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नई दिल्ली: हमारे देश में दो ऐसी चीजें हैं, जो कितनी भी विपरीत परिस्थितियां हो जाएं, कभी रुकती नहीं. एक है राजनीति और दूसरा है धर्म. इसलिए आप भी देखते होंगे कि इस Covid काल में भी राजनीति की खबरें सबसे ऊपर रहीं लेकिन हमारा मानना है कि राजनीति तो आप तब करेंगे जब आप जिन्दा बचेंगे. इसलिए आज हम सबसे पहले आपको कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर के बारे में बताएंगे. इस समय जब पूरा देश ये इंतार कर रहा है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर का पीक कब आएगा?.. तब इस महामारी की तीसरी लहर भी दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई है.
लोग दूसरी लहर की पीक आने का इंतजार करते रह गए और वायरस की तीसरी लहर का संकट भी देश के सामने खड़ा हो गया. आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि जिस तरह से देश में संक्रमण फैल रहा है, उससे ये स्पष्ट है कि इस वायरस की तीसरी लहर भी आएगी. ये लहर कब आएगी और कितने समय के लिए आएगी, इसके बारे में अभी पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता लेकिन आपको तीसरी लहर के लिए तैयार हो जाना चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे समुद्र में लगातार ऊंची लहरें उठने के बाद जहाज के कैप्टन, Crew Members और उसमें बैठे लोग सावधान हो जाते हैं. सरल शब्दों में कहें तो आप अपने परिवार को एक जहाज में सवार समझिए और ये मान लीजिए कि ये महामारी एक समुद्र की तरह है और कोरोना वायरस की लहरें उसमें काफी ऊपर तक उठ रही हैं. अगर आपको अपने जहाज को डूबने से बचाना है तो आपको सतर्क रहना होगा और तैयार रहना होगा.
कोरोना वायरस की तीसरी लहर क्यों आ सकती है? इसके कुछ कारण हैं. सबसे पहले आपको उन्हीं के बारे में बताते हैं. इस समय भारत में वारयस के कई वेरिएंट एक्टिव हैं और ये वेरिएंट अलग अलग राज्यों और क्षेत्रों में संक्रमण फैला रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक है Double Mutant वायरस, जिसे वैज्ञानिकों ने B.1.617 नाम दिया है. ये वेरिएंट भारत में ही बना है. अब तक देश में कोरोना का UK वेरिएंट, ब्राजील वेरिएंट, दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट और अमेरिका का भी एक वेरिएंट मिल चुका है. इसके कई और वेरिएंट की पहचान अलग-अलग राज्यों में हुई है. इनमें जो वेरिएंट सबसे ज्यादा चर्चा में है, उसे लोग आन्ध्र प्रदेश वेरिएंट कह रहे हैं. हालांकि ये वेरिएंट अभी कुछ ही इलाकों में सीमित है.
डॉक्टरों द्वारा की गई स्टडी में कहा गया है कि ये वेरिएंट अभी वायरस के नए नए स्ट्रेन बना रहे हैं, जिससे वायरस कई रूप लेकर लोगों पर हमला कर सकता है और इतने सारे वेरिएंट्स की वजह से ही देश में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. समझने वाली बात ये है कि जब कोरोना की पहली लहर आई थी तो वायरस 10 दिनों में Lungs को खत्म कर देता था. दूसरी लहर में ये समय अवधि घट कर 5 से 7 दिन हो गई और ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में तो ये 2 से 3 दिन भी हो सकती है. यानी तीसरी लहर में वायरस दो से तीन में ही मरीज को गम्भीर हालत में पहुंचा देगा और डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने तक का भी समय नहीं देगा.
वायरस के जिस अवतार को आन्ध्र प्रदेश वेरिएंट कहा जा रहा है, वो ऐसा ही करता है. ये वेरिएंट 2 से 3 दिन में ही मरीज को ICU Bed पर पहुंचा देता है और फिर उसकी जान लेता है. यही नहीं ये बाकी वेरिएंट से 15 गुना ज्यादा संक्रामक है. इसीलिए हम आपसे कह रहे हैं कि अब आपको ज्यादा सावधानी बरतनी होगी और मास्क तो आपको बिलकुल नहीं हटाना है. कुछ अध्ययन में इस बात की आशंका जताई गई है कि पहली लहर में वायरस ने बुज़ुर्गों पर अटैक किया, दूसरा लहर में ये युवाओं को ज्यादा प्रभावित कर रहा है और तीसरी लहर में ये बच्चों के लिए खतरनाक बन सकता है. इसलिए अब हर परिवार को कुछ बातें ध्यान रखनीं चाहिए.
एक अध्ययन के मुताबिक इस समय भारत की कुल आबादी में 18 साल से कम उम्र के बच्चों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है. बच्चों के लिए अबतक कोई वैक्सीन नहीं आई है. भले देश में वैक्सीन की कमी हो लेकिन 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए सरकार ने वैक्सीन की विंडो खोल दी है. अब बच गए हैं 18 से कम उम्र के बच्चे और इनके लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं है. इस अध्ययन में ये आंकलन किया गया है कि अगर 18 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन हो गया तो छोटे बच्चों को वायरस ज्यादा अटैक करेगा और 6 से 12 साल के बच्चों को ये गम्भीर नुकसान भी पहुंचा सकता है. यानी इस उम्र के बच्चों की ये जान भी ले सकता है. इसलिए यहां आपको दो बातें ध्यान रखनी है, पहली ये कि बच्चों को भी कोरोना हो सकता है और दूसरी बात ये कि सम्भव है अगर तीसरी लहर आई तो देश में स्कूल लम्बे समय तक के लिए बंद रहें.
हालांकि डॉक्टरों ने इस समस्या का समाधान भी बताया है और वो ये कि अगर बच्चों के लिए वैक्सीन आ जाती है तो भारत तीसरी लहर का सामना भी कर लेगा लेकिन उसके लिए वैक्सीन चाहिए होगी, जो अभी तक विकसित नहीं हुई है. Serum Institute of India ने कहा है कि वो इस साल के अक्टूबर महीने तक वैक्सीन विकसित कर लेगा. जबकि Co-Vaxin बनाने वाली कम्पनी Bharat Biotech भी इस पर काम कर रही है और उसकी वैक्सीन ट्रायल स्टेज में है. अगर हम अमेरिकी कम्पनी फाइजर की बात करें तो उसने बच्चों के लिए वैक्सीन बना ली है और कनाडा में तो 12 साल से ऊपर के बच्चों पर इसके इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका में भी जल्द इसे मंजूरी मिल जाएगी. इसके अलावा मॉडर्ना कम्पनी भी इस पर काम कर रही है लेकिन अगर भारत के संदर्भ में स्थिति को देखें तो एक बात स्पष्ट है. भारत में तीसरी लहर बेहद करीब है जबकि बच्चों के लिए जल्द वैक्सीन आने की सम्भावना बहुत कम है.
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भारत में अब तक लगभग 16 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. इनमें वैक्सीन की एक डोज लेने वाले लोगों की संख्या करीब 13 करोड़ है और दोनों डोज लेने वालों की संख्या लगभग 3 करोड़ है. इस हिसाब से देश में अभी लगभग 2 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगी हैं जबकि अमेरिका के Chief Medical Officer एंथनी फाउची का कहना है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश की कुल आबादी के 85 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन करना होगा. आपको भी लगता होगा कि अब आप कोरोना से थक चुके हैं, लेकिन हम आपसे कहना चाहते हैं कि ये कोविड काल अभी लम्बे समय तक चलने वाला है, इसलिए आपको अपनी ऊर्जा बनाए रखनी है.
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