DNA ANALYSIS: अविश्वास के दौर में चीन के राष्ट्रपति के बयान पर कितना भरोसा?
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DNA ANALYSIS: अविश्वास के दौर में चीन के राष्ट्रपति के बयान पर कितना भरोसा?

दुनिया में हर मोर्चे पर घिरने के बाद आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ा बयान दिया है. ये बयान शी जिनपिंग ने ऐसे समय में दिया है जब चीन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो चुके हैं.

DNA ANALYSIS: अविश्वास के दौर में चीन के राष्ट्रपति के बयान पर कितना भरोसा?

नई दिल्ली: दुनिया में हर मोर्चे पर घिरने के बाद आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ा बयान दिया है. ये बयान शी जिनपिंग ने ऐसे समय में दिया है जब चीन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो चुके हैं. दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने के आरोप झेल रहा चीन मुश्किल में है. चीन की अपनी मुद्रा युआन (Yuan) को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लाने की योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाई. यूनाइटेड नेशंस जनरल असेम्बली के 75वें सेशन में शी जिनपिंग ने कहा कि दो देशों में मतभेद होना स्वाभाविक है. लेकिन महत्वपूर्ण ये है कि इन मतभेदों को बातचीत और आपसी सहमति से सुलझाया जाए.

आपको याद होगा चीन पर सबसे पहले कोरोना वायरस का इंफेक्शन पूरी दुनिया में फैलाने का आरोप लगा और अब भारत के साथ सीमा पर तनाव के बाद आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर चीन पूरी दुनिया में अकेला हो गया है. चीन खुद को शांतिप्रिय देश कहता है और ये भी दावा करता है कि वो किसी देश के साथ युद्ध नहीं करना चाहता है.

सीमा पर तनाव कम नहीं हुआ
हालांकि चीन भले ही बातचीत से हर एक मुद्दे को सुलझाने का दावा कर रहा है. लेकिन सच्चाई ये है कि भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बातचीत और दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की छठी मीटिंग होने के बाद भी अब तक सीमा पर तनाव कम नहीं हुआ है. जिनपिंग ने अपने भाषण में भारत का नाम नहीं लिया. हालांकि भारत के अलावा कई दूसरे देशों से भी चीन का सीमा विवाद चल रहा है. इसके अलावा अमेरिका के साथ भी चीन के संबंध ठीक नहीं हैं.

चीन की आदत है कि वो बार-बार धोखा देता है. अविश्वास के इस माहौल में चीन के राष्ट्रपति के बयान पर कितना भरोसा किया जा सकता है ये एक बड़ा प्रश्न है.

आपने देखा होगा चीन का सरकारी मीडिया लगातार चीन की सेना के वीडियो जारी करता रहता है. अक्सर इनमें चीन के सैनिक युद्ध अभ्यास करते या फिर किसी नए हथियार का परीक्षण दिखाई देते हैं. असल में ये चीन का मनोवैज्ञानिक युद्ध है, जिसे चीन का सरकारी मीडिया बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है.

चीन का प्रोपेगेंडा वीडियो
चीन का एक प्रोपेगेंडा वीडियो सामने आया है. ये वीडियो अमेरिका के सैन्य अड्डे पर चीन के नकली हमले का वीडियो है जिसे चीन की एयरफोर्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है.

-ये वीडियो प्रशांत महासागर में अमेरिका के नौसैनिक Base Guam(गुआम) पर हमले का एक नकली वीडियो है.

- चीन की एयरफोर्स के सोशल मीडिया अकाउंट पर शनिवार को अपलोड किया गया था.

- जिसके बाद से सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया चीन का मजाक उड़ा रही है. 

- कुल मिलाकर ये वीडियो 2 मिनट 15 सेकेंड का है. इसमें चीन की वायुसेना को अमेरिका के एक सैन्य अड्डे Guam पर मिसाइल हमला करते दिखाया गया है.

- वीडियो में चीन के बमवर्षक विमान उड़ान भरते हैं और उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद चीन की एयरफोर्स के एक पायलट ने मिसाइल को लॉन्च करके हमला कर दिया.

- हमला करने के बाद चीन की वायुसेना का ये विमान वापस लौट जाता है.

 अब आपको इस वीडियो की सच्चाई बताते हैं-

- असल में चीन ने हॉलीवुड की दो फिल्मों के अलग-अलग दृश्यों को मिलाकर ये वीडियो बनाया गया है.

- यानी हॉलीवुड की फिल्मों के वीडियोज से अब चीन अमेरिका के खिलाफ ही प्रोपेगेंडा वीडियो जारी कर रहा है.

- हालांकि Guam Base से चीन की दूरी लगभग 47 सौ किलोमीटर है. इस अड्डे पर अमेरिका के लड़ाकू विमान और मिसाइल तैनात हैं.

- ऐसा वीडियो जारी करने का एक मतलब ये भी है कि चीन की सेना भविष्य में अमेरिका के इस Naval Base को निशाना बना सकती है.

- कोरोना संक्रमण के बाद से चीन और अमेरिका के संबंध लगातार खराब हुए हैं और चीन अब प्रशांत महासागर में खुद को ताकतवर दिखाना चाहता है.

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