Adi Shankaracharya Jayanti 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आदि शंकराचार्य की जयंती मनाई जाती है. आज यानी 12 मई को आदि शंकराचार्य की 1236वीं जयंती मनाई जा रही है. उनको जगतगुरु शंकराचार्य के नाम से भी जाना जाता है. इनका नाम भारत के महान संतो में शामिल है. शास्त्रों के अनुसार शंकराचार्य जी छोटी सी उम्र में ही सन्यासी बन गए थे. उनकी जयंती के अवसर पर आज हम आपको शंकराचार्य के अनमोल विचारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके जीवन में बहुत काम आ सकते हैं.
मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने की तरह है, यह तब तक ही सच लगता है जब तक आप अज्ञान की नींद में सो रहे होते हैं. जब नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है.
अज्ञान के कारण आत्मा सीमित लगती है, लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है, तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है, जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देने लगता है.
सत्य की कोई भाषा नहीं है. भाषा सिर्फ मनुष्य का निर्माण है, लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं आविष्कार है. सत्य को बनाना या प्रमाणित नहीं करना पड़ता, सिर्फ उघाड़ना पड़ता है.
धन, लोगों, रिश्तों और दोस्तों या अपनी जवानी पर गर्व न करें. ये सब चीजें पल भर में छीन ली जाती हैं. इस मायावी संसार को त्याग कर परमात्मा को जानो और प्राप्त करो.
जिस प्रकार पत्थर, वृक्ष, भूसा, अनाज, चटाई, कपड़ा, घड़ा आदि जलने पर पृथ्वी में समा जाते हैं, उसी प्रकार शरीर और उसकी इंद्रियां,अग्नि में जलकर ज्ञानरूपी बन जाते हैं और सूर्य के प्रकाश में अंधकार की तरह ब्रह्म में लीन हो जाते हैं.
एक सच यह भी है की लोग आपको उसी वक्त तक याद करते हैं जब तक सांसें चलती हैं. सांसों के रुकते ही सबसे करीबी रिश्तेदार, दोस्त, यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़