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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लगातार दवाओं और वैक्सीन पर रिसर्च चल रही है. इसी कड़ी में इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) ने एंटी-कोविड-19 ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) विकसित की है. इस ड्रग को हाल ही में मंजूरी मिली है. INMAS के वैज्ञानिक डॉ. सुधीर चांदना ने इस ड्रग को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा है कि यह मरीजों को जल्दी ठीक होने में मदद करेगी.
2-डीजी को INMAS ने हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (DRL) के सहयोग से विकसित किया है. INMAS रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक लैब है. इस लैब के वैज्ञानिक डॉ. चंदना ने इस ड्रग को लेकर बताया है, 'क्लीनिकल ट्रायल में इस ड्रग ने COVID-19 से संक्रमित मरीजों को ठीक करने में प्रभावी नतीजे दिए हैं. इस ड्रग का दूसरे चरण में लगभग 110 मरीजों पर और तीसरे चरण में 220 रोगियों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया है. इससे मरीजों की रिकवरी 2-3 दिन जल्दी हुई. इतना ही नहीं इससे मरीजों की ऑक्सीजन भी जल्दी हट गई.'
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उन्होंने आगे कहा कि तीसरे चरण में तीसरे दिन से 42 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन नहीं लगानी पड़ी. जाहिर है यह डेटा बताता है कि यदि हम इस दवा का उपयोग स्टैंडर्ड केयर में करें तो ऑक्सीजन पर निर्भरता काफी कम हो सकती है.
DRDO ने अपने इंडस्ट्री पार्टनर DRL के साथ मिलकर पिछले साल अप्रैल में इस ड्रग के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू किए थे. दूसरे चरण के ट्रायल मई से अक्टूबर 2020 तक 110 रोगियों पर किए गए. बाद में तीसरे चरण के ट्रायल दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच हुए. इस ड्रग की कीमत को लेकर डॉ.चंदना ने बताया कि यह दवा के उत्पादन और डीआरएल के साथ हमारी पार्टनरशिप के कारकों पर निर्भर करेगी. हमारी जानकारी के मुताबिक जल्द ही इस बारे में पता चल जाएगा.