दिल्‍ली कैब रेप केस: पुलिस ने आरोपी ड्राइवर का आईफोन किया बरामद, उबेर के खिलाफ हाईकोर्ट में केस मंजूर
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दिल्‍ली कैब रेप केस: पुलिस ने आरोपी ड्राइवर का आईफोन किया बरामद, उबेर के खिलाफ हाईकोर्ट में केस मंजूर

गुड़गांव की एक निजी कंपनी में काम करने वाली 27 साल की एक युवती से बलात्कार के आरोपी ‘उबर’ कैब के ड्राइवर शिव कुमार यादव के बारे में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यादव सिर्फ बलात्कार ही नहीं, बल्कि छेड़छाड़, शस्त्र कानून और लूटपाट के मामलों में भी आरोपी रहा है।

दिल्‍ली कैब रेप केस: पुलिस ने आरोपी ड्राइवर का आईफोन किया बरामद, उबेर के खिलाफ हाईकोर्ट में केस मंजूर

नई दिल्‍ली : गुड़गांव की एक निजी कंपनी में काम करने वाली 27 साल की एक युवती से बलात्कार के आरोपी ‘उबर’ कैब के ड्राइवर शिव कुमार यादव के बारे में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यादव सिर्फ बलात्कार ही नहीं, बल्कि छेड़छाड़, शस्त्र कानून और लूटपाट के मामलों में भी आरोपी रहा है। आरोपी शिव कुमार यादव के तीसरे मोबाइल फोन को पुलिस ने बुधवार को बरामद कर लिया है। गौर हो कि पुलिस को कल शिव कुमार के दो फोन मिले थे। उधर, कैब सर्विस देने वाली कंपनी उबेर के खिलाफ हाईकोर्ट में केस मंजूर कर लिया गया है। शुक्रवार को इस मामले में दिल्‍ली हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी। उबेर पर आईटी नियमों के उल्‍लंघन का भी आरोप है। वहीं, नियम तोड़ने वाली अन्‍य कैब कंपनियों पर भी केस दर्ज किया गया है।

महिला कर्मी से बलात्कार मामले में दिल्ली पुलिस ने उबेर कैब कंपनी द्वारा आरोपी कैब चालक को मुहैया कराया गया आईफोन बरामद कर लिया है। शुक्रवार की रात एक वित्तीय कंपनी की कर्मी ने कंपनी के एप के जरिए कैब बुक की थी और कैब के अंदर ही आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया था।

इस स्मार्टफोन को दिल्ली पुलिस के दल ने मथुरा से बरामद किया। फोन की तलाश में दिल्ली पुलिस का यह दल आरोपी शिव कुमार यादव के साथ कल मथुरा गया था। आरोपी की सूचना के आधार पर फोन बरामद कर लिया गया। पुलिस पहले ही यादव द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तीन फोन में से दो फोन बरामद कर चुकी है। उबेर अपने कैब चालकों को उबेर एप के साथ एक आईफोन देता है। ग्राहक कंपनी के एप के जरिए कैब बुक करा सकते हैं और फिर यह प्रणाली ग्राहक के सबसे नजदीक रहे कैब चालक को संदेश भेजती है, जैसे ही कैब चालक कार्य के लिए अपनी ‘स्वीकृति’ देता है, एप के जरिए ग्राहक तक चालक का नाम, फोटो तथा पंजीकरण संख्या जैसे कैब से संबंधित अन्य विवरण भेज दिए जाते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह फोन हमारे लिए एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है। यह साबित करता है कि यादव उबेर के लिए काम करता था और यह हमें कैब सेवा के दोष को सिद्ध करने में मदद करेगा।

इससे यह भी साबित होगा कि यादव ही वह कैब चला रहा था जिसे पीड़िता ने बुक किया था। उन्होंने बताया कि पीड़िता ने जहां से कैब ली थी, उसका जीपीएस संकेत हमें मार्ग की पुष्टि करने में मदद पहुंचाएगा। इससे यह भी पता चलेगा कि अपराध स्थल पर कैब कब पहुंची और कब उसने पीड़िता को घर छोड़ा। आरोपी चालक ने कंपनी के सिस्टम पर ग्राहक को उसके नियत स्थान पर पहुंचाए जाने का संदेश भेजा था और फिर वह एप से बाहर आ गया। इसके बाद वह मथुरा फरार हो गया। बाद में आरोपी को मथुरा से गिरफ्तार कर लिया गया था और उसे तीन दिन तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

