जाकिर नाइक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वो कह रहा है कि अगर कोई गैर-मुस्लिम इस्लाम के विरोध में कुछ कहता है तो उसे मुस्लिम देश में आने पर गिरफ्तार कर लिया जाए.
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नई दिल्ली: जेहाद पर हमने सच कहा तो इसका असर दूर-दूर तक हुआ. जेहाद का सच देखकर कट्टरपंथी इतना बौखला गए हैं कि वो अब गैर मुसलमानों के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. इसका एक उदाहरण है इस्लाम के नाम जहर उगलने वाला इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक. जाकिर नाइक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वो कह रहा है कि अगर कोई गैर-मुस्लिम इस्लाम के विरोध में कुछ कहता है तो उसे मुस्लिम देश में आने पर गिरफ्तार कर लिया जाए. जाकिर नाइक ने ये सलाह भी दी है कि भारत में भी जो गैर-मुसलमान इस्लाम पर उंगली उठाता है, उसका एक डाटाबैंक तैयार किया जाना चाहिए.
अब आप जाकिर नाइक के इस बयान का मतलब समझिए. वो इस बयान के जरिए एक तरह से धमकी दे रहा है कि जो भी कट्टरपंथियों के खिलाफ और जेहाद के खिलाफ बोलेगा, उसे वो धर्म का इस्तेमाल करके अपना निशाना बनाएगा.
ये वही साजिश है जिसके तहत भारत में Zee News को निशाना बनाया जा रहा है. हमारे खिलाफ केरल में FIR दर्ज कराई गई है और देश के अलग अलग हिस्सों में भी FIR दर्ज कराने की धमकियां दी जा रही हैं. यानी इस तरह के आईडियाज जाकिर नाइक जैसे लोग ही देते हैं और फिर इनके ही इशारे पर भारत और पाकिस्तान में बैठे जेहादी सच बोलने वालों को धमकी देते हैं. भारत में सच दिखाने वालों के खिलाफ उसी मॉडल को अपनाया जा रहा है, जिसका जिक्र जाकिर नाइक कर रहा है.
जाकिर नाइक भारत छोड़कर भाग चुका है. जांच एजेसियां उसके खिलाफ देशद्रोह और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामलों की जांच कर रही हैं. लेकिन जाकिर नाइक बिना किसी खौफ के जेहाद के उस मॉडल पर काम कर रहा है जिसे हम लगातार एक्सपोज कर रहे हैं.
जाकिर नाइक जैसे लोग भले ही हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हों, लेकिन हमें जेहाद पर हमारी मुहिम को लेकर जबरदस्त समर्थन मिल रहा है.
मिसाल के तौर पर बैंगलुरु में लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर हमें अपना मौन समर्थन दिया. इन तमाम लोगों का किसी संगठन से कोई ताल्लुक नहीं है, लेकिन इन्हें इस बात की खुशी है कि जो बात कई वर्षों से, कोई नहीं कह रहा था, उसे सामने लाने की हिम्मत Zee News ने दिखाई.
इसी तरह रायपुर में 73 वर्ष के एक बुजुर्ग ने भी हमें समर्थन दिया है. इनका नाम है प्रमोद कुमार वर्मा. प्रमोद कुमार वर्मा लंबे समय से बीमार हैं और चौबीस घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, फिर भी उन्होंने हिम्मत दिखाई और हमारे समर्थन में आवाज उठाई.