ब्रिटेन से कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की शुरुआत हुई है. कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से छोटे बच्चों में भी तेजी से इंफेक्शन फैल रहा है. देश में अब तक दो बच्चों में इस नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. अब तक ये माना जाता था कि बच्चे कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित हैं.
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नई दिल्ली: भारत में एक साथ दो वैक्सीन्स (Corona Vaccines) को कभी भी मंज़ूरी मिल सकती है. वैक्सीन पर रिसर्च कर रही दो कंपनियों ने भारत के ड्रग कंट्रोलर को जरूरी डाटा दे दिया है. ये दो वैक्सीन हैं, भारत बायोटेक- ICMR की Covaxin और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और Astra-Zeneca की 'Covi-Shield.
ब्रिटेन ने ऑक्सफोर्ड और Astra-Zeneca की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. इसे ब्रिटेन में Covifer नाम दिया गया है. इस वैक्सीन को मंज़ूरी देने वाला ब्रिटेन पहला देश बन गया है.
भारत में किसी भी दवा या Vaccine के इस्तेमाल के लिए Drugs Controller General of India यानी DCGI की मंजूरी जरूरी है. DCGI ही वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के दावों की जांच करती है. इन्हीं दावों का विश्लेषण करने के लिए DCGI को और वक्त चाहिए. इसलिए इन वैक्सीन्स पर फैसला नहीं हो पाया है. इस बारे में DCGI की अगली बैठक 1 जनवरी 2021 को होगी.
Serum Institute का दावा है कि 'Covi-Shield' वैक्सीन की लगभग 5 करोड़ डोज तैयार हैं और अगले वर्ष मार्च तक 10 करोड़ डोज का उत्पादन किया जा सकता है.
भारत में अभी तक 3 कंपनियों ने वैक्सीन की मंज़ूरी के लिए आवेदन किया है. दो कंपनियों की जानकारी हमने आपको दी. तीसरी कंपनी फाइज़र है. हालांकि अभी तक वैक्सीन की मंज़ूरी की रेस में Covaxin और Covi-Shield आगे चल रही हैं. इन दोनों वैक्सीन का निर्माण देश में ही हो रहा है और दोनों को साधारण फ्रिज में 2 से 8 डिग्री के तापमान पर स्टोर किया जा सकता है. देश में ही निर्माण होने की वजह से इसके प्रोडक्शन के लिए हम किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं होंगे.
अब आप ये भी जानना चाहते होंगे कि आप तक वैक्सीन कब पहुंचेगी. ये वैक्सीन सबसे पहले हेल्थकेयर स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स को को लगाई जाएगी. फिर 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों का नंबर आएगा और अंत में 50 वर्ष से कम उम्र के उन लोगों को वैक्सीन लगेगी जिन्हें गंभीर बीमारियां हैं.
ब्रिटेन में 6 लाख से अधिक लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है. हालांकि ब्रिटेन से ही कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की शुरुआत हुई है.
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से छोटे बच्चों में भी तेजी से इंफेक्शन फैल रहा है. देश में अब तक दो बच्चों में इस नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. अब तक ये माना जाता था कि बच्चे कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित हैं.
अब तक भारत में इस नए स्ट्रेन के 20 मामले आ चुके हैं. ये आंध्र प्रदेश से लेकर, नोएडा, गाज़ियाबाद और मेरठ तक पहुंच गया है. ये संक्रमण उन लोगों में मिला है जो हाल ही में ब्रिटेन से भारत वापस आए हैं. हालांकि कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने की एक वजह लोगों की गलती भी है. आंध्र प्रदेश में ब्रिटेन से वापस आए 17 लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है.
नवंबर से अब तक लगभग 35 हजार लोग ब्रिटेन से भारत आ चुके हैं और अब इन सभी लोगों का अनिवार्य रूप से RT-PCR टेस्ट होगा. अब सरकार 9 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच विदेश से आए सभी कोरोना संक्रमितों का Genome Sequencing Test भी करवाएगी. इस टेस्ट से ये पता चलेगा कि ये लोग वायरस के नए स्ट्रेन से संक्रमित हुए हैं या नहीं.
नए वर्ष में अगर आप विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी है.
-इस नए स्ट्रेन की वजह से ही ब्रिटेन से आने और जाने वाली फ्लाइट्स पर 7 जनवरी 2021 तक अस्थाई रोक लगी रहेगी. पहले ये रोक 31 दिसंबर तक लगाई गई थी.
- भारत सरकार ने सभी Commercial Flights पर 31 जनवरी 2021 तक के लिए रोक लगा दी है. पहले इन फ्लाइट्स पर 31 दिसंबर तक रोक लगाई गई थी.
- इस रोक के बावजूद उन सभी देशों से फ्लाइट्स आती और जाती रहेंगी, जिनके साथ भारत का Air Bubble Agreement है. ये दो देशों के बीच एक द्विपक्षीय समझौता होता है, जिसमें दोनों देशों की फ्लाइट्स को बिना किसी विशेष अनुमति के ऑपरेट करने की इजाजत होती है. इस समय 20 से ज्यादा देशों के साथ भारत का Air Bubble Agreement है.
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर आपके मन में भी कई आशंकाएं होंगी. इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए आज हमने Council of Scientific and Industrial Research यानी CSIR के निदेशक से बात की है. उनके मुताबिक भारत में अब तक कोरोना वायरस के 6 से 7 अलग अलग Mutation (म्यूटेशन) हो चुके हैं. इसलिए ज़रूरत सावधान रहने की है, घबराने की नहीं.
कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार है. हालांकि कट्टरपंथ और अज्ञानता का इलाज करने वाली वैक्सीन की खोज अब तक नहीं हुई है. भारत में मुसलमानों के लिए काम करने वाली एक संस्था Raza Academy ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक पत्र लिखकर ये पूछा है कि क्या कोरोना वैक्सीन के निर्माण में गाय और Pigs के अंश का इस्तेमाल किया गया है. कोरोना वैक्सीन का निर्माण लोगों की जान बचाने के लिए किया गया है. लेकिन कुछ धार्मिक संगठन इन वैक्सीन में भी धर्म ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि कोई भी वैक्सीन आपको एक स्तर तक ही प्रतिरोधक क्षमता देगी. अमेरिका और इटली की एक-एक नर्स में कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना का संक्रमण मिला है.
वैज्ञानिक पहले से बता रहे हैं कि वैक्सीन लगाने के बाद भी आपको फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना होगा. इसका मतलब ये है कि आप किसी भी वैक्सीन पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकते हैं और हमें ऐसी ख़बरों के लिए भी तैयार रहना होगा.