किसानों की घर वापसी से कबाड़ियों की मौज! ऐसे हुआ जमकर फायदा
Advertisement
trendingNow11045608

किसानों की घर वापसी से कबाड़ियों की मौज! ऐसे हुआ जमकर फायदा

1 साल चले प्रदर्शन के बाद शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के घर लौटने के बाद सिंघु बॉर्डर पर कबाड़ी बांस के खंभे, तिरपाल, प्लास्टिक और लकड़ियां इकट्ठा करने में व्यस्त दिखे. सोनीपत के कुंडली में सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ करीब 5 किलोमीटर लंबी सड़क किसानों का धरना स्थल थी. 

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली: 19 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह 9 बजे घोषणा की कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जा रहा है. इसके बाद देश के लोगों की निगाहें किसानों की ओर टिकी थीं कि वे कब बॉर्डर खाली करेंगे. हालांकि किसानों ने बॉर्डर खाली करने के लिए भी कई बैठकें कीं और कुछ शर्तों के साथ बॉर्डर खाली करने को राजी हुए. करीब एक साल चले इस प्रदर्शन का अंत आधिकारिक तौर पर शनिवार को हो गया. बॉर्डर खाली होने के बाद सिंघु गांव के आसपास के कबाड़ियों को काफी फायदा हुआ.

  1. सालभर बाद खाली हुए बॉर्डर
  2. किसानों ने की घर वापसी
  3. कबाड़ियों ने बीना सामान

कबाड़ियों की आई मौज

करीब एक साल चले इस लंबे प्रदर्शन के बाद शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के घर लौटने के बाद सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर कबाड़ी बांस के खंभे, तिरपाल, प्लास्टिक और लकड़ियां इकट्ठा करने में व्यस्त दिखे. सोनीपत के कुंडली में सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ करीब 5 किलोमीटर लंबी सड़क किसानों का धरना स्थल थी. उन्होंने वहां अस्थाई ढांचे खड़े कर रखे थे. इनमें टॉयलेट रूम (Toilet Room) और रसोई घर सहित आवास सुविधा भी थी.

यह भी पढ़ें: हिंदुओं को सालों तक किया गया अपमानित, मोदी सरकार में मिला सम्मान: अमित शाह

गांव वालों के काम आएगा पुराना सामान  

सुबह से ही झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोग और कबाड़ी बांस के खंभे, तिरपाल, लकड़ियां, प्लास्टिक और लोहे की छड़े चुनने में लगे रहे और वे उन्हें वापस अपने घर ले गए. उनमें से कुछ को पंजाब लौट रहे प्रदर्शनकारियों ने कंबल, ऊनी कपड़े, पैसे एवं रोजाना उपयोग के अन्य सामान भी दिए.

स्थानीय लोगों को मिला लाभ

मूल रूप से असम के रहने वाले जावेद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ प्लास्टिक शीट इकट्ठा करता हुए दिखे. जावेद ने कहा, ‘मैं इन्हें बेच दूंगा. हमें यहां लंगर में भोजन मिलता था लेकिन अब यह खत्म हो गया है.’ पास में ही बच्चों का समूह बांस के खंभे, प्लास्टिक के टुकड़े और अन्य सामान इकट्ठा करने में व्यस्त था. सामान बीन रहे 14 वर्षीय शमी ने कहा, ‘सरदार जी से मुझे एक कंबल मिला.’

यह भी पढ़ें: अखिलेश का BJP पर पलटवार- यूपी से योगी सरकार जाना तय, अब आएगी योग्य सरकार

आपको बता दें कि कुंडली में कई कारखाने, बड़े गोदाम और वर्कशॉप हैं जहां बिहार, उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों के हजारों प्रवासी मजदूर काम करते हैं.

सालभर बाद हुई किसानों की घर वापसी

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद 40 किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने गुरुवार को साल भर से चल रहे आंदोलन को समाप्त करने का निर्णय किया था और शनिवार को इसका असर दिखने भी लगा है.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news