DNA ANALYSIS: विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार का प्लान तैयार
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DNA ANALYSIS: विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार का प्लान तैयार

सरकार 7 मई से विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू करेगी. ये भारतीय नागरिक विमान या नौसेना के जहाज से लाए जाएंगे. 

(प्रतीकात्मक तस्वीर )

कोरोना वायरस के इस संकट काल में भारत के करीब 2 लाख लोग विदेशों में फंसे हुए हैं. ऐसे सभी लोगों के लिए राहत की बात ये है कि सरकार इन्हें वापस लाने का काम शुरू करने जा रही है. अगर आपके परिवार का कोई सदस्य या आपका कोई परिचित लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसा हुआ है तो ये जरूरी खबर नोट कर लीजिए.

  1. विदेश में फंसे भारतीयों के लिए राहत की खबर 
  2. सरकार 7 मई से विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू करेगी
  3. ये भारतीय नागरिक विमान या नौसेना के जहाज से लाए जाएंगे

सरकार 7 मई से विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू करेगी. ये भारतीय नागरिक विमान या नौसेना के जहाज से लाए जाएंगे. इस सुविधा का इस्तेमाल करने वालों को पैसे भी देने होंगे और यात्रा के पहले सभी को अपनी मेडिकल जांच भी करानी होगी. सिर्फ उन्हीं लोगों को वापस लाया जाएगा जिनमें महामारी के कोई लक्षण नहीं पाए जाएंगे जिन देशों में भारत के लोग हैं वहां के भारतीय दूतावास और उच्चायोग इस समय वहां फंसे नागरिकों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं.

भारत लौटने के बाद इन सभी लोगों की मेडिकल जांच की जाएगी. इसके बाद 14 दिनों के लिए इन्हें किसी क्वारंटीन सेंटर में भेज दिया जाएगा और इसके लिए भी पैसे लिए जाएंगे. 14 दिनों के बाद इन सभी लोगों का कोविड टेस्ट कराया जाएगा और रिपोर्ट के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी.

देश लौटने वाले नागरिकों के बारे में संबंधित राज्य सरकारों को भी जानकारी दी जा रही है. उनसे कहा जा रहा है कि वो टेस्ट और क्वारंटीन सेंटर में रखने के अलावा ऐसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के इंतजाम करें. 

भारत लौटने वाले इन सभी लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर उसपर भी खुद को रजिस्टर करना होगा. हमें उम्मीद है कि आपने भी इस ऐप को अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड किया होगा. ये ऐप आस-पास मौजूद कोरोना पॉजिटिव लोगों के बारे में पता लगाने में मदद करता है.

अपने नागरिकों के लिए भारत जो कदम उठाने जा रहा है, वो ऐतिहासिक कदम होगा. दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के 1 लाख 93 हजार नागरिक अभी फंसे हुए हैं. ये लोग किसी वजह से बाहर गए थे लेकिन कोरोना की महामारी फैलने के कारण देश नहीं लौट पा रहे हैं. इन्हें विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सुरक्षित वापस लाने का जिम्मा उठाया है. ये किसी भी देश द्वारा अपने नागरिकों को वापस लाने का सबसे बड़ा अभियान होगा. इससे पहले 1990 के खाड़ी युद्ध के दौरान 1 लाख 70 हजार भारतीय नागरिक कुवैत से वापस लाए गए थे. ये काम करीब 2 महीने में पूरा किया गया था और इसमें 500 से कम उड़ानों का इस्तेमाल हुआ था. इसे दुनिया का सबसे बड़ा इवैक्युएशन एक्सरसाइज (Evacuation Exercise) कहा जाता है.

जाहिर है 3 दिनों बाद विदेश में फंसे भारतीयों की मदद के लिए शुरू होने वाला अभियान इससे भी बड़ा होगा और इसमें चुनौतियां भी ज्यादा होंगी.

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