कश्मीर का ट्यूलिप गार्डन दुनिया का 5वां सबसे बड़ा बाग है. इसकी शुरुआत वर्ष 2007 में शुरू हुई थी. साल में केवल एक महीने के लिए श्रीनगर में बना ट्यूलिप गार्डन आम लोगों के लिए खोला जाता है.
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नई दिल्ली: जिंदगी नीरस हो गई हो तो आप कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन हो आइए. साल में केवल एक महीने के लिए श्रीनगर में बना ट्यूलिप गार्डन आम लोगों के लिए खोला जाता है, लेकिन इसके चाहने वाले पूरे साल इसका इंतजार करते हैं. बर्फबारी के बाद ट्यूलिप गार्डन और बादामवारी में फूल खिलना कश्मीर में वसंत की शुरुआत माना जाता है और यकीन मानिए कश्मीर का वसंत ही उसे स्वर्ग बनाता है.
कहते हैं कि फूलों का हमारे मन पर गहरा असर पड़ता है क्योंकि, उसके रंग मन को शांति देते हैं. पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से ट्यूलिप गार्डन को बंद रखा गया था, लेकिन इस बार इसे आम लोगों के लिए आज 25 मार्च से खोला जा रहा है. एशिया के इस सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन में इस बार 15 लाख से ज़्यादा फूल नजर आएंगे. इन ट्यूलिप्स पर दिख रही बूंदें बारिश की वजह से हैं, जो इसे और खूबसूरत बना रही हैं. लेकिन तेज बारिश हुई तो ट्यूलिप गार्डन आने वाले लोगों का मजा किरकिरा हो सकता है.
ट्यूलिप का रखरखाव करने वाले मानते हैं कि इस बार बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे क्योंकि, पिछले साल ये गार्डन कोरोना महामारी की वजह से बंद रखा गया था. इसी वजह से यहां के माली बागबानी में लगे हुए हैं. आमतौर पर अप्रैल के पहले हफ्ते से होने वाले स्प्रिंग फेस्टिवल में गार्डन को खोला जाता है लेकिन इस बार एक हफ्ते पहले ही इसकी शुरूआत की जा रही है.
कश्मीर का ट्यूलिप गार्डन दुनिया का 5वां सबसे बड़ा बाग है. इसकी शुरुआत वर्ष 2007 में शुरू हुई थी. ट्यूलिप गार्डन जिस शख्स की ज़मीन पर बना है. वो ज़मीन सिराजुद्दीन नाम के शख्स की थी जो 1947 के बंटवारे में पाकिस्तान चले गए. उसी के बाद से ये ज़मीन सरकार के नियंत्रण में आ गई थी. इस गार्डन के लिए हर साल 60-70 लाख रुपये की कीमत से ट्यूलिप हॉलैंड से मंगवाए जाते हैं.
दरअसल, हॉलैंड अपने ट्यूलिप के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं और वहां कोएनकोफ ट्यूलिप गार्डन दुनिया का सबसे बड़ा बाग माना जाता है. कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन में 10 दिन का ट्यूलिप फेस्टिवल भी होता है, जिसको बहार-ए-कश्मीर कहा जाता है. यह फेस्टिवल पारंपरिक संगीत और कला का संगम होता है.
ट्यूलिप गार्डन भले ही आम लोगों के लिए खोला जा रहा हो, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए कई गाइडलाइंस भी बनाई गई हैं. सैलानियों को इनका पालन करना होगा.
ट्यूलिप एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ होता है पगड़ी. जब आप ट्यूलिप के फूलों को उल्टा करते हैं तो पगड़ी की तरह एक आकृति बन जाती है. एक जमाने में तुर्की के लोग अपनी पगड़ी को इन्हीं फूलों से सजाते थे.
-ट्यूलिप के ये फूल जितने खूबसूरत हैं. हमारे जीवन के लिए ये उतना ही सुंदर संदेश भी देते हैं. ट्यूलिप के ये फूल हमें धैर्य रखना सिखाते हैं क्योंकि, ये फूल खिलने के लिए पूरे साल का इंतजार करते हैं और वसंत ऋतु में सिर्फ 3 से 7 दिनों तक खिलते हैं. यानी ये फूल हमें सिखाते हैं कि अगर दुनिया में आपको चमकना है, तो धैर्य रखना पड़ेगा, वक्त देना पड़ेगा.
-ट्यूलिप के फूलों की एक और विशेषता है. ये फूल सूरज की रोशनी की दिशा में मुड़ते और झुकते हैं. यानी इन फूलों के इस स्वभाव से हम जिंदगी में सकारात्मक रहना सीख सकते हैं.
-दुनियाभर में ट्यूलिप की 150 से ज्यादा प्रजातियां और 3 हजार से ज्यादा किस्में मौजूद हैं. यानी देश, काल और परिस्थिति कोई भी हो. ये फूल परिस्थिति के हिसाब से हर रंग में ढल जाते हैं. कई बार आपके लिए भी परिस्थितियों के हिसाब से ढलना मुश्किल होता होगा. ऐसे में आप इन फूलों से इसकी प्रेरणा ले सकते हैं.
-अगर ट्यूलिप का फूल सफेद रंग का हो तो वो क्षमा के भाव को दर्शाता है. आपके लिए इसका अर्थ है कि अहंकार बड़ा नहीं होता. अगर आप विनम्र रह कर झुककर सबका सम्मान करें, तो आप अपने स्वभाव से खुशबू बिखेर सकते हैं.