DNA ANALYSIS: बेगुनाहों की सिसकियां दंगाइयों से लेंगी हिसाब, गुनगहारों के चेहरे हो रहे बेनकाब
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DNA ANALYSIS: बेगुनाहों की सिसकियां दंगाइयों से लेंगी हिसाब, गुनगहारों के चेहरे हो रहे बेनकाब

अब दिल्ली में हालात सामान्य हैं. और धीरे-धीरे दिल्ली के गुनहगारों के चेहरे भी बेनकाब हो रहे हैं.

DNA ANALYSIS: बेगुनाहों की सिसकियां दंगाइयों से लेंगी हिसाब, गुनगहारों के चेहरे हो रहे बेनकाब

बात दिल्ली के दंगों की. अब दिल्ली में हालात सामान्य हैं. और धीरे-धीरे दिल्ली के गुनहगारों के चेहरे भी बेनकाब हो रहे हैं. जैसे-जैसे दंगों की जांच आगे बढ़ रही है, दंगाइयों का असली चेहरा दिखने लगा है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शाहरुख नाम के उस व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया है. जिसने हिंसा के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस वाले पर पिस्तौल तान दी थी. दिल्ली के जाफराबाद में हिंसा के दौरान आपने एक Viral वीडियो देखा होगा  जिसमें एक दंगाई सड़क पर खुलेआम फायरिंग कर रहा है. शाहरुख नाम के इस दंगाई ने दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर भी फायरिंग करने की कोशिश की थी. लेकिन दीपक दहिया ने उसे सिर्फ एक डंडे के बल पर रोक लिया था.

शाहरुख ने जाफराबाद इलाके में दंगे के दौरान कई राउंड गोलियां चलाई थीं. और बाद में फरार हो गया था. वो 10 दिनों तक पुलिस से छिपता रहा, लेकिन आखिरकार उसे उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार कर लिया गया. इन 10 दिनों के दौरान वो पंजाब के जालंधर और उत्तर प्रदेश के बरेली में भी पुलिस से छिपता रहा. पूछताछ में शाहरुख ने ये स्वीकार किया है कि उसने जाफराबाद में फायरिंग की थी.

शाहरुख को मॉडलिंग का शौक है. वो tiktok एप पर वीडियो बनाता है. उसने कई वीडियो tiktok पर अपलोड भी किए हैं. कुल मिलाकर वो सस्ते Data और डिजिटल दंगे वाली खतरनाक भीड़ का हिस्सा है, जिसके बारे में हम आपको लगातार बताते रहे हैं. प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई ने अपनी किताब 'आवारा भीड़ के खतरे' में लिखा है कि दिशाहीन, बेकार, हताश, नकारवादी और विध्वंसवादी युवकों की ये भीड़ खतरनाक होती है.

ये भीड़ धार्मिक उन्मादियों के पीछे चलने लगती है. ये भीड़ ब़ढ़ती ही जा रही है. इस भीड़ का उपयोग सारे राष्ट्रीय और मानव मूल्यों के विनाश के लिए और लोकतंत्र के नाश के लिए करवाया जा सकता है. और फिलहाल हरिशंकर परसाई की ये बात एकदम सच होती दिखाई दे रही है. लेकिन हरिशंकर परसाई जब जीवित थे. तब भारत में इंटरनेट नहीं आया था. अगर वो आज जिंदा होते तो वो इंटरनेट पर घूम रही इस आवारा भीड़ का भी जिक्र ज़रूर करते.

पूरी दुनिया के मुकाबले भारत में Internet Data सबसे सस्ता है. भारत में 7 रुपये प्रति GB की दर से Internet Data उपलब्ध है. अफवाहें और नफरत अब 5G की रफ्तार से फैल रही हैं. आपका स्मार्ट फोन ही Twenty-Twenty के भारत में दंगों की सबसे बड़ी वजह बन गया है. Smart Phones अब अफवाहों और नफरत की बैटरी से चार्ज हो रहे हैं.

