DNA ANALYSIS: नासिक में कैसे गई 24 लोगों की जान, इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन?
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DNA ANALYSIS: नासिक में कैसे गई 24 लोगों की जान, इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन?

नासिक की इस दर्दनाक घटना के पीछे लापरवाही की बात सामने आई है. पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच में कहा है कि ऑक्सीजन की Refilling के दौरान लापरवाही हुई, जिसकी वजह से 24 लोग मर गए. 

DNA ANALYSIS: नासिक में कैसे गई 24 लोगों की जान, इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन?

नई दिल्ली: आज महाराष्ट्र के नासिक से एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण खबर आई, जहां ऑक्सीजन लीक होने की वजह से 24 लोगों ने दम तोड़ दिया. ये सभी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे और इनकी जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी और अस्पताल के पास जरूरत के हिसाब से पूरी ऑक्सीजन थी. लेकिन तभी ये दर्दनाक हादसा हुआ और ये सभी 24 मरीज मर गए.

मरीज को कब होती है ऑक्सीजन की जरूरत?

जब किसी मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 85 प्रतिशत से कम हो जाती है तो ऐसी स्थिति में मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत होती है. गंभीर रूप से बीमार लोगों को वेंटीलेंटर की भी जरूरत पड़ती है.

ऑक्सीजन मापने का पैमाना

वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों को जो ऑक्सीजन दी जाती है, उसकी मात्रा F.I.O.2 के रूप में मापी जाती है. F.I.O.2 का मतलब है Fraction of Inspired Oxygen. ये पैमाना है मरीजों को दी जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को मापने का. इसी के जरिए सांस की गति को सामान्य करने के लिए FIO2 , 50 से 100 प्रतिशत तक रखा जाता है.

अब इस हादसे में हुआ ये कि जिस पाइपलाइन से इन सभी मरीजों को ऑक्सिजन की सप्लाई हो रही थी. उसका Valve लीक हो गया और इससे जो मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे वो प्रभावित हुए क्योंकि उन्हें दी जा रही ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया. इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगा और मरीजों की हालत बिगड़ती चली गई. एक-एक करके 24 लोगों ने दम तोड़ दिया.

तड़प-तड़पकर लोगों ने तोड़ा दम 

ये पूरी घटना ठीक वैसी है जैसे सांस लेते समय किसी व्यक्ति के मुंह पर हाथ रख दिया जाए और वो तड़प-तड़पकर वहीं दम तोड़ दे. हमारे देश में लोग अक्सर ये बात कहते हैं कि जब तक सांस चल रही है, तब तक सब ठीक है. लेकिन क्या आपको पता है ये लोग ऐसा क्यों कहते हैं? ये लोग ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि ये सांसें ऑक्सीजन पर ही चल रही होती हैं. आप इसे ऐसे समझिए कि शरीर एक वाहन है और ऑक्सीजन उसका ईंधन और अगर ईंधन नहीं हुआ तो ये वाहन बन्द पड़ जाएगा.

एक स्टडी के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को 30 सेकेंड से 180 सेकेंड तक ऑक्सीजन नहीं मिले तो वो बेहोश हो जाता है और ऐसा अगर 3 मिनट तक हो तो इस स्थिति में Brain Cells नष्ट होने लगते हैं और उस व्यक्ति की मौत हो जाती है. यानी जिंन्दगी की सांसें धन-दौलत, सम्पत्ति, नौकरी, व्यापार और रिश्तों पर नहीं चलतीं, ये ऑक्सीजन पर चलती हैं. जिसे हमारे देश में मुफ्त का माल समझा जाता है.

हालांकि नासिक की इस दर्दनाक घटना के पीछे लापरवाही की बात भी सामने आई है. पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच में कहा है कि ऑक्सीजन की Refilling के दौरान लापरवाही हुई, जिसकी वजह से 24 लोग मर गए. इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने भी इस पर सफाई दी है और BJP ने भी कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. 

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