Bhagat Singh Koshyari: 'तो मैं क्या कहता कि तुम मत दो इस्तीफा...', महाराष्ट्र पर 'सुप्रीम' फैसला आने पर ये बोले कोश्यारी
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Bhagat Singh Koshyari: 'तो मैं क्या कहता कि तुम मत दो इस्तीफा...', महाराष्ट्र पर 'सुप्रीम' फैसला आने पर ये बोले कोश्यारी

Supreme Court on Maharashtra: पिछले साल महाराष्ट्र में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली सरकार गिर गई थी, जिसके बाद पैदा हुए सियासी संकट से जुड़ी कई याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया.

Bhagat Singh Koshyari: 'तो मैं क्या कहता कि तुम मत दो इस्तीफा...', महाराष्ट्र पर 'सुप्रीम' फैसला आने पर ये बोले कोश्यारी

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल (गवर्नर) भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार को कहा कि वह कानून के जानकार तो नहीं लेकिन संसदीय व विधायी परंपराओं के बारे में जरूर जानते हैं. कोश्यारी ने दावा किया कि पिछले साल जून में गवर्नर रहते हुए उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सोच समझकर सदन में विश्‍वास मत हासिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को आए फैसले पर कोश्यारी ने यह बयान दिया. दरअसल 

पिछले साल महाराष्ट्र में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली सरकार गिर गई थी, जिसके बाद पैदा हुए सियासी संकट से जुड़ी कई याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया.

क्या कहा कोर्ट ने

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि पिछले साल 30 जून को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल का तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बुलाना सही नहीं था. इस बारे में पूछे जाने पर कोश्यारी ने कहा, 'मैं राज्यपाल पद से मुक्त हो चुका हूं. तीन महीने हो चुके हैं. राजनीतिक मसलों से मैं अपने को बहुत दूर रखता हूं. जो मसला सुप्रीम कोर्ट में था, उस पर कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है. उस फैसले पर जो कानून के जानकार हैं, वही अपनी राय रखेंगे.'

उन्होंने आगे कहा,'मैं कानून का जानकार हूं नहीं, मैं सिर्फ संसदीय और विधायी परंपराएं जानता हूं. उस हिसाब से जो मैंने जो भी कदम उठाए, सोच समझ कर उठाए.' कोश्यारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की व्याख्या और विवेचना करना कानून के जानकारों का काम है.

'इस्तीफा आने पर क्या कहता उनसे'

उन्होंने कहा,'उसने (सुप्रीम कोर्ट) सही कहा या गलत कहा, यह मेरा काम नहीं है, समीक्षकों का काम है. और जब किसी का इस्तीफा मेरे पास आ गया, तो मैं क्या कहता कि तुम मत दो इस्तीफा?’’ गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्‍ट्र में महाराष्‍ट्र विकास आघाड़ी सरकार (एमवीए) को बहाल करने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मर्जी से राज्य के मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि ठाकरे ने सदन में विश्‍वास मत का सामना नहीं किया और इस्तीफा दे दिया इसलिए सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे को शपथ दिलाने का राज्‍यपाल का फैसला सही था.

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

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