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारा इतना दृढ़ निश्चय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उससे डर गए। अतएव उन्होंने पिछले साल 8 जून को अर्धसैनिक बल एसीबी में भेजा और उसे अपने नियंत्रण में ले लिया। सभी को मालूम है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच पति-पत्नी जैसा संबंध है।’ 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा को इस मामले की जांच की मांग के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिखने की चुनौती दी। गोयल ने गुप्ता के आचरण को अप्रत्याशित एवं शर्मनाक करार दिया।

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