Rau's Coaching Death Row: मौतों के बाद खुलती हैं इनकी आंखें, मोमबत्तियां बुझ जाएंगी और ये फिर सो जाएंगे!
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Rau's Coaching Death Row: मौतों के बाद खुलती हैं इनकी आंखें, मोमबत्तियां बुझ जाएंगी और ये फिर सो जाएंगे!

Old Rajendra Nagar Death Case: ओल्ड राजेंद्र नगर में  Rau's IAS Coaching Center के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.  पुलिस ने कोचिंग सेंटर मालिक और अन्य को गिरफ्तार किया. वहीं,  दिल्ली सरकार, नगर निगम, और केंद्र सरकार एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.

Rau's Coaching Death Row: मौतों के बाद खुलती हैं इनकी आंखें, मोमबत्तियां बुझ जाएंगी और ये फिर सो जाएंगे!

Old Rajender Nagar Accident: दिल्ली को प्रदर्शनों की राजधानी घोषित कर देनी चाहिए, क्योंकि यहां इससे ज्यादा जल्दी शायद ही कोई काम होता हो. अब देखिए न, अव्यवस्था के कारण दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में Rau's IAS कोचिंग सेंटर में जब से तीन बच्चों की मौत की खबर सामने आई है, तब से प्रदर्शन ही तो हो रहे हैं. एक और भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी वाली दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रही है.

'बरमूडा ट्रायंगल' में फंस जाता है हर मुद्दा
आपने बरमूडा ट्रायंगल के बारे में सुना होगा. दिल्ली भी न जाने किस 'बरमूडा ट्रायंगल' में फंसी हुई है. यहां सभी दावे करते हैं कि वो जनता के शुभचिंतक हैं. चाहे वो दिल्ली सरकार हो, दिल्ली नगर निगम हो या केंद्र सरकार, लेकिन कोई घटना घट जाने पर यही अपना-अपना पल्ला झाड़ कर एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने लगते हैं. आज भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी वाली दिल्ली पर इस हादसे को लेकर निशाना साध रही है, तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी बीजेपी और एलजी के खिलाफ काम न करने देने का आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रही है. लेकिन उनकी कौन सुनेगा या सोचेगा जिनके घर की खुशियां बारिश की पानी में डूब गईं.

गोदाम में लाइब्रेरी
जिस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में न जानें कितने सपने और खुशियां डूब गईं. वहां सिर्फ गोदाम बनाने के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन चल रही थी लाइब्रेरी. ऐसे में सवाल यह है कि क्या दिल्ली नगर निगम को पता ही नहीं कि उसके कार्यक्षेत्र में आने वाली जगहों पर कौन-सी ऐसी चीजें चल रही हैं, जो उसके ही आदेशों का उल्लंघन कर रही हैं? छात्रों के अनुसार, ओल्ड राजेंद्र में करीब 99 प्रतिशत लाइब्रेरी बेसमेंट में ही चलती हैं. ऐसे में प्रशासन और छात्रों को शुभचिंतक स्वयंभू कहां हैं? क्यों उनको इन सारी चीजों की जानकारी नहीं हो पाती है?

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छात्र हितैषी बनने की होड़
आज सड़क से लेकर सदन तक में छात्र हितों की बात की जा रही है, लेकिन क्या आज से पहले दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बारिश नहीं होती होगी. अगर पहली बारिश में ही हालात को देखकर दूरदर्शिता बरती जाती तो आज इस बड़ी घटना को घटने से रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया. और नतीजा सबके सामने ही है.

आश्वासन का शुरू दौर
सोमवार 29 जुलाई को घटनास्थल पर दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना भी पहुंचे थे और उन्होंने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को यह आश्वासन दिया कि दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा. दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रही है. एलजी के सामने भी आक्रोशित छात्रों ने नारेबाजी की.

AC कमरों में बैठकें तो लाजमी हैं!
वहीं, दिल्ली के मेयर शैली ओबेरॉय ने आपातकालीन बैठक बुलाई है. जिसमें MCD कमिश्नर, चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर जल बोर्ड और PWD के प्रिंसिपल सचिव भी शामिल होंगे. लेकिन दूसरी ओर राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह बोल रहे हैं कि 'हमारे हाथों को बांध रखा है. एलजी के माध्यम से हर काम में रोड़ा अटकाया जा रहा है.' यानी कुल मिलाकर सब वैसा ही है!  कुछ दिनों के लिए सभी कुंभकरनी नींद से जगे हैं, मोमबत्तियां बुझ जाएंगी और ये फिर सो जाएंगे.

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