DNA ANALYSIS: कोरोना के इलाज में मददगार होगी आपकी हंसी, जानें इसके फायदे
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DNA ANALYSIS: कोरोना के इलाज में मददगार होगी आपकी हंसी, जानें इसके फायदे

एक स्टडी कहती है कि अगर आप तनाव से दूर रहते हैं और हंसना नहीं छोड़ते तो ये आदत आपको कोरोना संक्रमण से लड़ने मे भी मदद कर सकती है यानी हंसी कोरोना को भी हरा सकती है.

DNA ANALYSIS: कोरोना के इलाज में मददगार होगी आपकी हंसी, जानें इसके फायदे

नई दिल्ली: अंग्रेज़ी की एक कहावत है- Laughter is Like a Windshield Wiper, It Doesnt Stop The Rain But Allow Us To Keep Going. हिन्दी में इसका अर्थ है- हंसी गाड़ी के शीशे पर लगे उस Windshield Wiper की तरह होती है, जो बारिश को रोक तो नहीं सकती, लेकिन ये हमें निरंतर आगे बढ़ने के लिए रास्ता दिखा सकती है. यानी हंसी का महत्व बहुत बड़ा है. इसलिए आज हम इस विषय पर आपसे चर्चा करेंगे.

कोरोना को हराना है, तो हंसना ज़रूरी है

एक स्टडी कहती है कि अगर आप तनाव से दूर रहते हैं और हंसना नहीं छोड़ते तो ये आदत आपको कोरोना संक्रमण से लड़ने मे भी मदद कर सकती है यानी हंसी कोरोना को भी हरा सकती है. जो लोग हर समय आनंद से भरे होते हैं और जिनका मन प्रतिकूल माहौल में भी प्रफुल्लित रहता है, ऐसे लोग हंसते-हंसते ही इस बीमारी को हरा देते हैं. यानी कोरोना को हराना है, तो हंसना ज़रूरी है.

भारतीय संस्कृति में एक आदर्श परिवार उसे नहीं माना गया, जो आर्थिक रूप से सम्पन्न है या जिसके पास बड़ा घर, महंगी गाड़ी और दूसरी सुख सुविधाएं हैं, बल्कि एक आर्दश परिवार उसे माना गया है, जो हंसी ख़ुशी जिंदगी बिताता है. लेकिन संक्रमण के इस दौर में इसके मायने बदले हैं. आज भारत में अधिकतर लोगों के जीवन से हंसी गायब है और जब हंसी नहीं होगी ख़ुशी भी नहीं होगी.

-पिछले दिनों आई World Happiness Report 2021 में भारत 149 देशों में 139वें स्थान पर था.

-यानी ये रिपोर्ट कहती है कि भारत में लोग खुश नहीं हैं.

-हालांकि वर्ष 2013 में जब इस इंडेक्स की शुरुआत हुई थी, तब भारत 111वें स्थान पर था, लेकिन अब 139वें स्थान पर पहुंच गया है.

-हैप्पीनेस यानी खुशी एक ऐसी चीज है, जिसे दुनिया के सभी 790 करोड़ लोग हासिल करना चाहते हैं.

-और शायद इसी वजह से हैप्पीनेस की भी एक बड़ी इंडस्ट्री दुनिया में स्थापित हो चुकी है

-आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया में हैप्पीनेस इंडस्ट्री 4.2 Trillion Dollar यानी 315 लाख करोड़ रुपये की हो चुकी है.

आज ख़ुशी भी ख़रीदनी पड़ रही...

सोचिए आज ख़ुशी भी ख़रीदनी पड़ रही है, लेकिन ऐसा हुआ क्यों? ये एक बड़ा सवाल है. इसे आप कुछ और आंकड़ों से समझिए.

-पिछले तीन वर्षों में दुनिया में 34 लाख लोगों ने हंसने और ख़ुश रहने के लिए Coursera का कोर्स किया.

-ये कोर्स लोग इसलिए करते हैं कि ताकि वो अपने जीवन में ख़ुश रहना सीख सकें.

-Instagram पर 15 करोड़ से ज़्यादा पोस्ट Hash Tag Happiness के साथ लिखी गईं.

-10 लाख से ज़्यादा पोस्ट Hash Tag happiness is a choice #happinessisachoice के साथ लिखी गईं.

हंसना और ख़ुश रहना भूल गए लोग

कहने का मतलब ये है कि ख़ुशी जीवन का हिस्सा तो है, लेकिन अब ये एक प्रोडक्ट बन गई है और लोग इसे खरीद रहे हैं. दो दशक पहले शायद इसकी कल्पना भी नहीं की गई होगी कि इंसान को हंसने और ख़ुश रहने के लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे, लेकिन आज ये हो रहा है. इस समय जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के संकट से गुज़र रही है, तब लोग हंसना और ख़ुश रहना भूल गए हैं.

