पैरोडी ट्वीट पर दिल्ली पुलिस आयुक्त बस्सी की हुई किरकिरी
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पैरोडी ट्वीट पर दिल्ली पुलिस आयुक्त बस्सी की हुई किरकिरी

एक पैरोडी अकाउंट से किये गए ट्वीट को लेकर दिल्ली के पुलिस प्रमुख बी एस बस्सी ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एक टीवी पत्रकार पर निशाना साधा जिसके कारण सोशल मीडिया पर उनका उपहास उड़ाया गया।

पैरोडी ट्वीट पर दिल्ली पुलिस आयुक्त बस्सी की हुई किरकिरी

नई दिल्ली : एक पैरोडी अकाउंट से किये गए ट्वीट को लेकर दिल्ली के पुलिस प्रमुख बी एस बस्सी ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एक टीवी पत्रकार पर निशाना साधा जिसके कारण सोशल मीडिया पर उनका उपहास उड़ाया गया।

पैरोडी ट्वीट से चिढ़े बस्सी ने केजरीवाल और पत्रकार रवीश कुमार को ‘खुद का गुणगान’ करने वाला कहा जबकि उन्होंने इस तथ्य पर गौर ही नहीं किया कि ऑनलाइन गाली-गलौज की प्रवृति के कारण रवीश ने ट्विटर का इस्तेमाल बंद कर दिया।

संपर्क किये जाने पर रवीश ने कहा कि वह क्षुब्ध नहीं है लेकिन हैरान हैं कि पैरोडी ट्वीट करने वाले व्यक्ति से शीर्ष पुलिस अधिकारी चकमा खा गए।

रवीश ने कहा, ‘उन्हें (बस्सी) सावधान रहना चाहिए। लेकिन कोई बात नहीं, मुझे हंसी आयी। हम पत्रकार लेफ्ट राइट और सेंटर का हमला झेलते हैं। जब मैं ट्विटर पर सक्रिय था तो लगातार लोगों को इस प्रवृति के बारे में आगाह कर रहा था।’ बस्सी एक ट्वीट पर जवाब दे रहे थे, जिसमें खाकी को लेकर उनकी ‘प्रतिबद्धता’ पर सवाल उठाया गया और हैरानी जतायी गयी कि उनकी निष्ठा वर्दी के प्रति है या निक्कर के प्रति। निक्कर के जरिए परोक्ष रूप से आरएसएस का हवाला दिया गया।

हिंदी में लिखे गए जिस ट्वीट को केजरीवाल ने रीट्वीट किया, उसमें लिखा है, ‘बस्सी जब कहते हैं कि उनकी कमिटमेंट खाकी के प्रति है तो समझ नहीं आता वो वर्दी की बात कर रहे हैं या निक्कर की।’ आयुक्त ने प्रतिक्रिया में कहा, ‘संविधान, राष्ट्र और सत्य को लेकर प्रतिबद्ध एटदरेटऑफ अरविंद केजरीवाल और एटदरेटऑफ रवीशएनडीटीवी। स्वयंभू समालोचकों के लिए आत्मावलोकन बेहतर होगा।’

सोशल मीडिया देखने वाली दिल्ली पुलिस टीम में सूत्रों ने स्वीकार किया कि टीम को बाद में अहसास हुआ कि पैरोडी अकाउंट से ट्वीट किया गया हालांकि उन्होंने स्पष्टीकरण नहीं दिया। पिछले रविवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह कह कर विवाद छेड़ दिया था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी दिए जाने के खिलाफ जेएनयू में प्रदर्शन को लश्करे तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का समर्थन था।

हालांकि गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि सिंह का बयान विभिन्न एजेंसियों की सूचनाओं पर आधारित था लेकिन खबरों के मुताबिक यह सईद के फर्जी ट्विटर अकाउंट से हुये ट्वीट की पृष्ठभूमि में था। कुछ ट्वीट में कहा गया है, ‘बस्सी केवल फर्जी अकाउंट पर जवाब देते हैं और फर्जी ट्वीट, हाफिज सईद के फर्जी ट्वीट, जेएनयू के फर्जी वीडियो और अब रवीश एनडीटीवी के फर्जी ट्वीट पर कदम उठाते हैं, बस्सी जी बस करो।’ 29 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे आयुक्त दिल्ली पुलिस के जेएनयू विवाद को लेकर सही तरीके से निपट नहीं पाने के कारण आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।

रवीश कुमार के वेरिफाइड अकाउंट से अंतिम बार 22 अगस्त को ट्वीट हुआ था। ऑनलाइन बदतमीजी के खिलाफ उदारवादियों की ‘चुप्पी’ पर उन्होंने ट्वीट करना बंद कर दिया था।

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