Corona New Vaccine: कोरोना के सभी वेरिएंट का होगा खात्मा! आने वाली है सिंगल डोज वाली ये वैक्सीन
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Corona New Vaccine: कोरोना के सभी वेरिएंट का होगा खात्मा! आने वाली है सिंगल डोज वाली ये वैक्सीन

Corona New Vaccine: कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के बढ़ते खतरे के बीच दुनिया के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. अमेरिका में सभी वेरिएंट से निपटने के लिए सिंगल डोज वाली वैक्सीन विकसित कर ली गई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Corona New Vaccine: कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के बढ़ते खतरे के बीच दुनिया के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. दुनिया में पहली बार कोरोना के सभी वेरिएंट पर असर करने वाली सिंगल डोज वाली वैक्सीन विकसित कर ली गई है. 

  1. कोरोना के सभी वेरिएंट पर प्रभावी!
  2. 2 साल से वैक्सीन पर चल रहा था रिसर्च
  3. ट्रायल का पहला फेज हुआ पूरा

कोरोना के सभी वेरिएंट पर प्रभावी!

डिफेंस वन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के वॉल्टर रीड आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के वैज्ञानिकों ने नई कोरोना वैक्सीन (Corona New Vaccine) तैयार कर ली है. यह वैक्सीन ओमिक्रॉन समेत कोरोना के सभी वेरिएंट पर प्रभावी पाई गई है. दावा है कि इस वैक्सीन की केवल सिंगल डोज वायरस का काम तमाम कर सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ हफ्ते में इस बारे में औपचारिक घोषणा की जा सकती है. 

2 साल से वैक्सीन पर चल रहा था रिसर्च

डिफेंस वन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सार्स वायरस की वजह से 2 साल पहले दुनियाभर में लाखों लोग मारे गए हैं. पिछले सार्स-मूल के वायरस से दुनिया भर में लाखों लोग मारे गए थे. उसके बाद से अमेरिकी सेना का रिसर्च इंस्टिट्यूट इस वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन पर काम कर रहा था. 

अमेरिकी सेना ने स्पाइक फेरिटिन नैनोपार्टिकल आधारित इस वैक्सीन (Corona New Vaccine) का निर्माण 2020 की शुरुआत में ही शुरू कर दिया था. वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन को इस तरह निर्मित करने का लक्ष्य रखा था कि यह न केवल कोरोना के मूल स्ट्रेन, बल्कि सभी आगामी वैरिएंट्स का भी मुकाबला कर सके. अमेरिकी सेना की प्रयोगशाला ने वर्ष 2020 की शुरुआत में कोरोना वायरस की अपनी पहली डीएनए सीक्वेंसिंग प्राप्त की थी.

ट्रायल का पहला फेज हुआ पूरा

वॉल्टर रीड इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ. केवोन मोदजराद ने इस वैक्सीन (Corona New Vaccine) के निर्माण की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि इस कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का पहला फेज दिसंबर की शुरुआत में ही पूरा हो गया था. इस वैक्सीन को ओमिक्रॉन और कोरोना के बाकी वैरिएंट्स के खिलाफ भी टेस्ट किया गया है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन के हयूमन ट्रायल में ज्यादा समय लग गया. इसकी वजह ये थी कि लैब को उन लोगों पर टीके का परीक्षण करने की आवश्यकता थी, जिन्हें न तो टीका लगाया गया था और न ही वे पहले कोविड से संक्रमित थे. 

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ओमिक्रॉन पर भी पाई गई प्रभावी

मोदजराद ने ओमिक्रॉन वेरिएंट को खतरनाक बताते हुए कहा, 'वास्तव में इस वायरस (ओमिक्रॉन) से बचने का कोई रास्ता नहीं है. आप इससे बचने में सक्षम नहीं होंगे. इसलिए मुझे लगता है कि बहुत जल्द या तो पूरी दुनिया का टीकाकरण हो जाएगा या वे संक्रमित हो जाएंगे.'

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