PAK की 'खूबसूरत' एजेंट पर फिदा था DRDO का साइंटिस्ट, ATS की चार्जशीट में दावा
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PAK की 'खूबसूरत' एजेंट पर फिदा था DRDO का साइंटिस्ट, ATS की चार्जशीट में दावा

DRDO scientist Pradeep Kurulkar: एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे. कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, उसने फरवरी 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था.

PAK की 'खूबसूरत' एजेंट पर फिदा था DRDO का साइंटिस्ट, ATS की चार्जशीट में दावा

DRDO scientist attracted to Pak agent: डीआरडीओ का वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर हनी ट्रैप मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी गई है. साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर के बारे में कई पन्नो की चार्जशीट में लिखा है कि वो ‘ज़ारा दासगुप्ता’ नाम का इस्तेमाल करने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंट की ओर आकर्षित हो गया था और उसने खुफिया रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में उससे बातचीत की थी. यह आरोप कुरुलकर के खिलाफ दायर आरोप पत्र में हैं. महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पिछले सप्ताह यहां एक अदालत में कुरुलकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. वह पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक प्रयोगशाला का निदेशक था.

हनी ट्रैप में फंसा साइंटिस्ट

उसे तीन मई को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में है. आरोप पत्र के मुताबिक, कुरुलकर और ‘ज़ारा दासगुप्ता’ व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे.

एटीएस ने आरोप पत्र में कहा, 'दासगुप्ता' ने दावा किया था कि वह ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की. जांच के दौरान उसका ‘आईपी एड्रेस’ पाकिस्तान का पाया गया.

आरोप पत्र के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य के बारे में खुफिया और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की.

उसमें कहा गया है, 'कुरुलकर उसके प्रति आकर्षित हो गया था और उसने डीआरडीओ की खुफिया और संवेदनशील जानकारी को अपने निजी फोन में लिया और फिर कथित तौर पर ज़ारा के साथ साझा किया.'

6 महीने में क्या-क्या हुआ?

एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे. कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, उसने फरवरी 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था.

इसके बाद उसे एक अज्ञात भारतीय नंबर से व्हाट्सऐप पर संदेश मिला कि ‘आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक कर दिया. आरोप पत्र के मुताबिक, बातचीत के रिकॉर्ड से पता चला है कि कुरुलकर ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ अपना निजी और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थान साझा किए जबकि उसे पता था कि उसे ऐसा किसी के साथ नहीं करना है.

(इनपुट: भाषा)

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