ये सर्वे पूरे देश में 11 मई से 4 जून के बीच किया गया. 21 राज्यों के 70 जिलों में सर्वे किया गया जिनमें 75% ग्रामीण क्षेत्र थे जबकि 25% शहरी क्षेत्रों में ये सर्वे किया गया. वायरस के संक्रमण की दर का पता लगाने के लिए 28 हजार लोगों के Blood Samples टेस्ट किए गए.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर देश के पहले (Sero Survey) सीरो सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च यानी ICMR के पहले राष्ट्रीय सीरो सर्वे के मुताबिक इस वर्ष मई में देश में 64 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके थे.
ये सर्वे पूरे देश में 11 मई से 4 जून के बीच किया गया. 21 राज्यों के 70 जिलों में सर्वे किया गया जिनमें 75% ग्रामीण क्षेत्र थे जबकि 25% शहरी क्षेत्रों में ये सर्वे किया गया. वायरस के संक्रमण की दर का पता लगाने के लिए 28 हजार लोगों के ब्लड सैम्पल्स (Blood Samples) टेस्ट किए गए.
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि ग्रामीण इलाकों के 70 प्रतिशत लोगों में कोरोना का संक्रमण हो चुका था. ये सर्वे मई और जून महीने में हुआ. इसी दौरान बहुत सारे लोग लॉकडाउन के कारण शहरों से गांव की तरफ जा रहे थे.
60 वर्ष से ऊपर के 17 प्रतिशत लोगों में कोरोना की एंटीबॉडीज
इस सर्वे में 18 से 45 वर्ष के 43 प्रतिशत लोगों कोरोना की एंटीबॉडीज ( Antibodies) पाई गई. 40 से 60 वर्ष के 39 प्रतिशत लोगों में ये एंटीबॉडीज मिली और 60 वर्ष से ऊपर के 17 प्रतिशत लोगों में कोरोना की एंटीबॉडीज पाई गई.
आपको ये भी जानना चाहिए कि सीरो सर्वे क्या होता है और ये क्यों किया जाता है. जब किसी भी देश में महामारी यानी Pandemic फैलता है तो सीरोलॉजिकल सर्वे से पता लगाया जाता है कि कितनी जनसंख्या में संक्रमण कितना फैल चुका है.
64 लाख लोग कोरोना के शिकार पाए गए
सीरो सर्वे में लोगों के ब्लड टेस्ट किए जाते हैं. जिससे उनमें एंटीबॉडी बनने का पता चलता है. शरीर में कोरोना लड़ने के लिए एंटीबॉडी तभी बनती हैं जब आपको कभी कोरोना हो चुका हो. यानी ये सर्वे उन लोगों पर किया गया जिन्हें पता नहीं था कि उन्हें कभी कोरोना हुआ है और तब 64 लाख लोग कोरोना के शिकार पाए गए.
हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि 20 जून तक भारत में कोरोनावायरस के कुल मामले तकरीबन 4 लाख थे और तब तक 13 हजार लोगों लोगों की मौत हुई थी. उस वक्त किए गए सर्वे में भारत में 64 लाख लोग संक्रमित पाए गए.
ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत
भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 46 लाख के पार है. सीरो सर्वे के इस गणित के हिसाब से इस वक्त देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 7 करोड़ 47 लाख से ज़्यादा हो सकती है.
आईसीएमआर का मानना है कि इस सीरो सर्वे से एक अच्छी और एक खराब बात सामने आती है. अच्छी बात ये है कि मई के महीने तक एक प्रतिशत से भी कम लोग कोरोना से प्रभावित हुए थे. इस सर्वे के मुताबिक अभी हम कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में हैं. लेकिन खराब बात ये भी है कि ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी जिन्हें कोरोना हो चुका था और उन्हें पता नहीं था. इस वजह से कई लोग कोरोना के खतरे पर थे.
ऐसे जिलों में भी कोरोना संक्रमण पाया गया जहां से कोरोना के केस रिपोर्ट ही नहीं हुए थे या बहुत कम रिपोर्ट हुए थे.
सर्वे के मुताबिक, भारत के ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है.
बाकी देशों के सीरो सर्वे से भारत की तुलना करें तो हम अभी भी बेहतर स्थिति में हैं.
दुनिया के 22 देशों में भी इसी तरह के सीरो सर्वे किए गए हैं जिसका औसत 4.76 प्रतिशत है. स्कॉटलैंड में सबसे कम 0.65 प्रतिशत लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया था जबकि ईरान में सबसे ज्यादा 26.6 प्रतिशत.
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