DNA ANALYSIS: Coronavirus Vaccine देने के लिए क्या अपनाई जाएगी मतदान जैसी प्रक्रिया?
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DNA ANALYSIS: Coronavirus Vaccine देने के लिए क्या अपनाई जाएगी मतदान जैसी प्रक्रिया?

भारत के तीन शहर अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद को कोरोना (Corona) काल के तीन नए तीर्थ स्थल भी कह सकते हैं क्योंकि इन तीन शहरों से कभी भी कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पर शुभ समाचार आ सकता है. इन तीन शहरों पर इस समय भारत के लोगों की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर है.

DNA ANALYSIS: Coronavirus Vaccine देने के लिए क्या अपनाई जाएगी मतदान जैसी प्रक्रिया?

नई दिल्ली: आपको कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पर एक अच्छी खबर देते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए भारत के तीन शहर अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद की प्रयोगशालाओं के लिए निकल चुके हैं. आप इन शहरों को कोरोना काल के तीन नए तीर्थ स्थल भी कह सकते हैं क्योंकि इन तीन शहरों से कभी भी कोरोना वैक्सीन पर शुभ समाचार आ सकता है. आप भारत के नक्शे पर इन शहरों के नाम ध्यान से देख लीजिए, नोट कर लीजिए क्योंकि इन तीन शहरों पर इस समय भारत के लोगों की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर है.

PM Modi ले रहे हैं Vaccine बनाने की तैयारियों का जायजा
प्रधानमंत्री अहमदाबाद पहुंच चुके हैं. यहांं Zydus Cadila नाम की कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के बारे में जानकारी लेंगे. ये वैक्सीन अभी ट्रायल के दूसरे चरण में है. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी पुणे के Serum Institute जाएंगे, जहां ब्रिटेन की Oxford University और Astrazeneca कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पर काम चल रहा है. ये वैक्सीन ट्रायल के तीसरे यानी आखिरी चरण में है. ये वैक्सीन आपको जल्द ही मिल सकती है. पुणे के बाद प्रधानमंत्री हैदराबाद में Bharat Biotech की प्रयोगशाला भी जाएंगे, जहां देश की स्वदेशी वैक्सीन विकसित की जा रही है. ये वैक्सीन भी तीसरे चरण में है.

ये वो तीन शहर हैं जहां कोरोना से युद्ध लड़ रही दुनिया को कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पर शुभ समाचार मिल सकता है. प्रधानमंत्री के बाद दुनिया के 100 देशों के राजदूत भी 4 दिसंबर को पुणे के Serum Institute का दौरा करेंगे.

कब और कैसे मिलेगी कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine)
ये कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) कब मिलेगी, कैसे मिलेगी और क्या इस वैक्सीन को लगवाने के लिए आपको चुनावों की तरह किसी बूथ तक जाना पड़ेगा, इसका जवाब कुछ आंकड़ों में छिपा है. भारत में कुल 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं. हमारे देश में 6 लाख से ज्यादा गांव हैं. भारत की कुल आबादी 135 करोड़ है और आबादी के लिहाज से चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है.

हमने आपको ये सब इसलिए बताया क्योंकि इन्हीं सब बातों से ये तय होने वाला है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) आप तक कैसे और कब पहुंचेगी. ये दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी हो सकता है जो अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा. ये काम कैसे होगा, इसे आप तीन Points में समझ सकते हैं.

Block स्तर पर Task Force का होगा गठन
सभी लोगों तक कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पहुंचाने के लिए हर राज्य में Block स्तर पर Task Force का गठन होगा.भारत में कुल 7 हजार 195 Blocks हैं यानी वैक्सीन के वितरण के लिए देशभर में 7 हजार 195 Task Force बनाई जाएंगी. हर एक Task Force की निगरानी का काम उप जिला अधिकारी और तहसीलदार करेंगे. लेकिन आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) आपको कैसे मिलेगी. सरकार ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. भारत में वैक्सीन के वितरण के लिए लोक सभा चुनाव जैसी प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है.

भारत में पिछले साल आम चुनाव हुए थे. तब देशभर में कुल 7 चरणों में मतदान हुआ था यानी कुल 7 दिन वोटिंग हुई थी. हर एक दिन 11 घंटे वोट डाले गए थे. इस हिसाब से 77 घंटों में 61 करोड़ लोगों ने मतदान किया था. अगर इसी प्रक्रिया को आधार बना कर टीकाकरण अभियान शुरू होता है तो देश के 135 करोड़ लोगों तक कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पहुंचाने में 160 से 180 घंटे लग सकते हैं. हालांकि ये सिर्फ एक अनुमान है क्योंकि हर एक व्यक्ति को वैक्सीन लगाने में वोट डालने के मुकाबले ज्यादा समय लगता है इसीलिए सरकार इस पर योजना बना रही है.

