एयर इंडिया और निजी एयरलाइनों- जेट एयरवेज, इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर का प्रतिनिधित्व करने वाले फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइन्स (एफआईए) ने एफडीटीएल में तब्दीलियों की इजाजत नहीं देने का डीजीसीए को हाईकोर्ट के 18 अप्रैल के निर्देश में संशोधन का आग्रह किया है.
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नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने विमान चालकों के लिए निर्धारित फ्लाइट एवं सेवा काल सीमाएं (एफडीटीएल) में परिवर्तन के मुद्दे पर एयर इंडिया और प्रमुख भारतीय एयरलाइनों के निकाय एफआईए की याचिकाओं पर केन्द्र एवं विमानन नियामक डीजीसीए का रुख आज जानना चाहा.
एयर इंडिया और निजी एयरलाइनों- जेट एयरवेज, इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर का प्रतिनिधित्व करने वाले फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइन्स (एफआईए) ने एफडीटीएल में तब्दीलियों की इजाजत नहीं देने का डीजीसीए को हाईकोर्ट के 18 अप्रैल के निर्देश में संशोधन का आग्रह किया है.
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल एवं न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने केन्द्र और डीजीसीए के अलावा केरल के एक वकील को भी नोटिस जारी किए जिनकी याचिका पर हईकोर्ट ने 18 अप्रैल का आदेश पारित किया था. उसने सुनवाई की अगली तारीख 22 मई तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है. एयरलाइनों का दावा है कि एफडीटीएल में परिवर्तन कई बार अनिवार्य होता है. अभी 13 मई को धूल भरी आंधी के चलते दिल्ली से करीब 70 उड़ानों को दूसरे हवाई अड्डों की तरफ मोड़ने का हाल का मामला इसकी एक मिसाल है. एयरलाइनों ने दावा किया कि अगर उनकी दलीलें सुनी गईं होती तो 18 अप्रैल का फैसला पारित नहीं होता.
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उन्होंने कहा कि अदालती आदेश के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दो मई को एक पत्र जारी कर एफडीटीएल में मंजूर किए गए सभी पूर्व संशोधन वापस ले लिए. डीजीसीए ने एयरलाइनों को एक संशोधित एफडीटीएल स्कीम भी दाखिल करने का कहा जो 2011 की नागरिक विमानन आवश्यकता (सीएआर) के अनुरूप हो.
(इनपुटःभाषा)