कैब सेवा देने वाली अमेरिकी कंपनी उबर के एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख से बुधवार को दिल्ली पुलिस लगातार दूसरे दिन भी पूछताछ करेगी। यह पूछताछ 27 वर्षीय एक महिला वित्तीय कार्यकारी से कंपनी के एक चालक द्वारा दुष्कर्म किए जाने के मामले में की जानी है। उबर के एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख एरिक एलेक्जेंडर कल इस घटना के संबंध में जारी जांच में शामिल हुए थे और दिल्ली के उत्तरी जिले के सिविल लाइन में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी। गौर हो कि मथुरा से आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने ‘उबर’ को काली सूची में डाल दिया जिससे यह कंपनी राजधानी में किसी तरह की परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं करा पाएगी। वहीं, बेंगलुरु पुलिस ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ओर पहल करते हुए मंगलवार को सभी कैब चालकों के लिए पृष्ठभूमि जांच अनिवार्य कर दिया।

उधर, पुलिस ने 27 वर्षीय महिला के बलात्कार के आरोपी उबर कैब के चालक के दो दोस्तों को पूछताछ के लिए बुलाया है। गौरव और कमल 32 वर्षीय शिवकुमार यादव के दो दोस्त हैं जो कई बार स्विफ्ट डिजायर कैब चलाते थे। गौर हो कि आरोपी शिव कुमार यादव 2011 में बलात्कार के एक मामले में तो आरोपी रहा ही है, 2013 के बलात्कार के एक मामले में भी वह जमानत पर है। पुलिस ने यादव को ‘बड़ा शैतान’ करार दिया है। जांच अधिकारियों ने कहा कि 32 साल के यादव ने पिछले साल उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक महिला से कथित तौर पर बलात्कार किया था। एक अन्य महिला से छेड़छाड़ के अलावा कम से कम दो और ऐसे मामलों में भी वह शामिल रहा है।

कल यह बात सामने आई थी कि यादव को 2011 में दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में बलात्कार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसने तिहाड़ जेल में सात महीने बिताए थे। बहरहाल, इस मामले में बाद में उसे बरी कर दिया गया था। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मधुर वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने पाया है कि वह शहर में कम से कम तीन और मामलों में शामिल था, जिसमें एक बलात्कार और एक छेड़छाड़ का मामला था। ये मामले उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में दर्ज किए गए थे । वह जमानत पर है। वर्मा ने कहा कि यादव को उसके गृह जिले मैनपुरी में 2003 में छेड़छाड़, 2006 में शस्त्र अधिनियम और 2013 में लूटपाट के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया था। वर्मा ने कहा कि ‘उबर’ बलात्कार कांड का आरोपी शिव कुमार यादव मैनपुरी के बड़े शैतान के तौर पर सामने आया है। मैनपुरी में उसकी पिछली आपराधिक संलिप्तताएं उस वक्त शुरू हुईं जब वह 2003 में महज 21 साल का था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अदालत से वह इन सभी मामलों में जमानत पर है। उसने शुक्रवार को 27 साल की महिला से कथित तौर पर बलात्कार किया। मैनपुरी में उसके खिलाफ गुंडा कानून के तहत भी दो मामले दर्ज हैं। यादव मैनपुरी के एलाउ पुलिस थाना क्षेत्र का रहने वाला है।

बलात्कार के कम से कम तीन मामलों में यादव के आरोपी होने की बात सामने आने के बाद अब जांच अधिकारी इस बात का पता लगाने की कोशिश करेंगे कि कहीं उसने अन्य महिला यात्रियों को तो अपना शिकार नहीं बनाया। जांच से जुड़े एक आला पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह पिछले कई साल से राष्ट्रीय राजधानी में टैक्सी चला रहा है। वह पिछले छह महीने से ‘उबर’ के लिए काम कर रहा था। लगता है कि वह कई अकेली और कमजोर दिखने वाली महिलाओं को अपना शिकार बना चुका है। हम इस बाबत उससे सख्त पूछताछ करने जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि उसने अब तक घटना को लेकर कोई पश्चाताप नहीं किया है पर वह डरा हुआ जरूर लग रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि साल 2011 के मामले में उसने एक बार डांसर से कथित तौर पर बलात्कार किया था। ऐसा लगता है कि उसे महिलाओं को अपना शिकार बनाकर बहुत अच्छा लगता है। यदि उसे पता होता कि परिवार का कोई सदस्य महिला का इंतजार कर रहा है या उसने उसे किसी से फोन पर बात करते हुए सुना होता तो वह शायद वित्तीय कंपनी की अधिकारी को अपना शिकार नहीं बनाता। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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