आरोप है कि तीनों भाइयों ने पहले तो सोने को आयात करने के नाम पर बैंकों से लोन लिया और फिर बाद में ज्वैलरी बनाने के बाद निर्यात करने के नाम पर दूसरे बैंकों से लोन लिया.
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कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने FEMA के तहत अब तक का सबसे बड़ा कारण बताओ (Show Cause) नोटिस भेजा है. ED ने 7220 करोड़ का ये नोटिस कोलकाता के श्री गणेश ज्वैलरी हाउस और डायरेक्टर उमेश पारिख, निलेश पारिख और कमलेश पारिख को भेजा है. इन तीनों पर आरोप है कि RBI के दिशानिर्देशों से बाहर जाकर विदेशों में विदेशी मुद्रा में कारोबार किया. इतना ही नहीं बाहर के देशों में विदेशी मुद्रा रखी और 7220 करोड़ रुपये एक्सपोर्ट के नाम पर विदेशों में भेजे.
ईडी के मुताबिक, तीनों भाई आदतन आर्थिक अपराधी हैं. इनके खिलाफ पहले से ही CBI, ED और DRI जांच कर रही है. CBI और ED ने तीनों भाई के खिलाफ इससे पहले 25 बैंकों से करीब 2672 करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया था. CBI ने 2018 में निलेश पारिख को गिरफ्तार भी किया था जब वो दुबई से वापिस आया था, हालांकि दोनो भाई उमेश और कमलेश पारिख अभी भी फरार हैं.
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आरोप है कि तीनों भाइयों ने पहले तो सोने को आयात करने के नाम पर बैंकों से लोन लिया और फिर बाद में ज्वैलरी बनाने के बाद निर्यात करने के नाम पर दूसरे बैंकों से लोन लिया. बैंकों से लोन लेने के बाद पैसे को देश से बाहर हांग कांग, सिंगापुर और दुबई में भेज दिया. ED ने इस मामले में कारवाई करते हुये इनकी 175 करोड़ की संपति भी अटैच की थी.
ईडी की जांच के मुताबिक, श्री गणेश ज्वेलरी हाउस ने विदेशों में A1 Marhaba Trading FZC, स्पार्कल ज्वेलरी, UAE और आस्था ज्वेलरी खोली और बैंकोंं से जो एक्सपोर्ट के नाम पर लोन लिया गया था वो पैसा इन कंपनियों के नाम पर विदेश में भेज दिया.
ईडी ने इससे पहले भी तीनों भाइयों की दूसरी कंपनी ईजी फिट ज्वैलरी हाउस को 250 करोड़ का FEMA के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है. श्री गणेश ज्वैलरी हाउस RBI की टॉप 100 डिफॉल्टर्स की लिस्ट में शामिल हैं. ED ने स्विट्जरलैंड सरकार को भी इनके खिलाफ जांच के लिए निवेदन पत्र भेजा है.