SCO सम्मेलन: सुषमा स्वराज अगले महीने जायेंगी चीन, विदेश मंत्री से मुलाकात की संभावना
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SCO सम्मेलन: सुषमा स्वराज अगले महीने जायेंगी चीन, विदेश मंत्री से मुलाकात की संभावना

पिछले वर्ष डोकलाम में सैन्य गतिरोध के बाद आगे बढ़ने के लिए भारत और चीन द्वारा किये गये प्रयासों के मद्देनजर सुषमा की यह यात्रा होगी.

सुषमा के अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी संभावना है.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अगले महीने चीन जाएंगी. एससीओ का शिखर सम्मेलन इस वर्ष जून में चीन के क़िंगदाओ में आयोजित होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग लेने की उम्मीद है. इस सम्मेलन से पहले सुषमा चीन की यात्रा पर जाएंगी. पिछले वर्ष डोकलाम में सैन्य गतिरोध के बाद आगे बढ़ने के लिए भारत और चीन द्वारा किये गये प्रयासों के मद्देनजर सुषमा की यह यात्रा होगी. अधिकारियों के अनुसार सुषमा को 28 मार्च से द्विपक्षीय यात्रा पर जापान भी जाना है.

  1. अधिकारियों के अनुसार सुषमा को 28 मार्च से द्विपक्षीय यात्रा पर जापान भी जाना है
  2. एससीओ का शिखर सम्मेलन चीन के क़िंगदाओ में आयोजित होगा 
  3. भारत और चीन दोनों के लिए एक अवसर के रूप में भी देखा जा रहा है

उन्हें 18 अप्रैल को वॉशिंगटन में ( विदेशी और रक्षा विचार- विमर्श) में रणनीतिक वार्ता में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा भी करनी है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी वार्ता के लिए अमेरिका जाएंगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विदेश मंत्री 23 अप्रैल से24 अप्रैल तक एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन जायेंगी. चीन यात्रा के दौरान सुषमा के अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी संभावना है.

यह भी पढ़ें- 2001 में गठन के बाद पहली बार हुआ एससीओ का विस्तार, भारत-पाकिस्तान बने हमेशा के लिए सदस्य

दोनों नेताओं के बीच रूस-भारत-चीन( आरआईसी) त्रिपक्षीय बैठक के इतर यहां दिसम्बर में द्विपक्षीय बैठक हुई थी. बैठक से इतर मंत्री के एससीओ के अन्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करने की उम्मीद है लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वह अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ कोई द्विपक्षीय बातचीत करेंगी या नहीं.

इस दौरे को पिछले वर्ष सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुए समझौते पर आगे बढ़ने के लिए भारत और चीन दोनों के लिए एक अवसर के रूप में भी देखा जा रहा है.

इनपुट भाषा से भी 

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