चुनाव नॉमिनेशन फॉर्म में बदलाव, पार्टी कैंडिडेट को देनी होगी ट्विटर-फेसबुक अकांउट की जानकारी
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चुनाव नॉमिनेशन फॉर्म में बदलाव, पार्टी कैंडिडेट को देनी होगी ट्विटर-फेसबुक अकांउट की जानकारी

सरकार ने निर्वाचन नियमों में बदलाव की पहल करते हुए उम्मीदवारों के लिये नामांकन फॉर्म में कुछ अतिरिक्त सवाल जोड़े है. नामांकन नियमों में बदलाव के तहत अब उम्मीदवारों को फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर सक्रिय अपने अन्य अकांउटों की भी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी.

सरकारी नौकरी में रहते कभी भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किये जाने की भी उम्मीदवार को जानकारी देना अनिवार्य होगा. (चुनाव आयोग कार्यालय की फाइल फोटो)

नयी दिल्ली: सरकार ने निर्वाचन नियमों में बदलाव की पहल करते हुए उम्मीदवारों के लिये नामांकन फॉर्म में कुछ अतिरिक्त सवाल जोड़े है. नामांकन नियमों में बदलाव के तहत अब उम्मीदवारों को फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर सक्रिय अपने अन्य अकांउटों की भी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी.

नियम में संशोधन
चुनाव आयोग के परामर्श से केन्द्रीय कानून मंत्रालय ने नामांकन की संशोधित नियमावली में विभिन्न प्रकार के नामांकन फॉर्म में कुछ सवालों को जोड़ते हुये उम्मीदवारों से सोशल मीडिया पर उसकी सक्रियता की जानकारी भी देना अनिवार्य कर दिया है.

'लाभ के पद' की भी देनी होगी जानकारी
मंत्रालय ने जनप्रतिनिधित्व कानून के अंतर्गत निर्वाचन नियमावली 1961 में संशोधन करते हुए उम्मीदवारों के लिये जोड़े गये नये सवालों में लाभ के पद पर कभी तैनात रहने और आपराधिक या वित्तीय आपराधिक मामलों आदि की जानकारी देने की अनिवार्यता को शामिल कर दिया है.

सोशल मीडिया का कॉलम जोड़ा गया
मंत्रालय द्वारा नये नियमों को लागू करने की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है. इसके तहत निर्वाचन नियमावली 1961 के तहत उम्मीदवार द्वारा भरे जाने वाले फॉर्म 26 में सोशल मीडिया संबंधी जानकारी का कॉलम जोड़ा गया है.

इसमें उम्मीदवारों को अपने टेलीफोन नंबर और ईमेल आईडी के अलावा अधिकतम तीन सोशल मीडिया अकांउट की जानकरी देनी होगी.

इसमें ट्विटर हेंडिल, फेसबुक आईडी और इंस्टाग्राम या कोई अन्य सोशल मीडिया अकांउट की आईडी दी जा सकेगी. फॉर्म 26 में ही उम्मीदवार को अपनी और जीवनसाथी की आय के स्रोतों का भी खुलासा करना होगा.

फॉर्म 2ए में आठ सवाल जुड़े
नामांकन के लिये भरे जाने वाले फॉर्म 2ए में आठ सवाल जोड़े गये है. इनमें उम्मीदवारों को राज्य या केन्द्र सरकार में लाभ के पद पर तैनाती होने पर इसकी विस्तृत जानकारी देनी होगी.

साथ ही उसे यह भी बताना होगा कि क्या कभी किसी अदालत में उसके खिलाफ दिवालिया होने का आरोप लगा था, यदि हां तो वह इससे कब आरोपमुक्त किया गया. इस फॉर्म में उम्मीदवारों को किसी अन्य देश के साथ अपने कूटनीतिक, राजनयिक और वित्तीय संबंधों का स्पष्ट खुलासा करना होगा. 

फॉर्म 2ए में देनी होगी अन्य जानकारी
मंत्रालय ने नियमों में यह बदलाव चुनाव के बाद लाभ के पद सहित अन्य आधारों पर की जाने वाली शिकायतों की लगातार बढ़ती समस्या के समाधान के तौर पर किया है.

इसमें उम्मीदवार को फॉर्म 2ए में बताना होगा कि क्या उसे कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत राष्ट्रपति या निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया था.

साथ ही सरकारी नौकरी में रहते कभी भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किये जाने की भी उम्मीदवार को जानकारी देना अनिवार्य होगा.

आर्थिक मसलों पर भी देनी होगी जानकारी
इतना ही नहीं उम्मीदवार द्वारा सरकार या सरकारी उपक्रम में बतौर साझेदार उपभोक्ता या अन्य वस्तुओं की आपूर्ति का करार करने और किसी कंपनी में प्रबंधक या सचिव पद पर तैनाती की भी जानकारी देनी होगी.

हालांकि इसमें सहकारी समितियों से इतर उन कंपनियों में तैनाती की ही जानकारी उम्मीदवारों को देनी होगी जिनमें केन्द्र या राज्य सरकार की 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी हो.

संशोधित नियमावली में ये सभी सवाल भाग 3ए के अंतर्गत उम्मीदवारों द्वारा भरे जाने वाले फॉर्म 2ए, 2बी और भाग 2 के अंतर्गत फॉर्म 2सी, 2डी और 2ई में भी जोड़े गये हैं.

कानून मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किये गये नियमों को निर्वाचन संचालन (संशोधन) नियम 2017 नाम दिया गया है.

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