हालांकि ये भी सही है कि ऐसे माहौल में इंसान कैसे हंस सकता है? जब अस्पताल भरे हुए हैं, लोगों की कोरोना से मौत हो रही है, कुछ दिन पहले तक श्मशान घाट और कब्रिस्तान में लाशों की वेटिंग लिस्ट थी, ऐसे दौर में इंसान कैसे हंस सकता है और ख़ुश रह सकता है. ये बात सही है, लेकिन एक बार ये सोचिए कि क्या हंसी और ख़ुशहाल जिंदगी को स्विच ऑफ़ मोड पर डालकर आप कोई बदलाव ला सकते हैं?  विज्ञान तो कहता है नहीं.

हंसी सबसे सस्ती दवाई 

दुनिया के महान कवि और लेखक भी ऐसा ही मानते हैं. इन्हीं में से एक है, Lord Byron.  उन्होंने कहा था कि 'Always laugh when you can, it is cheap medicine' इसका अर्थ होता है, आप हंसते रहिए, जब आप हंस सकते हैं क्योंकि, ये सबसे सस्ती दवाई है और कई स्टडीज भी ऐसा मानती हैं.

-अमेरिका की Loma Linda University के मुताबिक, 60 से ज़्यादा उम्र के लोग अगर हंसना नहीं छोड़ते तो ऐसा करके वो अपनी याददाश्त को सही रख सकते हैं.

-अमेरिका की University of Maryland में भी ये बात पाई गई है कि ज़्यादा हंसने से शरीर में ख़ून का प्रवाह सही रहता है. इससे हमारा ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है और हमें अच्छी नींद आती है.

-एक और स्टडी के मुताबिक, हंसी एक वायरस से कई गुना संक्रामक होती है. इसलिए कुछ वैज्ञानिक ऐसा भी मानते हैं कि हंसी सामाजिक होती है. अगर कोई साथ हो तो हंसी की संभावना 30 गुना बढ़ जाती है और हम किसी दूसरे व्यक्ति से बात करते हुए ज़्यादा हंसते हैं यानी हंसने के लिए ज़रूरी है, दूसरे लोगों के साथ संवाद स्थापित करना.

इसके अलावा MdLinx ने भी इस पर अध्ययन किया है.

-इसके मुताबिक, हंसने से इंसना ख़ुश रहता है और इससे नकारात्मक विचार दूर होते हैं.

-यानी जीवन में पैसा कमाना ज़रूरी नहीं है, ज़रूरी है ख़ुश रहना और हंसते रहना.

अलग-अलग धर्मों में विभिन्न मान्यताएं 

हालांकि अलग-अलग धर्मों में इसे लेकर विभिन्न मान्यताएं हैं. उदाहरण के लिए हिन्दू धर्म में कहा गया है कि ख़ुशी सदा के लिए नहीं है. ये क्षणभंगुर है. यानी कुछ ही क्षण में ख़त्म हो जाने वाली है.

हिन्दू धर्म में ख़ुशी को पाने के चार रास्ते बताए गए हैं. मतलब मनुष्य के लिये वेदों में चार पुरुषार्थों का नाम लिया गया है. इनमें पहला है धर्म- जिसमें लोग धर्म के रास्ते पर चलकर ख़ुशी पाना चाहते हैं. दूसरा है अर्थ- जिसमें लोग धन, सम्पदा, सफलता और सम्पत्ति से ख़ुशी पाना चाहते हैं. तीसरा है काम- इसमें लोग इच्छा, भावनाओं, जुनून और सौंदर्य, सुख में ख़ुशी को ढूंढते हैं. और मोक्ष- जिसमें लोग जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति में ख़ुश और प्रसन्नता ढूंढते हैं.

वेदों में इन चार पुरुषार्थों को 'पुरुषार्थ चतुष्टय' भी कहा गया है.

हालांकि इस्लाम धर्म में ख़ुशी को सदा के लिए माना गया है.

इस्लाम धर्म में मन की शांति, दिल की शांति, संसार से संतुष्टि और शाश्वत आनंद को ख़ुशी का आधार माना गया है.

जबकि यहूदी धर्म में ख़ुशी को ढूंढना इंसान का मौलिक कर्तव्य माना गया है.

यही नही अमेरिका के संविधान में भी यही बात लिखी है. इसमें लिखा है, Pursuit of Happiness, जिसका अर्थ होता है खुशी की तलाश करना.

जीवन में हंसी और ख़ुशी का महत्व

जीवन में हंसी और ख़ुशी का महत्व कितना बड़ा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनिया की 200 से ज़्यादा यूनिवर्सिटीज में छात्र हैप्पीनेस यानी ख़ुशी के विषय की पढ़ाई करते हैं. इनमें दुनिया की प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनि​वर्सिटी भी है.

हंसी उस स्टैम्प की तरह होती है, जो ये प्रमाणित करती है कि आप ख़ुश हैं.

जब हम बहुत छोटे होते हैं तो हम माता पिता की हंसी से पता कर लेते हैं कि स्थिति गंभीर है या नहीं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 12 महीने के बच्चे अपने माता पिता की हंसी या चुप्पी से पता कर लेते हैं कि बदले बदले हालात चिंता की बात है या नहीं.

कहने का मतलब यही है हंसना बहुत ज़रूरी है और हंसे बिना आप ख़ुश नहीं रह सकते.

