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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक राकेश सिन्हा (Rakesh Sinha) जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) की अंजुमन के सदस्य नियुक्त किए गए हैं. राज्य सभा सचिवालय के एक पत्र के अनुसार राकेश सिन्हा को जामिया का 11 फरवरी 2022 से अंजुमन का स्थाई सदस्य नियुक्त किया गया है. इस पर कई बड़े मुस्लिम चेहरों और नेताओं ने नाराजगी जताई है.
इस मामले को लेकर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान (Zafarul-Islam Khan) का मजहबी चेहरा फिर से बेनकाब हुआ है. जफरुल इस्लाम खान को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) के अंजुमन (सभा या कोर्ट) में सिन्हा का शामिल किया जाना इतना बुरा लगा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. इस फैसले से भड़के जफरुल इस्लाम खान ने जो ट्वीट किया उससे उनकी नफरत और आक्रोश का अंदाजा लगाया जा सकता है.
उन्होंने राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा की नियुक्ति पर वो लाइनें लिखी हैं जो मुस्लिम समुदाय के लोग इंसान की मौत के बाद बोलते हैं. यह पहली बार नहीं है जब जफरुल इस्लाम ने इस तरह की घटिया करतूत की हो. उनके ट्वीट पर कई यूजरों ने कड़ी आपत्ति जताई तो बहुत से लोगों ने उन्हे आईना दिखाते हुए याद दिलाया कि ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले कभी कुंभ मेला समिति की कमान एक मुस्लिम नेता आजम खान को सौंपी गई थी.
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दिल्ली के अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन रहे जफरूल इस्लाम खान ने सूचना की कॉपी ट्वीटर पर डालकर लिखा कि 'इन्नालिल्लाह व इन्ना इलैहे राजेउन'. दरअसल कुरान की यह दुआ अक्सर किसी बड़े नुक्सान पर पढ़ी जाती है. अब उनका यही ट्वीट उन्हें ट्रोल किए जाने की वजह बन गया है. उन्होंने ऐसा क्यों लिखा यह फिलहाल साफ नहीं हुआ है.
जामिया मिलिया इस्लामिया की अंजुमन कोर्ट विश्वविद्यालय का सर्वोच्च प्राधिकरण है. इसमें 59 सदस्य शामिल हैं. इसमें कुलपति और अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के अलावा लोकसभा के दो सदस्य और राज्यसभा से एक सदस्य भी होता है. अंजुमन कोर्ट के सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होता है. अंजुमन कोर्ट विश्वविद्यालय के निर्णय लेने की प्रक्रिया में हिस्सा लेती है.
जफरुल इस्लाम का इतिहास विवादों से घिरा रहा है. ये वही हैं जिन्होंने कहा था कि भारत के मुसलमानों ने अभी तक कट्टरपंथियों के अत्याचार, लिंचिंग और दंगों की शिकायत अरब और मुस्लिम देशों से नहीं की है. जिस दिन वो ऐसा कर देंगे कट्टरपंथियों पर सैलाब आ जाएगा. इतना ही नहीं जफरुल इस्लाम भगोड़े जाकिर नाइक के भी प्रशंसक रहे हैं. नवंबर 2021 में उन्होंने गोधरा में लोगों को जिंदा जलाए जाने को जायज ठहराया था.
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