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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब के बीच खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. अदालत ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से कहा कि उन्हें प्रदर्शनकारी किसानों को समझाना चाहिए कि वे राजमार्गों को बाधित न करें. इस आदेश का उद्देश्य आम जनता की सुविधाओं का ध्यान रखना है.
डल्लेवाल की रिहाई
सोमवार को सुनवाई के दौरान, अदालत ने बताया कि डल्लेवाल को पुलिस ने खनौरी बॉर्डर से उठाया था, लेकिन अब उन्हें रिहा कर दिया गया. इसके बाद, डल्लेवाल ने फिर से अपने साथियों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. उनकी मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग शामिल है.
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शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार
डल्लेवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि लोगों को असुविधा न हो. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुयां ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शन से आम जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
खनौरी बॉर्डर की अहमियत
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि खनौरी बॉर्डर पंजाब के लिए लाइफलाइन की तरह है. उन्होंने डल्लेवाल से अनुरोध किया कि वे प्रदर्शनकारियों को समझाएं कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखें. अदालत ने यह भी कहा कि प्रदर्शन का उद्देश्य सही हो सकता है, लेकिन जनता की सुविधाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए.