Hotels Ranking: महंगे होटलों में ठहरते हैं? लेकिन ये तो जान लें कि कैसे तय होता है कि ये 3 स्टार है या 5 स्टार
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Hotels Ranking: महंगे होटलों में ठहरते हैं? लेकिन ये तो जान लें कि कैसे तय होता है कि ये 3 स्टार है या 5 स्टार

5 Star Hotels Ranking: क्या आप जानते हैं कि 5 स्टार होटल (Five Star Hotels) हो या 7 स्टार इनकी ये रैंकिंग (Hotel Rating) किस आधार पर होती है? तो चलिए समझते हैं कि क्या होते हैं 5 स्टार और 7 स्टार होटल...

Hotels Ranking: महंगे होटलों में ठहरते हैं? लेकिन ये तो जान लें कि कैसे तय होता है कि ये 3 स्टार है या 5 स्टार

Hotel Ranking: जब भी कोई अपने शहर से दूसरे शहर में किसी काम या घूमने के उद्देश्य से जाता है तो वो होटल में ठहरता है. इस दौरान लोग अपने बजट के हिसाब से खर्च करते हैं. आपने अक्सर सुना होगा कि महंगे होटलों में रहने वाले लोग हमेशा 5 स्टार या 7 स्टार कमरा ही सिलेक्ट करते हैं. 

कैटेगरी में मिलती हैं तमाम सुविधाएं

ऐसे में यह तो समझ में आ जाता है कि ये 5 स्टार होटल कई सुविधाएं देते हैं. लेकिन ये समझना थोड़ा मुश्किल है कि 5 स्टार (Five Star Hotels) हो या 7 स्टार इनकी ये रैंकिंग (Hotel Rating) किस आधार पर होती है. तो चलिए समझते हैं कि क्या होते हैं 5 स्टार और 7 स्टार होटल...

कैटेगरी के हिसाब से तय होता है किराया

ऐसा माना जाता है कि 5 स्टार होटल में ज्यादा लग्जरी सुविधाएं होती हैं. होटलों का स्टार जितना कम होता है, सुविधाएं भी उतनी कम होती जाती हैं. ऐसे में ज्यादा स्टार वाले होटल में किराया भी काफी ज्यादा लगता है. 

कैसे तय होती है होटलों की रैंकिंग?

आपको बता दें कि आज के समय में अधिकतर होटल्स तो अपने हिसाब से ही रेटिंग क्लेम कर लेते हैं. लेकिन इसके अलावा इन्हें सर्टिफाई करने के लिए भी खासा नियम बनाए गए हैं. इन होटलों को रैंकिंग देने के लिए पर्यटन मंत्रालय के अधीन एक कमेटी है, जो यही काम करती है. इसे होटल एंड रेस्टोरेंट अप्रूवल एंड क्लासिफेक्शन कमेटी के नाम से जाना जाता है. 

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गौरतलब है कि इस कमेटी के दो पार्ट होते हैं. इसमें एक विंग 1 से 3 स्टार और दूसरी विंग 4 और 5 स्टार रेटिंग वाले होटलों को देखती है.

कैसे तय होता है किस होटल को कौनसी रेटिंग?

बता दें कि आज के समय में यह कमेटी रेटिंग देने से पहले कुछ पैरामीटर पर जांच करती है. जैसे कि रूम, बाथरूम का साइज, कमरे के हिसाब से AC का साइज, पब्लिक एरिया, लॉबी, रेस्टोरेंट, बार, शॉपिंग, कॉन्फ्रेंस हॉल, बिजनेस सेंटर, हेल्थ क्लब, स्विमिंग पूल, पार्किंग, दिव्यांग लोगों के लिए खास सर्विस, फायर फाइटिंग मेजर्स, सिक्योरिटी आदि मुद्दों को ध्यान में रखा जाता है.

कितने तरह की होती है रेटिंग?

होटल को रेटिंग देने की 2 कैटगेरी होती हैं, जिसमें स्टार कैटेगरी और हेरिटेज कैटेगरी शामिल है. स्टार कैटेगरी में होटलों को 5 स्टार डीलक्स, 5 स्टार, 4 स्टार, 3 स्टार, 2 स्टार और 1 स्टार रेटिंग दी जाती है. वहीं, हेरिटेज कैटेगरी में हेरिटेज ग्रांड, हेरिटेज क्लासिक, हेरिटेज बेसिक आदि की रेटिंग दी जाती है.

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