भारत में एक खास विचारधारा वाले लोगों ने कोरोना वायरस फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
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भारत में एक खास विचारधारा वाले लोगों ने कोरोना वायरस फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ये लोग अंदर ही अंदर चाहते हैं कि देश में कोरोना वायरस फैल जाए. जब हम ये बात कहते हैं तो कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगता. लेकिन यही बात सच है. इसे तबलीगी जमात के मामले से भी पूरा देश देख रहा है. देश में कोरोना वायरस के मामलों में करीब 30 प्रतिशत मामले अकेले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के हैं. Zee News ने एक बड़ा खुलासा किया है. Zee News ने उस व्यक्ति को बेनकाब किया है, जिसने दिल्ली में तबलीगी जमात के लोगों को बचाने में बड़ी भूमिका निभाई है. इसलिए हमने इस खुलासे का नाम दिया है- ऑपरेशन वायरस (Operation Virus).
हाफिज गुलाम सरवर
ऑपरेशन वायरस के विलेन का नाम है- हाफिज गुलाम सरवर . आपने इस व्यक्ति को कई टीवी चैनलों पर तबलीगी जमात का पक्ष रखते हुए भी देखा होगा . हाफिज गुलाम सरवर...ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा नाम के संगठन का राष्ट्रीय प्रवक्ता है. इसके अलावा ये व्यक्ति ऑल इंडिया मुस्लिम दलित मोर्चा नाम के संगठन का संस्थापक और सचिव भी है. हाफिज गुलाम सरवर का दावा है कि उसने दिल्ली में तबलीगी जमात के 15 लोगों को भगाने में मदद की थी. यहां हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि हाफिज गुलाम सरवर का तबलीगी जमात से कोई सीधा संबंध नहीं है. लेकिन इस व्यक्ति ने गैरकानूनी तरीके से तबलीगी जमात के लोगों को भगाने में मदद की थी. हम ये भी साफ बता रहे हैं कि ये स्टिंग ऑपरेशन सार्वजनिक हित में किया गया है. हमारा उद्देश्य न ही किसी समुदाय या धर्म को ठेस पहुंचाना है और न ही किसी की गोपनीयता का उल्लंघन करना है बल्कि हम ऐसे लोगों को बेनकाब कर रहे हैं, जो पूरे समाज के दुश्मन हैं.
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लॉकडाउन
आपको याद दिला दें कि 25 मार्च को देश भर में लॉकडाउन लागू हुआ . 26 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज को खाली कराने की कोशिश हुई थी और 29 मार्च को 2 हज़ार से ज्यादा लोग निजामुद्दीन मरकज से बाहर निकाले गए थे . इनमें से कई लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया था, जो कि देश के अलग-अलग राज्यों से दिल्ली आए हुए थे . 5 अप्रैल तक देश के 17 राज्यों में 1000 से ज्यादा जमाती कोरोना से संक्रमित मिले थे . इसके बाद, 6 अप्रैल से 8 अप्रैल के बीच हमने ये स्टिंग ऑपरेशन किया, ताकि जमात के लोगों द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की सच्चाई का पता लगाया जाए .
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इसी दौरान ZEE NEWS की टीम को दिल्ली में गुलाम सरवर और उनके नेटवर्क के बारे में पता चला . गुलाम सरवर से हमारी मुलाकात दिल्ली के जामिया नगर में उनके घर पर हुई . हमारी टीम के लोग, इस व्यक्ति से, एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता के तौर पर मिले . गुलाम सरवर की सच्चाई जानने के लिए हमने उससे पूछा कि ... क्या वो आने वाले चुनावों में मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण कर सकता है ? जिसपर उसका जवाब था- हां, वो ये काम बखूबी कर सकता है .
स्टिंग ऑपरेशन के दौरान गुलाम सरवर ने माना कि उसने दिल्ली में तबलीगी जमात के सदस्यों को पुलिस से बचाते हुए निकाला . लेकिन उसने ये नहीं बताया कि वहां से निकालने के बाद जमातियों को किस जगह छिपा कर रखा.
Sting Operation
मौलाना सरवर- बिहार से कैसे कैसे आ गए, ये बताइए?
रिपोर्टर- अरे मत पूछिए बिहार से आने में तो डॉक्टर साहब की तरफ से...
मौलाना सरवर- हां, हमारे पास में भी PASS है .
रिपोर्टर - कैसे बना (PASS)?
मौलाना सरवर- वो तो मीडिया के इससे बना है. हमारा भी एक चैनल छोटा सा है. साप्ताहिक अख़बार राज सहारा हिंदी का तो उसी के लिये बनाए थे. हम शुरू से घूम रहे थे. इसी वजह से तो हम बीसियों लोगों को...दिल्ली जमात के 10-15 लोगों को दायें-बायें कराए हैं.
रिपोर्टर- कैसे ?
मौलाना सरवर- करा देते हैं काम, जैसे पता चला फलां मस्जिद में हैं. चुपचाप से गाड़ी लगाए उसको (जमाती) बिठाये. बैग लेकर फिर और चले लेके हम पहुंच गए, चलो, हमारे पास है तो बहुत कुछ कम से कम 15 को...
