अंतिम दर्शन के लिए पार्टी दफ्तर में रखा जाएगा बादल का पार्थिव शरीर, दो दिन के शोक का ऐलान
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अंतिम दर्शन के लिए पार्टी दफ्तर में रखा जाएगा बादल का पार्थिव शरीर, दो दिन के शोक का ऐलान

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में मंगलवार की रात सभी राज्यों को एक लेटर भेजा है, इस लेटर में कहा गया है कि बादल का 25 अप्रैल को निधन हो गया और केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि दिवंगत नेता के सम्मान में पूरे देश में 26 और 27 अप्रैल को दो दिनों का राजकीय शोक रहेगा.

अंतिम दर्शन के लिए पार्टी दफ्तर में रखा जाएगा बादल का पार्थिव शरीर, दो दिन के शोक का ऐलान

पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को चंडीगढ़ के पास मोहाली के एक प्राइवेट अस्पताल में निधन हो गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अलग-अलग पार्टी के नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भी बादल के निधन पर पूरे देश में दो दिन यानी 26 और 27 अप्रैल को राजकीय शोक की घोषणा की.

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में मंगलवार की रात सभी राज्यों को एक लेटर भेजा है, इस लेटर में कहा गया है कि बादल का 25 अप्रैल को निधन हो गया और केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि दिवंगत नेता के सम्मान में पूरे देश में 26 और 27 अप्रैल को दो दिनों का राजकीय शोक रहेगा.

गृह मंत्रालय के मुताबिक, 'शोक के दिनों में, राष्ट्रीय ध्वज उन सभी भवनों पर आधा झुका रहेगा जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. साथ ही इन दो दिनों में कोई सरकारी समारोह आयोजित नहीं होगा.' 95  वर्ष की उम्र में बादल का मंगलवार को निधन हो गया. सांस लेने में दिक्कत होने पर उन्हें 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अंतिम दर्शन के लिए पार्टी दफ्तर में रखा जाएगा पार्थिव शरीर
आज सुबह 10:00 से 12:00 तक प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ के सेक्टर 28 में मौजूद पार्टी दफ्तर में लाया जाएगा. यहां पर लोग उनका अंतिम दर्शन कर पाएंगे. इसके बाद चंडीगढ़ से अंतिम यात्रा शुरू होगी और गांव बादल तक जाएगी. इसमें रास्ते में राजपुरा, उसके बाद पटियाला, संगरूर और फिर बरनाला, रामपुरा, फूल, बठिंडा होते हुए बादल गांव पहुंचेगी. जानकारी के मुताबिक, 27 अप्रैल की दोपहर 1 बजे गांव बादल में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘हालांकि, सार्वजनिक सेवा में उनका अनुकरणीय करियर काफी हद तक पंजाब तक ही सीमित था, लेकिन देश भर में उनका सम्मान किया जाता था. उनके निधन से एक रिक्तता पैदा हो गयी है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.’

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बादल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बादल का निधन पंजाब और देश के लिए बड़ी क्षति है. उपराष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘उन्हें उनके असाधारण नेतृत्व, दूरदृष्टि और लोगों के कल्याण के प्रति अटूट समर्पण के लिए हमेशा याद किया जाएगा.’

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