Navneet Kalra के ससुर और दोस्त के ठिकानों पर ED की रेड, Oxygen Concentrators की कालाबाजारी का है आरोप
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Navneet Kalra के ससुर और दोस्त के ठिकानों पर ED की रेड, Oxygen Concentrators की कालाबाजारी का है आरोप

Navneet Kalra Case: 12 हजार से 20 हजार की कीमत पर खरीदे गए Oxygen Concentrators को 70 हजार की कीमत पर बेचा जा रहा था. और साथ ही लोगों को कहा जा रहा था कि इनको जर्मनी से खरीदा गया है लेकिन असल में ये चीन से खरीदा गया माल था.

नवनीत कालरा (फाइल फोटो) | फोटो साभार: PTI

नई दिल्ली: देश में फैली कोरोना (Coronavirus) महामारी का फायदा उठा Oxygen Concentrators की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार नवनीत कालरा (Navneet Kalra) के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज करके प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली में कालरा और Metrix Cellular कंपनी के मालिक गगन दुग्गल के ठिकानों पर छापेमारी की.

बैंक फ्रॉड के मामले में ईडी की छापेमारी

इसी के साथ ईडी ने नवनीत कालरा के ससुर के ठिकानों पर बैंक फ्रॉड के मामले में भी छापेमारी की. दोनों मामले अलग-अलग हैं लेकिन जांच के लिए छापेमारी एक साथ की जा रही है.

इस आरोप में गिरफ्तार हुआ था नवनीत कालरा

दिल्ली के खान मार्केट में खान चाचा टॉउन हाल के नाम से रेस्टोरेंट और दयाल ऑप्टिकल के नाम से ब्रांडेड चश्मे की दुकान के मालिक नवनीत कालरा को दिल्ली पुलिस ने Oxygen Concentrators की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोप था कि नवनीत कालरा अपने दोस्त गगन दुग्गल जो Metrix Cellular नाम से कंपनी चलाता है, के साथ मिलकर विदेश से घटिया क्वालिटी के Oxygen Concentrators मंगवाकर मोबाइल ऐप के जरिए मंहगे दामों पर बेच रहा था.

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ऐसे हो रही थी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी

बता दें कि 12 हजार से 20 हजार की कीमत पर खरीदे गए Oxygen Concentrators को 70 हजार की कीमत पर बेचा जा रहा था. और साथ ही लोगों को कहा जा रहा था कि इनको जर्मनी से खरीदा गया है लेकिन असल में ये चीन से खरीदा गया माल था, जिसकी क्वालिटी भी बेहद खराब थी. जांच में पता चला था कि ये Oxygen Concentrators सिर्फ 20.8 प्रतिशत ऑक्सीजन ही बना पा रहे थे.

नवनीत कालरा के साथ ED कालरा के ससुर सिराजुद्दीन कुरैशी के यहां भी छापेमारी कर रही है. सिराजुद्दीन अपनी पत्नी और बेटे के साथ Hind Agro Industries के नाम से मीट एक्सपोर्ट का काम करते है और इसके लिए PNB से 200 करोड़ रुपये की बैंक क्रेडिट सुविधा ली हुई थी, जिसे बढ़ाकर 357 करोड़ रुपये कर दिया गया था.

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बैंक ने ये सुविधा सिर्फ एक्सपोर्ट करने के लिए दी हुई थी लेकिन सिराजुद्दीन कुरैशी ने इन पैसों का इस्तेमाल लोकल मार्केट के लिए किया और काफी सारा पैसा अपनी दूसरी ऐसी कंपनी में भी शिफ्ट किया जो किसी तरह का कारोबार नहीं करती है.

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की शिकायत पर सीबीआई (CBI) ने 24 अगस्त 2020 को मामला दर्ज कर दिल्ली और अलीगढ़ में छापेमारी भी की थी. इसी के बाद ईडी ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज करके छापेमारी की है.

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