गुलाम सरवर का दावा है कि वो एक You Tube चैनल और 'राज सहारा' नाम का अखबार चलाता है . इसने जमात के सदस्यों को बचाने और भगाने के लिए मीडिया के पास का इस्तेमाल किया . लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली पुलिस ने स्पेशल कर्फ्यू पास जारी किए...जिसके ज़रिये मीडिया, बैंकिंग और मेडिकल जैसी जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को आने-जाने की छूट मिली थी . गुलाम सरवर ने इसी को अपना हथियार बना लिया . अब आप ये जानिए कि गुलाम सरवर कैसे एक जमाती को पुलिस के पहरे के बीच से, बचाकर ले गया ?
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रिपोर्टर- अच्छा एक बात बताइए जैसे कि हम लोगों को...
मौलाना सरवर- आप निज़ामुद्दीन मेरे साथ चलिए. कसम ख़ुदा की आप कांप जाएंगे. हिन्दू-मुस्लिम दंगे में भी ऐसा कर्फ़्यू नहीं होता जिस तरह से सील किया है. हर चौराहे पर 12 मिलिट्री फोर्स को खड़ा किया है. लेकिन हिम्मत से काम करना होता है. मेरे को, मौलाना साद कासमी हैं एक, वहीं पर रहते हैं. दुआ-ताबीज़ करते हैं. अपने नेचर के ही हैं. उन्होंने कहा कि ये बंदे के पास पैसा ख़त्म हो रहा है. ये तमिलनाडु का है, ऐसे-ऐसे जमात का है और ऐसे-ऐसे घुसपैठ कर के चला आया था इधर क्योंकि मरकज़ से सबको निकाला जा रहा था. तो अब इसके पैसे ख़त्म हो रहे थे या तो इसके पैसों का इंतज़ाम करें या शिफ़्ट कीजिए. मैंने कहा कि भाई मेरी तो औक़ात नहीं है, रहने के 15 दिन हज़ार रुपये और दें उसे हां, शिफ़्ट कर देंगे. खाने-पीने, रहने का इंतज़ाम कर देंगे तो टीशर्ट-ट्राउज़र वो लेकर हम गए. हमने अंदर भिजवाया, टीशर्ट-ट्राउज़र पहनने को बोला. हमने कार्ड दिया, ये गले में टांग लो और अंदर घुसा लो. यानी कि कार्ड नहीं दिखना चाहिए. सिर्फ़ फीता दिखना चाहिए. माइक दिया राज सहारा का हाथ में. मैंने, कहा कि हाथ में ऐसे पकड़े रहना. मेरे पीछे बैठो बैग पकड़ो और 10 किलो आटे का कट्टा ख़रीदा क्योंकि उनका बैग था भारी. जमात वाले तो पूरा दरी भी रखे होते हैं और उनको (जमाती) बिठाया वो रखा कट्टा (आटे का) और उनको बोला कि आप कुछ मत बोलना बातें हम ही कर लेंगे सिर्फ़ कहना कि स्टाफ़ इससे आगे बोलना ही मत.
मौलाना सरवर- हमारे पास PASS बना हुआ है. ऐसे रोकता है नहीं, आज तक तो नहीं रोका है. एक बार रोका था सराय काले खां में तो कार्ड दिखाया तो उसने कहा कि इसको मोटर साइकिल पर चिपका के रखिये तो चिपकाया तो नहीं.
मौलाना सरवर लोगों को कोरोना पर गुमराह भी कर रहा है . वो कहता है कि इसकी कोई वैक्सीन नहीं आएगी... और तो और, उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को... देश में कोरोना फैलने के लिए जिम्मेदार बता दिया .
खबर का असर
हमारी इस खबर को देखने के बाद ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने गुलाम सरवर को...संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से हटा दिया है . इस बीच दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वो गुलाम सरवर के दावों की जांच करेगी . इस बात की भी जांच होगी कि उसने कर्फ्यू पास कैसे बनवाया . दिल्ली पुलिस इस मामले में IPC की धारा 188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज कर सकती है . धारा 188 कहती है कि सरकारी आदेश का पालन ना करके, किसी की जान खतरे में डालने वाले को 6 महीने की सज़ा या जुर्माना हो सकता है . धारा 269 के तहत ...जान बूझकर वायरस या बीमारी फैलाने पर भी 6 महीने की सज़ा हो सकती है .
इसी तरह धारा 270 में भी, जानबूझ कर वायरस या बीमारी फैलाते हुए किसी की जान को खतरे में डालने वाले के खिलाफ 2 साल की जेल का प्रावधान है. अगर गुलाम सरवर ने जमातियों को भगाने के बदले उनका मेडिकल टेस्ट करवाया होता, या प्रशासन की मदद की होती तो...देश में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में मदद मिली होती . लेकिन, इस व्यक्ति ने गलत तरीका अपनाया, और देश के नागरिकों के जीवन को ख़तरे में डाल दिया . इस मौलाना के गुनाह उन लोगों से कम नहीं हैं, जिन्होंने कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद खुद को छिपाया .
ज़ी न्यूज़ के 'ऑपरेशन वायरस' का मसकद ये भी है कि आप ऐसे लोगों से सावधान रहें...और आपको पता चले तो ऐसे लोगों की जानकारी पुलिस को भी दें क्योंकि इस तरह के...वैचारिक संक्रमण के शिकार लोग, इस समय देश के लिए सबसे ज्यादा ख़तरनाक हैं.