Farmer Violence: दंगाइयों के बुरे वक्त का काउंट डाउन शुरू, Delhi Police इस रणनीति से कस रही है शिकंजा
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Farmer Violence: दंगाइयों के बुरे वक्त का काउंट डाउन शुरू, Delhi Police इस रणनीति से कस रही है शिकंजा

दिल्ली पुलिस  (Delhi Police) ने 26 जनवरी को शहर में हिंसा करने वाले उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए खास रणनीति पर काम कर रही है. दंगाइयों को पकड़ने के लिए वह तकनीक से लेकर जांच के दूसरे तरीकों का भी सहारा ले रही है. 

26 जनवरी को लाल किले में हिंसा करते किसान प्रदर्शनकारी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने 26 जनवरी (26 January) के उपद्रवियों (Farmer Violence) की पहचान कर उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इन उपद्रवियों के चेहरे तस्वीरों में साफ नजर आ रहे है. पुलिस अब उनके चेहरों की फेस रिकॉग्निशन तकनीक के जरिए पहचान करेगी. दिल्ली पुलिस इस काम में पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस की भी मदद लेगी. 

  1. अभी तक कोई किसान नेता जांच में शामिल नहीं हुआ
  2. टकराव के डर से धरनास्थलों पर जाने से बच रही पुलिस
  3. जांच में सहयोग न करने पर गैर-जमानती वारंट होंगे जारी

अभी तक कोई किसान नेता जांच में शामिल नहीं हुआ

सूत्रों के मुताबिक किसान हिंसा (Farmer Violence) में जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं. उनके ब्यान के आधार पर किसान नेताओं की भूमिका के बारे में भी जानने की कोशिश की जाएगी. अभी तक दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 2 बार किसान नेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. लेकिन अभी तक कोई भी किसान नेता जांच में सहयोग करने के लिए नहीं आया है. 

टकराव के डर से धरनास्थलों पर जाने से बच रही पुलिस

सूत्रों के मुताबिक किसान नेताओ को ये डर सता रहा है कि अगर वो पूछचाछ में शामिल होने के लिए पुलिस के पास गए उन्हें  गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं पुलिस मौके पर जाकर पूछताछ करने के बजाय किसान नेताओ के आने का इंतज़ार कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि यदि वे  सिंघु (Singhu Border), टिकरी या गाज़ीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पूछताछ करने के लिए गए तो वहां टकराव की स्थिति बन सकती है. 

बिना टकराव पर रणनीति पर काम कर रही है दिल्ली पुलिस

आरोपी किसान नेता देश छोड़कर न भाग सकें, इस आशंका से बचने के लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 44 लोगों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करवा दिया है. सूत्रों का कहना है कि बदले हालात को देखते हुए दिल्ली पुलिस बिना किसी टकराव वाली एक खास रणनीति पर काम कर रही है. वह हिंसा फैलाने वाले आरोपियों की तस्वीरों और उनके ट्रैक्टर के नंबर के आधार पर उन तक पहुंचना चाहती है. 

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जांच में सहयोग न करने पर गैर-जमानती वारंट होंगे जारी

पुलिस (Delhi Police) ने फिलहाल किसान नेताओं को पूछताछ में शामिल होने के नोटिस भेजे हैं. यदि आरोपी नेता जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो पुलिस उनके अदालत से गैर ज़मानती वारंट जारी करवाएगी. जिसके बाद किसानों को पुलिस के पास आने के सिवा कोई चारा नहीं बचेगा. पुलिस ने कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए एक-एक कड़ियों को जोड़ने की शुरूआत कर दी है. 

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