10th Board Exams: कोरोना वायरस की वजह से बिगड़े हालात को देखते हुए केन्द्र सरकार ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया है. छात्रों को प्रमोट करने के लिए इंटरनल एग्जाम्स के अंकों को आधार बनाया जा सकता है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से बिगड़े हालात को देखते हुए केन्द्र सरकार ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया है और 12वीं कक्षा की परीक्षा को स्थगित कर दिया है और ये देश के करोड़ों छात्रों और उनके माता पिता के लिए राहत भरी खबर है.
कल 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें छात्रों के अलावा उनके माता पिता और राज्य सरकारों के सुझावों पर चर्चा हुई.
बोर्ड एग्जाम्स को लेकर हुईं बैठक में अधिकारियों ने सुझाव दिया था कि 12वीं और 10वीं की परीक्षाओं को टाल देना चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छात्रों की भलाई हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है और उनका स्वास्थ भी हमारी पहली प्राथमिकता है. हम उनके स्वास्थ का भी ख्याल रखेंगे और उनकी शिक्षा भी प्रभावित नहीं होने देंगे.
प्रधानमंत्री ने भी कहा कि ये छात्र पहले ही कोविड की वजह से बहुत नुकसान और परेशानी झेल चुके हैं. इसीलिए 10वीं की परीक्षाओं को रद्द किया जाना चाहिए और 12वीं की परीक्षा को टाल दिया जाना चाहिए, जिससे बच्चों का साल भी बर्बाद न हो और इसी के बाद ये फैसला किया गया.
सबसे पहले आपको ये बताते हैं कि 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा रद्द होने का मतलब क्या है? क्योंकि, बहुत से छात्र ये पूछ रहे हैं कि अगर वो परीक्षा ही नहीं देंगे तो मार्क्स कैसे तय होंगे? तो बैठक में इस पर भी चर्चा हुई और सरकार इस नतीजे पर पहुंची कि वो आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को मार्क्स देगी और उन्हें 11वीं कक्षा में प्रमोट किया जाएगा. हालांकि किस आधार पर छात्रों का ये मूल्यांकन होगा. इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. सरकार ने इसके लिए CBSE को निर्देश दिए हैं यानी अब CBSE बताएगा कि ये पूरी प्रक्रिया कैसे होगी.
हालांकि हमें ये खबर मिली है कि आने वाले एक से दो दिन में इस खाका तैयार कर लिया जाएगा और छात्रों को प्रमोट करने के लिए इंटरनल एग्जाम्स के अंकों को आधार बनाया जा सकता है. यानी बोर्ड परीक्षाओं से पहले जो परीक्षाएं स्कूल में ही हो चुकी हैं. उनके अंकों के आधार पर छात्रों को प्रमोट किया जा सकता है. सरकार ज्यादातर छात्रों को 11वीं कक्षा में प्रमोट कर सकती है.
यहां एक महत्वपूर्ण बात ये है कि अगर कोई छात्र CBSE द्वारा बनाए गए फॉर्मूले से संतुष्ट नहीं होता और उसे ऐसा लगता है कि ये उसके साथ नाइंसाफ़ी है तो ऐसी स्थिति में वो परीक्षा देने के लिए योग्य होगा. यानी 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए ये विंडो भी खोल कर रखी गई है कि वो परीक्षा दे पाएं.
अब इस फैसले से दो बातें समझ आती हैं और वो ये कि सरकार ने 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द जरूर कर दी हैं लेकिन छात्रों को दो विकल्प भी दे दिए हैं. पहले विकल्प तो ये है कि वो परीक्षा न दें और CBSE जिस आधार पर उन्हें मार्क्स देता है. उन्हें स्वीकार कर लें और दूसरा विकल्प है कि रद्द होने के बावजूद छात्र परीक्षा दे सकते हैं.
ये विकल्प उन छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिन्होंने पूरे साल इन परीक्षाओं के लिए तैयारी की है और जिन्हें उम्मीद है कि वो सभी विषयों में 100 में से 100 अंक ला सकते हैं. यानी ऐसे होनहार छात्रों को सरकार के फैसले से मायूस होने की जरूरत नहीं है. वो चाहें तो परीक्षा दे सकते हैं और ये मिसाल पेश कर सकते हैं कि संकट के समय ही इम्तिहान दिए जाते हैं और उनमें अव्वल आया जाता है.
10वीं क्लास की परीक्षा के बाद अब आपको 12वीं की परीक्षा के बारे में बताते हैं. केन्द्र सरकार ने 12वीं क्लास की परीक्षाओं को नहीं रद्द किया है. ये परीक्षाएं टाली गई हैं और अब परीक्षाओं की नई तारीख क्या होगी. इस पर फैसला एक जून को लिया जाएगा. इसके अलावा CBSE 12वीं कक्षा के छात्रों को परीक्षा से 15 दिन पहले एक नोटिस जारी करके इसकी जानकारी भी देगा.
यहां हम आपको एक जरूरी बात ये बताना चाहते हैं कि भारत सरकार का फैसला केवल केन्द्रीय बोर्ड की परीक्षाओं पर लागू होगा. स्टेट बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं होंगी या नहीं, ये फैसला राज्य सरकारों को लेना है.
14 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के राज्य शिक्षा बोर्ड ने इन परीक्षाओं को रद्द कर दिया है जबकि अभी महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश ने स्टेट बोर्ड की परीक्षाओं को टाला है, रद्द नहीं किया है. लेकिन ऐसी खबरें हैं कि केन्द्र सरकार के फैसले के बाद अब सभी राज्य 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर सकते हैं और 12वीं की परीक्षा आने वाले महीनों में कराई जा सकती हैं.
आज हम एक सवाल भी पूछना चाहते हैं कि जब देश में परीक्षाएं रद्द की जा रही हैं, पाबंदियां लगाई जा रही हैं, कर्फ्यू लगाए जा रहे हैं और लॉकडाउन लगाया जा रहा है तो ऐसे में भी राजनीतिक रैलियां क्यों हो रही हैं? धार्मिक आयोजन क्यों हो रहे हैं? और IPL के मैच क्यों हो रहे हैं?