DNA ANALYSIS: कोरोना का डर बना रहा डिप्रेशन का शिकार, तो ऐसे रखें सोच को पॉजिटिव
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DNA ANALYSIS: कोरोना का डर बना रहा डिप्रेशन का शिकार, तो ऐसे रखें सोच को पॉजिटिव

Coronavirus: देश में चारों तरफ से जो खबरें आ रही हैं, उनसे लोगों में नकारात्मक और डर का माहौल पैदा हो रहा है और हम नहीं चाहते कि कोरोना वायरस से खुद को बचाते बचाते आप डर के वायरस से संक्रमित हो जाएं. 

DNA ANALYSIS: कोरोना का डर बना रहा डिप्रेशन का शिकार, तो ऐसे रखें सोच को पॉजिटिव

नई​ दिल्ली: कल 16 अप्रैल को 24 घंटों में देश में कोरोना वायरस के 2 लाख 17 हजार 353 नए मरीज सामने आए हैं और 1185 लोगों की इससे मौत हो गई है. ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इससे पहले कभी एक दिन में इतने नए मामले नहीं आए.

अगर इस वायरस से प्रभावित दुनिया के टॉप 5 देशों की बात करें तो इस समय सबसे ज्यादा बुरा हाल हमारे देश का ही है. इस सूची में अमेरिका दूसरे और ब्राज़ील तीसरे नंबर पर तो है, लेकिन वहां के आंकड़े ज्यादा नहीं डराते. सरल शब्दों में कहें तो भारत में एक दिन में जितने नए मरीज संक्रमित हो रहे हैं, उतने मरीज अमेरिका और ब्राजील में तीन दिन में सामने आ रहे हैं.

हालांकि आज हम आपसे कुछ और कहना चाहते हैं. हम जानते हैं कि इस समय देश में चारों तरफ से जो खबरें आ रही हैं, उनसे लोगों में नकारात्मक और डर का माहौल पैदा हो रहा है और हम नहीं चाहते कि कोरोना वायरस से खुद को बचाते बचाते आप डर के वायरस से संक्रमित हो जाएं. इसलिए आज हम अपने विश्लेषण की शुरुआत पॉजिटिव विचारों से करना चाहते हैं.

आप सब जानते हैं कि जब शरीर थकने लगता है तो इस थकावट को दूर करने के लिए हम एनर्जी ड्रिंक्स लेते हैं. यानी शरीर एक मोबाइल फ़ोन की तरह काम करता है. जब इसकी बैटरी लो होती है तो हम एनर्जी ड्रिंक्स लेकर इसे फिर से 100 Percent चार्ज कर लेते हैं और हमारा शरीर ऐक्टिव हो जाता हैं, लेकिन अब आप खुद से ये पूछिए कि जब मस्तिष्क थक जाता है और उसकी बैटरी लो होती है तो आप क्या करते हैं.

आज देश में कोरोना वायरस की वजह से जो हालात बने हैं, जो डर का माहौल है, उसने कई लोगों के मस्तिष्क को थका दिया है. इसलिए अब हम आपको ऐसी एनर्जी ड्रिंक्स के बारे में बताएंगे, जो आपकी इमोशनल एनर्जी को ताकत देंगी और ये एनर्जी ड्रिंक्स उन पांच बातों से बनी हैं, जो अक्सर हमें बताई जाती हैं

इनमें पहली है, सब कुछ अच्छा होगा, तुम बुरा मत सोचो. अक्सर जब किसी परिवार पर कोई विपदा आती है तो उस परिवार के बड़े बुज़ुर्ग यही कहते हैं कि सब सही हो जाएगा. वो ज्योतिषी नहीं होते और न ही उन्हें भविष्य पता होता है, लेकिन उन्हें भरोसा होता है और इसी भरोसे का संचार वो संवाद के जरिए करते हैं, जिससे संकट को सहने की हिम्मत बढ़ जाती है. जब कोई बड़ा ये कहता है कि सब अच्छा होगा, तो मन के अंदर भरोसे की मात्रा बढ़ जाती है.

भावनाओं को एनर्जी देने वाली दूसरी ड्रिंक है. तुम हिम्मत हार गए तो इन सब लोगों का क्या होगा? जब चारों तरफ नकारात्मकता का माहौल फैला होता है तो ये बात अक्सर बोली जाती हैं और अक्सर इन शब्दों को सुनकर लोगों की हिम्मत और हौसला बढ़ जाता है. आप कह सकते हैं कि ये बात किसी विटामिन की तरह हमारे मस्तिष्क को स्वस्थ और संतुलित रखने का काम करती हैं.

और तीसरी ड्रिंक है, जब अच्छा समय नहीं रुका तो बुरा समय कब तक रहेगा. ये भी चला जाएगा. मुसीबत की घड़ी में अक्सर लोग एक दूसरे को ये बातें बोलते हैं और मस्तिष्क को ये समझ आता है कि कुछ भी स्थाई नहीं है और हम टेंशन से बाहर आने लगते हैं. यहां एक दिलचस्प बात ये भी समय कभी बुरा नहीं होता क्योंकि, घड़ी चाहे खराब हो लेकिन वो दिन में दो बार सही समय जरूर दिखाती है.

ये वो बातें हैं, जो हम सुनते रहते हैं, लेकिन इस समय जब पूरा देश कोरोना वायरस से संघर्ष कर रहा है. तब हमें लगता है कि इन बातों को आपको याद दिलाना जरूरी है क्योंकि, ये वो दौर है, जब कोरोना निगेटिव रह कर आपको अपने जीवन में हर समय पॉजिटिव रहना है.

आज भारत में कोरोना वायरस के नए मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इसका एक और पहलू है. इस समय कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश है अमेरिका, जिसकी कुल आबादी लगभग 33 करोड़ है. अगर हम इसमें रूस के 14 करोड़, ब्रिटेन के लगभग 7 करोड़ और यूरोप के देशों की आबादी भी जोड़ दें तो ये संख्या हो जाएगी 111 करोड़ यानी 45 देशों की आबादी अगर जोड़ भी दें तो भी ये भारत की कुल आबादी से 24 करोड़ कम है.

हालांकि अगर इसमें ब्राजील और अर्जेंटीना की कुल आबादी जोड़ दी जाए तो ये आंकड़ा हो जाएगा लगभग 136 करोड़ यानी एक तरफ ये 47 देश हैं, जिनमें ज्यादातर खुद को दुनिया की महाशक्ति मानते हैं और दूसरी तरफ अकेला भारत है.

इसे आप ऐसे समझिए जैसे भारत में इस समय 47 बड़े और छोटे देशों के लोग बसे हुए हैं. ऐसी परिस्थितियों में किसी भी देश के लिए चुनौतियां ज्यादा हो जाती है और भारत में भी वैसा ही हुआ है. इसलिए अगर आपको ये लग रहा है कि भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तो यहां आपको ये समझना होगा कि भारत की आबादी काफी ज्यादा है. हालांकि इसके बावजूद हमारे देश की कोशिश यही रही है कि कोरोना से कम से कम मौतें हों और इस पर रोकथाम लगाई जा सके और इसके लिए आपका अनुशासित और सावधान रहना भी जरूरी है.

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