Karnal के 2 युवकों की कैलिफोर्निया की झील में डूबने से मौत, सरकार से मदद की गुहार लगा रहे परिजन
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Karnal के 2 युवकों की कैलिफोर्निया की झील में डूबने से मौत, सरकार से मदद की गुहार लगा रहे परिजन

Karnal News: कैलिफोर्निया की साल्टन झील में डूबने से हरियाणा के करनाल जिले के दो युवकों की मौत हो गई. मृतक के परिजन शव को भारत लाने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. 

Karnal के 2 युवकों की कैलिफोर्निया की झील में डूबने से मौत, सरकार से मदद की गुहार लगा रहे परिजन
Karnal News: हरियाणा में करनाल जिले के रहने वाले दो युवकों की अमेरिका के कैलिफोर्निया की साल्टन झील में डूबने से मौत हो गई. मृतक युवक असंध के गोबिंदगढ़ और करनाल के चुरनी गांव के रहने वाले थे. मृतक घर के इकलौते चिराग थे. दोनों ही युवक डंकी से अमेरिका गए थे. युवकों की मौत के बाद परिवार अपने बेटों के शव को अमेरिका से भारत लाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहा है, जिससे उन्हें गांव की मिट्टी नसीब हो सके.
 
गोबिंदगढ़ का 21 वर्षीय महताब व चुरनी गांव का इक्कम सिंह दोनों अमेरिका में काम करते थे. 25 जून को कैलिफोर्निया की साल्टन झील में नहाने के लिए गए थे. नहाते समय महताब झील में डूबने लगा, तभी इक्कम उसको बचाने के लिए झील में कूद गया. वह पहले युवक को बचाने की जगह खुद भी डूबने लगा. आसपास के लोगों ने जब दोनों युवकों को डूबते देखा तो उनको बचाने के लिए झील में उतर गए, जिसके बाद उन्हें बाहर निकाल लिया गया. दोनों को गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. युवकों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. 
 
 
महताब के पिता खेतीबाड़ी का काम करते हैं. उन्होंने करीब 35 लाख रुपए खर्च कर अपने बेटे को अमेरिका भेजा था, लेकिन आज वह उनके बीच नहीं रहा. पिता ने सरकार से अनुरोध किया है कि उनके बेटे का शव भारत लाया जाए ताकि रीति-रिवाज के अनुसार उसका दाह संस्कार किया जा सके. अगर शव भारत नहीं आ पाया तो मृतक के माता-पिता इमरजेंसी वीजा लगवाने का प्रयास करेंगे, जिससे वो अमेरिका जाकर वहीं अंतिम संस्कार कर सकें. इस संबंध में सरकार से भी बातचीत की जा रही है. 
 
गांव चुरनी निवासी इक्कम सिंह 14 महीने पहले ही अमेरिका गया था, इक्कम वहां जॉब कर रहा था. उसके घरवालों ने आधी जमीन बेचकर उसे अमेरिका में भेजा था, जिससे घर के हालात सुधर सकें. वह घर का इकलौता बेटा था.  मृतक के पिता रूपिंद्र सिंह ने बताया कि हमें विश्वास नहीं है कि हमारे बेटे के साथ ऐसा हो सकता है. हमारे घर का इकलौता चिराग बुझ गया. 
 
इक्कम के घर की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा मजबूत नहीं है कि वो बेटे का शव भारत ला सकें, इसमें लाखों रुपए खर्च होंगे. परिवारवालों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मृतक के माता-पिता का कहना है कि बेटे का शव भारत आ जाता है तो उसका आखिरी बार चेहरा देख लेते. 
 
Input- Kamarjeet Singh  

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