DNA ANALYSIS: अमेरिकी कानूनों का हवाला देकर Twitter ने क्यों ब्लॉक किया IT मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट?
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DNA ANALYSIS: अमेरिकी कानूनों का हवाला देकर Twitter ने क्यों ब्लॉक किया IT मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट?

ट्विटर ने ये दिखाने की कोशिश है कि वो यहां भारत के संविधान को नहीं, बल्कि अपने संविधान को मानता है. ट्विटर ने रविशंकर प्रसाद को बताया कि उन्होंने अमेरिका के Digital Millennium Copyright Act यानी DMCA का उल्लंघन किया है और इस कारण उनका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है.

DNA ANALYSIS: अमेरिकी कानूनों का हवाला देकर Twitter ने क्यों ब्लॉक किया IT मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट?

नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कल 25 जून को एक घंटे के लिए देश के कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक कर दिया और इसके लिए ट्विटर ने अमेरिका के कानूनों का हवाला दिया है.

अब भारत सरकार और ट्विटर के बीच ये नाक की लड़ाई बन गई है, जिससे ट्विटर के अहंकार को ठेस पहुंची है और वो ऐसे कदम उठा रहा है. हम शुरुआत से ही कहते आए हैं ये टेक्नोलॉजी कंपनियां ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह हैं, जो भारत में व्यापार के नाम पर प्रवेश करती हैं और फिर धीरे धीरे भारत में अपना कानून चलाने लगती हैं.

भारत के संविधान को नहीं मानता ट्विटर?

ट्विटर ने ये भी दिखाने की कोशिश है कि वो यहां भारत के संविधान को नहीं, बल्कि अपने संविधान को मानता है. ट्विटर ने रविशंकर प्रसाद को बताया कि उन्होंने अमेरिका के Digital Millennium Copyright Act यानी DMCA का उल्लंघन किया है और इस कारण उनका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है.

ट्विटर ने रविशंकर प्रसाद को ये भी लिखा कि अगर बार-बार उन्होंने अमेरिकी कानून का उल्लंघन किया तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा.

सोचिए, कानून का ये पाठ ट्विटर भारत के कानून मंत्री को पढ़ा रहा है और अमेरिका के कॉपीराइट कानून का हवाला दे रहा है. रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर की इस मनमानी की जानकारी देते हुए लिखा कि टीवी चैनल पर दिए उनके इंटरव्यू के क्लिप को शेयर करने से ट्विटर परेशान हो गया है.

ब्लॉक किया कानून मंत्री का अकाउंट 

रविशंकर प्रसाद ने 16 जून को DNA में मुझे एक इंटरव्यू दिया था और ट्विटर की मनमानी पर गहरी नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि ट्विटर ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह व्यवहार कर रहा है. अकाउंट ब्लॉक होने की जानकारी देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर भारत के नए कानून को इसीलिए नहीं मान रहा क्योंकि, उसका एजेंडा नहीं चल पाएगा.

उन्होंने ये भी कहा कि ट्विटर ने उनके अकाउंट को जिस तरह ब्लॉक किया है वो भारत के IT कानून 2021 का उल्लंघन है क्योंकि, अकाउंट ब्लॉक करने से पहले उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी.

रविशंकर प्रसाद ने 16 जून को मेरे साथ बात की थी और उसके बाद 19 जून को इस इंटरव्यू का एक वीडियो क्लिप अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था.

रविशंकर प्रसाद के मुताबिक, उनके इंटरव्यू को बहुत पसंद किया गया और इसी बात से ट्विटर परेशान हो गया. 

ट्विटर का कहना है कि रविशंकर प्रसाद ने कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया है. यानी ट्विटर पर वीडियो क्लिप शेयर करने से पहले अनुमति नहीं ली. रविशंकर प्रसाद ने ज़ी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू की क्लिप 19 जून को ट्विटर पर शेयर की थी, लेकिन न तो Zee Media की तरफ से और न ही मैंने रविशंकर प्रसाद के वीडियो क्लिप शेयर करने पर किसी तरह की आपत्ति जताई, फिर ट्विटर को किस बात पर ऐतराज है.

रविशंकर प्रसाद ने भी अपना बयान जारी करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों में, किसी भी टेलीविजन चैनल या किसी एंकर ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए मेरे इंटरव्यू के वीडियो क्लिप को लेकर कॉपीराइट उल्लंघन की शिकायत नहीं की है. ट्विटर के इस कदम से साफ है कि वो फ्री स्पीच का समर्थक नहीं है.

अब आपको अमेरिका के उस कानून के बारे में बताते हैं जिसका जिक्र करके ट्विटर ने रविशंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक किया था.

क्या है डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट?

इस कानून को डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट यानी DMCA कहते है. अक्टूबर 1998 में इस कानून को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने लागू किया गया था. बिल क्लिंटन ने तब कहा था कि इस कानून को बनाने का मकसद किसी डिजिटल कंटेट को चोरी होने से बचाना है. कंटेट चोरी होने पर ये कानून आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में भी मदद करता है. इसके तहत सभी तरह के डिजिटल प्रोडक्ट्स जैसे ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट कंटेंट आते हैं.

अमेरिका में कोई भी व्यक्ति यदि बिना अनुमति लिए किसी का कंटेंट कॉपी करता है तो DMCA के तहत उसपर कार्रवाई होती है, लेकिन ट्विटर ने भारत के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पर अमेरिका के उसी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया.

ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह व्यवहार

ट्विटर अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह व्यवहार कर रहा है और नई ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के कानून को मानने से इनकार कर रही है.

हमारे देश में आकर हमारे कानून को हटाकर ये अपना कानून चला रही है. ये नई ईस्ट इंडिया कंपनी हमारे शासन को न कहकर अपना शासन चलाने की कोशिश कर रही है, जो काम वर्षों पहले इंग्लैंड की ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था वही काम आज ट्विटर कर रहा है.

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