दंगे फैलाने का इससे सस्ता साधन और कुछ नहीं हो सकता. दंगे का आरोपी शाहरुख भी इंटरनेट से जुड़ा हुआ था और उसने जाफराबाद में फायरिंग की थी. शाहरुख उस भीड़ का हिस्सा है, जिसके एक हाथ में मोबाइल फोन और दूसरे हाथ में पिस्तौल है. वो देश के लिए बेहद ख़तरनाक है. शाहरुख के पिता पर भी नारकोटिक्स से जुड़ा एक केस दर्ज है. उसे गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब उसके परिवार की भी तलाश कर रही है.

दिल्ली में हुए दंगों में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इन दंगों में 79 घर पूरी तरह से जला दिए गए यानी 79 परिवारों के सैंकड़ो लोग रातों रातयय बेघर हो गए हैं. दंगाइयों ने 300 से अधिक दुकानें भी जला दी.

दंगों के दौरान दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में काफी हिंसा हुई थी. अब इस इलाके का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है है. ये सीसीटीवी फुटेज 24 फरवरी की है. इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कैसे गोकुलपुरी में हिंसा फैलाई गई. किस तरह दंगाई सड़कों पर उत्पात मचा रहे थे. उनके हाथों में डंडे थे और वो घरों में तोड़फोड़ कर रहे थे.

दंगाई सड़कों पर खड़े वाहनों में आग लगा रहे थे. उनके अंदर ना तो कानून का खौफ था और न ही पुलिस का. गोकुलपुरी में ही दिल्ली पुलिस के डीसीपी अमित शर्मा पर हमला किया गया था. अमित शर्मा के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट आई थी. उनकी हालत बहुत गंभीर थी. अस्पताल में उनकी सर्जरी करनी पड़ी थी. दिल्ली पुलिस सीसीटीवी फुटेज से दंगाइयों की पहचान कर रही है. अब तक 1 हज़ार 427 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है.

कुल मिलाकर दिल्ली के गुनहगारों के चेहरे से नकाब अब धीरे धीरे उतर रहा है. दिल्ली के चांद बाग में दंगा फैलाने और इंटेलिजेस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोपी ताहिर हुसैन अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. उसकी तलाश में दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में खुलासा हुआ है कि आम आदमी पार्टी का निगम पार्षद ताहिर हुसैन दंगों के समय अपने घर पर मौजूद था. एसआईटी ने ताहिर हुसैन के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली है. सूत्रों के अनुसार इसमें ये बात सामने आई है कि हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन ने आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं से काफी देर तक बात की थी.

उसने AAP नेताओं के अलावा कई और लोगों से भी बात की थी. हिंसा के दौरान पार्षद का मोबाइल फोन लगातार ऑन था. फिलहाल उसका मोबाइल फोन बंद आ रहा है. दंगे के दौरान ताहिर हुसैन के घर से पेट्रोल बम, पत्थर और तेज़ाब की थैलियां मिलीं थीं. दंगे और हत्या में ताहिर हुसैन का नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी ने जांच पूरी होने तक उसे पार्टी से निलंबित कर दिया है.

दिल्ली के दंगों पर आज संसद में हंगामा हुआ, लेकिन कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकी. स्पीकर के मना करने के बावजूद विपक्ष के कई सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे. लोकसभा अध्यक्ष ने साफ कहा था कि पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों तरफ से कोई एक दूसरे की ओर नहीं जाएगा लेकिन स्पीकर की बात का कोई असर नहीं हुआ.

बाद में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि पहले सहमति दिखाने के बावजूद विपक्ष ने संसद में अनुशासन नहीं दिखाया. संसद में दिल्ली की हिंसा पर संजीदगी दिखनी चाहिए लेकिन वहां शोर हुआ. आप जिन लोगों को चुनकर संसद में भेजते हैं, वो बहस और तथ्यों के विश्लेषण की जगह आवाज़ ऊंची करके नारेबाज़ी में यकीन रखते हैं.

लोकसभा की कार्यवाही पूरा देश देखता है. आज भी कई लोगों ने लोकसभा की कार्यवाही का प्रसारण देखा होगा. दंगे के पीड़ितों को किसी मरहम की उम्मीद होगी. जिन बच्चों के स्कूल जला दिए गए, उन्हें तस्वीर बदलने की उम्मीद होगी. लेकिन देश को कोई ठोस जवाब नहीं मिला.

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