ZEE जानकारी: पुलिसकर्मियों को उनके हिस्से का सम्मान नहीं मिल पाता!
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ZEE जानकारी: पुलिसकर्मियों को उनके हिस्से का सम्मान नहीं मिल पाता!

देश में पुलिसकर्मियों के करीब 24 लाख 80 हजार पद हैं . जिसमें से 5 लाख 40 हजार पद खाली हैं . स्टाफ  की इसी कमी की वजह से पुलिसकर्मियों को ज्यादा काम करना पड़ता है

ZEE जानकारी: पुलिसकर्मियों को उनके हिस्से का सम्मान नहीं मिल पाता!

नई दिल्ली: पुलिस एक आम आदमी को सुरक्षा का भरोसा देती है तो अपराधियों के मन में खौफ पैदा करती है . आपने भी गौर किया होगा कि जब आप किसी सुनसान जगह से गुज़रते हैं और वहां पुलिस का कोई वाहन खड़ा होता है..तो अचानक आपके मन में ये भाव जागता है कि आप सुरक्षित हैं. इसी तरह पुलिस की चेक पोस्ट देखकर अपराधी डर जाते हैं और उन्हें कई बार अपना रास्ता बदलना पड़ता है. लेकिन फिर भी हमारे देश में कानून की रक्षा करने वाले इन पुलिसकर्मियों को उनके हिस्से का सम्मान नहीं मिल पाता . इसलिए आज हमने आंकड़ों की मदद से इस बात का भी विश्लेषण किया है कि पुलिस वाले किन हालात में अपना कर्तव्य निभाते हैं .

देश में पुलिसकर्मियों के करीब 24 लाख 80 हजार पद हैं . जिसमें से 5 लाख 40 हजार पद खाली हैं . स्टाफ की इसी कमी की वजह से पुलिसकर्मियों को ज्यादा काम करना पड़ता है . देश का हर पुलिसकर्मी प्रतिदिन औसतन 14 घंटे की ड्यूटी करता है . और पुलिस कर्मियों को OverTime का कोई पैसा भी नहीं मिलता है .

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक एक लाख की जनसंख्या पर 222 पुलिसकर्मी होने चाहिए . जबकि भारत में एक लाख की जनसंख्या पर सिर्फ 144 पुलिसकर्मी ही हैं . वहीं एक लाख की जनसंख्या पर अमेरिका में 226 और रूस में 416 पुलिसकर्मी हैं .फ्रांस में 330 और यूके में 226 पुलिस वाले हैं .

सरल शब्दों में कहें तो अपराध पर लगाम लगाने के लिए भारत में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल है ही नहीं . देश के करीब 84 प्रतिशत पुलिसकर्मियों का कहना है कि ड्यूटी पर ओवरटाइम की वजह से वो परिवार को समय नहीं दे पाते हैं. पुलिसकर्मियों की दूसरी बड़ी समस्या ये है कि उनकी ड्यूटी का वक्त निश्चित नहीं होता है . और भारत के 50 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को पूरे सप्ताह काम करना पड़ता है . 73 प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने माना है कि काम के बोझ का असर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है .

यानि काम का बोझ पुलिसकर्मियों को बीमार कर रहा है .पुलिसकर्मियों को मिलने वाली सुविधाओं की बात की जाए तो यहां भी स्थिति बहुत खराब है . देश के 22 राज्यों में 70 पुलिस स्टेशन ऐसे हैं . जहां पर वायरलेस की सुविधा उपलब्ध नहीं है . देश भर में आज भी 214 ऐसे पुलिस स्टेशन हैं . जहां टेलीफोन नहीं है . इसके अलावा देश में 240 ऐसे पुलिस स्टेशन भी हैं . जहां वाहनों की सुविधा ही नहीं है .

पांच में से तीन पुलिसकर्मियों के परिवार वाले ...सरकारी आवास की सुविधा से संतुष्ट नहीं है . क्योंकि इन घरों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव होता है . देश के 37 प्रतिशत पुलिसकर्मी अपनी नौकरी छोड़ना चाहते हैं . बशर्ते उन्हें किसी दूसरी नौकरी में अच्छा वेतन और सुविधाएं मिलें . देश के 12 प्रतिशत पुलिसकर्मियों का मानना हैं कि पुलिस स्टेशन में पीने के पानी की भी समस्या है .

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