Bhopal Divorce News: तलाकशुदा मर्दों के लिए होने जा रहा था 'डिवोर्स सेरेमनी' का आयोजन, बवाल के बाद रद्द हुआ प्रोग्राम
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Bhopal Divorce News: तलाकशुदा मर्दों के लिए होने जा रहा था 'डिवोर्स सेरेमनी' का आयोजन, बवाल के बाद रद्द हुआ प्रोग्राम

Divorce Programme Cancel: भोपाल मध्‍यप्रदेश में भाई वेलफेयर सोसाइटी ने एक समारोह रखा था. ये प्रोग्राम तलाकशुदा पुरुषों के लिए आयोजित किया गया था. ये प्रोग्राम रविवार, 11 सितंबर को होने वाला था. बवाल मचने के बाद प्रोग्राम केंसिल कर दिया गया. आइए जानते हैं कार्यक्रम के संयोजक ने इस बारे में क्‍या कहा. 

डिवोर्स सेरेमनी

Bhopal Divorce Invitation: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार डिवोर्स सेरेमनी (Divorce Ceremony) यानी तलाक समारोह का आयोजन होने वाला था. इस प्रोग्राम को भाई वेलफेयर सोसायटी (Bhai Welfare Society) की तरफ से कराया जा रहा था. आयोजन के कुछ दिनों पहले ही इन्विटेशन कार्ड सोशल मीडिया पर खूब वायरल (Invitation Card Viral) हुआ था. इसके बाद इस आयोजन पर बवाल मच गया. इसी विरोध की वजह से इस आयोजन को कैंसिल कर दिया गया है.

रद्द हुआ समारोह (Divorce Programme Cancel)

एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने तलाकशुदा पुरुषों के लिए विवाह विच्छेद समारोह का आयोजन किया गया था. इस प्रोग्राम का इनविटेशन कार्ड देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. फिर क्‍या था कुछ संगठनों ने इस आयोजन का विरोध करना शुरू कर दिया. इसके चलते डिवोर्स सेरेमनी को रद्द कर दिया गया.    

इसलिए रद्द करना पड़ा कार्यक्रम 

इस प्रोग्राम का आयोजन एक रजिस्टर्ड एनजीओ ‘भाई वेलफेयर सोसाइटी’ की तरफ से 18 सितंबर को भोपाल में कराया जाना था. इस जश्‍न को बनाने के लिए भोपाल के बाहरी इलाके में एक रिजॉर्ट बुक किया था. कार्यक्रम के संयोजक जकी अहमद ने रविवार, 11 सितंबर को बताया कि कुछ संगठनों के विरोध की वजह से रिजॉर्ट मालिक ने बुकिंग रद्द कर दी. जिस वजह से सोसाइटी इस कार्यक्रम को आयोजित नहीं करा पाई. 

18 पुरुषों के तलाक का जश्न मनाया जाना था 

एनजीओ की तरफ से बताया गया कि वे लोग कोई विवाद नहीं चाहते, क्योंकि उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को कानूनी मदद मुहैया कराना और लोगों को संकट से उबारने में मदद करना है. इस कार्यक्रम में 18 पुरुषों के तलाक का जश्न मनाया जाना था. उन्‍होंने बताया कि इन लोगों ने लंबे समय तक कानूनी लड़ाई लड़ी और उसके बाद बड़ी मुश्किल से उन्‍हें तलाक मिला है. इन लोगों को तलाक लेने पर भारी भरकम गुजारा भत्‍ता देना पड़ा है. उनका यह भी कहना है कि वे तलाक का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन अगर शादी उत्पीड़न और आत्महत्या की ओर ले जाती है, तो हमारा संगठन इसे मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करके रोकना चाहता है.      

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