Coronavirus Vaccine लगाने में कितना खर्च आएगा? 
अब आप ये समझिए कि 135 करोड़ लोगों को ये कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) लगाने में में कितना खर्चा आ सकता है. इनमें पहले नंबर पर Oxford Astrazeneca की Covi-Shield है. इस वैक्सीन की एक डोज की कीमत 222 रुपये है और ये अभी ट्रायल के आखिरी चरण में है. उम्मीद है कि भारत में यही कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) सबसे पहले लोगों को मिल सकती है और अगर ऐसा होता है तो भारत के 135 करोड़ लोगों को ये वैक्सीन लगाने पर 29 हजार 700 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं.

भारत में बन रही स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) भी इस रेस में है. इसका नाम Covaxin है और इसे Bharat Biotech कंपनी विकसित कर रही है. ये दूसरी Vaccines के मुकाबले सबसे सस्ती हो सकती है. इस कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) की एक डोज की कीमत 100 रुपये के आसपास हो सकती है और इस हिसाब से अगर देश में सभी लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई तो सरकार का इस पर खर्च 13 हजार 500 करोड़ रुपये के आसपास होगा. अहमदाबाद में बन रही कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) इस रेस में नई है और ये अभी ट्रायल के दूसरे चरण में ही है और इसकी कीमत के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.

फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) की बात करें तो इसकी एक डोज की कीमत 1400 रुपये हो सकती है. 135 करोड़ लोगों तक इसकी एक Dose पहुंचाने पर एक लाख 89 हजार करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है. ये खर्च पूरे देश के स्वास्थ्य बजट से भी ज्यादा होगा, इस साल भारत का स्वास्थ्य बजट 69 हजार करोड़ रुपये है. अगर भारत अमेरिका की ही एक और कंपनी मॉडर्ना से कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) खरीदता है तो उसे एक डोज पर 4 हजार रुपये खर्च करने होंगे और पूरे देश को ये वैक्सीन देने के लिए लगभग 5 लाख 40 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) Sputnik V की एक डोज की कीमत 740 रुपये है. इसे लगाने का खर्च भी पूरे देश के स्वास्थ्य बजट से ज्यादा हो सकता है.

लेकिन यहां हम एक बात साफ कर देना चाहते हैं कि कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) की इन सभी कीमतों का अभी सिर्फ अनुमान लगाया जा रहा है. ये कीमतें कम या ज्यादा भी हो सकती हैं और सरकारें अपने स्तर पर भी इनकी कीमतें तय करने में दखल दे सकती हैं. अभी तक हमने आपको ये बताया कि किस कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पर कितना खर्च आएगा, इसमें वो खर्च शामिल नहीं है, जो देशभर में टीकाकरण अभियान चलाने पर होगा.

हालांकि आपके मन में ये सवाल आ सकता है कि क्या ये खर्च आपको उठाना होगा. तो इसका जवाब ये है कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा है कि प्रधानमंत्री देश के सभी नागरिकों को मुफ्त कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) देने का निर्णय कर चुके हैं. इसके लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. इसके अलावा इसकी जानकारी डिजिटल तरीके से भी लोगों तक पहुंचाई जाएगी.

कोरोना Coronavirus Vaccine सबसे अच्छी?

कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का दुनियाभर में बेसब्री से इंतजार हो रहा है क्योंकि अब कोरोना की कई वैक्सीन आ चुकी हैं. इसलिए आपके मन में सवाल आ सकता है कि कौन सी वैक्सीन अच्छी है. इसका जवाब Serum Institute of India के चेयरमैन अदार पूनावाला ने दिया है. अदार पूनावाला के मुताबिक, 'कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) सुरक्षित होनी चाहिए यानी वैक्सीन के कोई Side Effect नहीं होने चाहिए. वैक्सीन लंबे समय तक कोरोना वायरस से बचाव करे और उसे आसानी से स्टोर किया जा सके. वैक्सीन इतनी सस्ती होनी चाहिए कि ये सबको लगाई जा सके यानी गरीब से गरीब व्यक्ति तक इसे पहुंचाया जा सके. जो वैक्सीन इन सभी पैमानों पर खरी उतरेगी वही सबसे श्रेष्ठ वैक्सीन मानी जाएगी.'

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