आज कुछ ऐसा हुआ जिससे हमारा पूरा न्यूज रूम हिल गया, दहल गया. 13 वर्षों तक हमारे साथी रहे रोहित सरदाना की आज अचानक मृत्यु हो गई. इस मृत्यु ने आज Zee News के हमारे पूरे परिवार को झकझोर दिया है.
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नई दिल्ली: खबरों की दुनिया में हम आपको त्रासदी के बारे में बताते हैं. हम मौत, भय, दुख और पीड़ा को आपके समक्ष पेश कर सकते हैं, और कुछ लोग हमें गिद्ध कहते हैं. क्योंकि हम मौत, खून और आंसू देखने के आदि हो जाते हैं, और मौतों की संख्या तो हमारे लिए सिर्फ सूचनाओं का टुकड़ा बनकर रह जाती है. ठीक वैसे ही जैसे डॉक्टर्स मृत्यु और खून देखने के आदि हो जाते हैं और उनके लिए भी ये सिर्फ काम का ही एक हिस्सा होता है.
लेकिन सोचिए क्या होता है जब हम खुद कहानी बन जाते हैं या हम अपनी ही कहानी के एक पात्र की भूमिका में आ जाते हैं. आज मुझे और मेरी टीम को ऐसा ही महसूस हो रहा है. इसलिए आज मैं इस कहानी को एक पत्रकार के रूप में नहीं बल्कि एक मित्र के रूप में, एक सहयोगी के रूप में आपको बताना चाहता हूं. ये कहानी है रोहित सरदाना (Rohit Sardana) की.
रोहित सरदाना से मैं पहली बार वर्ष 2012 में मिला था. रोहित के अंदर वाद विवाद करने की और तर्क रखने की विलक्षण प्रतिभा थी, जैसे कि वो इसी के लिए बने हों. उनकी इसी प्रतिभा को देखते हुए 10 नवंबर 2013 को Zee News पर ताल ठोक के (Taal Thok Ke) शो लॉन्च हुआ, जो रोहित सरदाना का सिग्नेचर शो बन गया. हमने रोहित के साथ मिलकर न्यूज़ रूम में एक कोर टीम बनाई, जिसका हमने नाम रखा 'ज़ी न्यू़ज, द नंबर-1 टीम' और ये टीम न्यूज़ इंडस्ट्री की नंबर-1 टीम बनी भी. इसी टीम ने ज़ी न्यूज़ को देश का नंबर-1 न्यूज़ चैनल बनाया.
हमारा वॉट्सऐप ग्रुप भी इसी नाम से था. इस दौरान हम अपनी एडिटोरियल मीटिंग्स ऑफिस से बाहर कॉफी शॉप में करते थे, जहां ज़ी न्यूज़ की नंबर-1 टीम प्लानिंग करती थी, और हम नए-नए आइडिया सोचते थे. ये टीम एक परिवार की तरह थी और किसी भी न्यूज़ चैनल की टीम से बहुत अलग और बहुत मजबूत थी. ये टीम बिखर तो पहले गई थी, लेकिन आज ये टूट भी गई है.
रोहित ने इस टीम में बहुत बड़ा रोल निभाया. उसकी सोच बहुत अलग थी. उसका सामाजिक दायरा बहुत बड़ा था. सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़ना उसे अच्छा लगता था. हर प्रोग्राम के बाद वो सोशल मीडिया पर रियल टाइम में लोगों को जवाब देता था. उसे ये देखने का शौक था कि उसके कौन से वीडियो को कितने व्यूज (Views) मिले, और कौन से ट्वीट को कितने लोगों ने पढ़ा और रिट्वीट किया. आज रोहित सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है, लेकिन लोग उसके लिए क्या लिख रहे हैं, ये देखने के लिए वो आज इस दुनिया में नहीं है.
आज भी मुझे याद है कि रोहित और मैं सिर्फ खबरों से नहीं बंधे थे, बल्कि हमारे बीच निजी रिश्ता भी था. हमने कई बार न्यूज़ स्टूडियो भी शेयर किए. कई बार ऐसे मौके भी आए, जब मैं कहीं बाहर होता था तो रोहित सरदाना इसी डीएनए शो (DNA Show) को होस्ट करते थे. आज Zee News के संस्थापक डॉ. सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने रोहित को याद करते हुए हिसार के एक कार्यक्रम को याद किया, जहां उन्होंने अपनी मौजूदगी से पूरे कार्यक्रम में जान डाल दी थी. उन्होंने लिखा कि रोहित मैं तुम्हें बहुत याद करूंगा.
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