World Happiness Report 6 आधार पर बनाई जाती है.

-पहला आधार है, उस देश की प्रति व्यक्ति Purchasing Power.

-दूसरा आधार है, Social Support.

-तीसरा आधार है, Life Expectancy यानी उस देश में लोग औसतन कितना जीते हैं.

-चौथा आधार है,अपने जीवन के फ़ैसले लेने का हक़.

-पांचवां आधार है, उदारता.

-और छठा का आधार है, भ्रष्टाचार.

फिनलैंड के लोग इतने ख़ुश क्यों?

इन सभी पहलुओं पर जो देश सबसे ज़्यादा खरा उतरता है, वो है फिनलैंड, लेकिन क्या आपको पता है कि फिनलैंड के लोग इतने ख़ुश क्यों हैं?

आप इसे समझिए- इसका सबसे बड़ा कारण है कि फिनलैंड की गिनती दुनिया के सबसे ज़्यादा शिक्षित देशों में होती है. 2016 की एक रिपोर्ट में भी ये बात सामने आई थी. दूसरा कारण है, वहां अपराध की कमी. इसके अलावा लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होता. महिलाओं को उनके फैसले लेने की पूरी आज़ादी है और समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को सरकारी से तमाम सुविधाएं मिलती हैं. यहां तक की स्कूल में मुफ़्त शिक्षा और अस्पताल में मुफ़्त इलाज की व्यवस्था वहां है.

फिनलैंड के पास बहुत बड़ी सेना नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वो पिछले चार वर्षों से दुनिया का सबसे ख़ुशहाल देश बना हुआ है. इससे आप समझ सकते हैं कि सेना तो बनाई जा सकती है, हथियार भी ख़रीद जा सकते हैं, लेकिन खुशी के आगे इन चीजों का कोई मोल नहीं है.

आप चाहें तो एक और उदाहरण से इस बात को समझ सकते हैं. ये उदाहरण मध्य अमेरिका के एक देश कोस्टा रिका का है. अर्थव्यवस्था के मामले में अमेरिका इस देश से 5 गुना अमीर है, लेकिन इसके बावजूद खुशहाल देश के मामले में कोस्टा रिका 16वें स्थान पर है. इससे पता चलता है कि पैसा ही सिर्फ़ ख़ुशी नहीं है.

एक महत्वपूर्ण पॉइंट ये भी है कि आप कितने ख़ुश हैं, इसमें सरकार की और उसकी नीतियों की भी भूमिका होती है.

कहा जाता है कि जिस देश की सरकार अपनी नीतियों से अपने नागरिकों को संतुष्ट नहीं कर पाती, उस देश के लोग ख़ुश नहीं होते और वो कम हंसते हैं.

भारत में वैसे हंसना आसान भी नहीं है. हमारे देश में खुल कर हंसने वालों की अक्सर आलोचना होती है. कहा जाता है कि तुम्हें ऐसे नहीं हंसना चाहिए था. यही नहीं गलत मौकों पर हंसने से कोई व्यक्ति ये भी मान सकता है कि आप उसका मजाक उड़ा रहे हैं.

कोरोना काल में काम आ सकती है हंसी 

हंसी हर तरफ है. हंसने के लिए आपको पैसे भी नहीं देने होते. आप चुटकुलों पर हंस सकते हैं, आप किसी की बात पर हंस सकते हैं, आप खुद पर भी हंस सकते हैं और ये हंसी कोरोना काल में आपके काफी काम आ सकती है.

हम आपको हंसने के 5 फायदे बताते हैं-

-अगर आप हंसमुख हैं तो आप ख़ुशदिल हैं

-हंसने से फेफड़े मज़बूत होते हैं. हंसी को फेफड़ों की सबसे अच्छी एक्सरसाइज माना जाता है.

-एक स्टडी के मुताबिक, हंसते रहने से मन में निगेटिव विचार नहीं आते.

-हंसी आपको ऊर्जावान बनाती है.

-और हंसी आपको तनाव से भी दूर रखती है.

कम हंसते हैं तो...

यहां समझने वाली बात ये है कि Journal of Epidemiology द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, जो लोग कम हंसते हैं, उन्हें दिल की बीमारी होने का 21 प्रतिशत अधिक खतरा होता है. एक कीमती जानकारी ये भी है कि इंसान ही नहीं कई जानवर भी खुश होने पर हंसते हैं. इनमें चूहे, बंदर और डॉग्स के हंसने की बात वैज्ञानिक अध्ययनों में साबित हो चुकी है.

इतिहास की कई घटनाएं बताती हैं कि हमने किसी भी चीज की कीमत तभी समझी है, जब हमें इसके बदले पैसे देने पड़े हैं. कल तक जो हंसी और खुशी मुफ़्त थी, आज उसके लिए लोग पैसे दे रहे हैं और एक दिन शायद ऐसा आएगा जब आप अपनी तनख्वाह में से हंसने के लिए भी अलग से एक बजट होगा इसलिए हंसी के और खुशी के महत्व को समझिए और इसे कभी भी हल्के में मत लीजिए.

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