विजय माल्या को भारत भेजने के लिए लंदन की आदलत ने मांगा आर्थर रोड जेल का वीडियो
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विजय माल्या को भारत भेजने के लिए लंदन की आदलत ने मांगा आर्थर रोड जेल का वीडियो

माल्या पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हैं. वह अपने बेटे सिद्धार्थ के साथ अदालत पहुंचे. 

विजय माल्या को भारत भेजने के लिए लंदन की आदलत ने मांगा आर्थर रोड जेल का वीडियो

नई दिल्लीः भारतीय बैंको का हजारों करोड़ रुपये का लोन चुकाए बिना विदेश भागे शराब कारोबारी विजय माल्या अपने प्रत्यर्पण के लिये चल रही सुनवाई में समापन दलीलों के लिये आज (मंगलवार को) वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. सुनवाई के दौरान अदालत ने भारतीय अधिकारियों से कहा है कि वो तीन सप्ताह के भीतर मुंबई की आर्थर रोड जेल का वीडियो उसे सौंपे. अदालत ने कहा कि जिस जगह पर प्रत्यर्पण के बाद विजय माल्या को रखा जाएगा, वो उस जगह को देखना चाहती है. इस मामले में कोर्ट ने 12 सितंबर के लिए सुनवाई टाल दी है.

माना जा रहा है कि विजय माल्या को आर्थर रोड की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा. ऐसे में विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए उसे तीन सप्ताह के भीतर इस बैरक का वीडियो लंदन की अदालत को देना होगा. अदालत इस वीडियो के आधार पर जेल की हालत और सुविधाओं को ध्यान में रखकर माल्या के प्रत्यर्पण के बारे में कोई फैसला देगी. 

माल्या ने कहा वो तो इंग्लैंड में ही बसना चाहते थे 
कोर्ट से बाहर आने के बाद विजय माल्या ने मीडिया से कहा, 'मेरे सारे मामले कोर्ट में है, कोर्ट तय करेगा क्या सही है.' देश छोड़कर विदेश भागने के सवाल पर विजय माल्या ने कहा, 'मैं 2015 से ही इंग्लैंड में बसना चाहता था. '   

बता दें कि किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व मालिक माल्या ने धोखाधड़ी और तकरीबन 9000 करोड़ रुपये के धन शोधन (मनीलॉंड्रिंग) के आरोपों में प्रत्यर्पण के भारत के प्रयासों को चुनौती दी है. वह पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हैं. वह अपने बेटे सिद्धार्थ के साथ अदालत पहुंचे. माल्या ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने कोई दया याचिका दाखिल नहीं की है, मैं सभी ड्यूस निबटाने के लिए तैयार हूं.’’ 

 

गत 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बल मिला था जब जज आरबथनॉट ने इस बात की पुष्टि की थी कि भारतीय अधिकारियों ने जो साक्ष्य सौंपे हैं, वो मामले में स्वीकार्य होंगे.सीबीआई ने ब्रिटेन की अदालत को ढेर सारे दस्तावेज सौंपे थे, जिनमें आईडीबीआई बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक बी के बत्रा के खिलाफ साजिश का मामला भी शामिल है. बत्रा का अदालत में मामले में नये ‘खलनायक’ के तौर पर उल्लेख किया गया है.

लंबा चलेगा मामला 
भारतीय अधिकारियों ने साजिश का जो मामला पेश किया है, उसके अनुसार बत्रा ने कथित तौर पर माल्या से साठगांठ कर अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलायंस को बिना उचित सावधानी बरते कुछ ऋण की मंजूरी दिलाई.

अगर न्यायाधीश भारत सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हैं तो अलग प्रत्यर्पण कार्यवाही में ब्रिटेन के गृह मंत्री को दो महीने के भीतर माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर करना होगा. हालांकि, दोनों पक्षों के पास मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले के खिलाफ ब्रिटेन में ऊपरी अदालतों में अपील दायर करने का मौका होगा. इस कारण ये मामला लंबा खिंच सकता है.

माल्या के बचाव दल का नेतृत्व बैरिस्टर क्लेयर मांटगोमरी कर रहे हैं. उन्होंने माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन किया है और ब्रिटेन के कारा विशेषज्ञ डॉ. एलन मिशेल की तरफ से लिखित सामग्री सौंपी है, जिसमें आर्थर रोड स्थित मुंबई के केंद्रीय कारागार की बैरक संख्या 12 की कुछ तस्वीरों को चुनौती दी गई है. अगर माल्या का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण होता है तो माल्या को उसी जेल में रखा जाएगा.

बैरिस्टर मार्क समर्स के नेतृत्व वाली सीपीएस टीम ने अतिरिक्त सामग्री को भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई सूचना की ‘आलोचना का प्रयास’ करार दिया है.

माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर मुकदमा पिछले साल चार दिसंबर को लंदन की अदालत में शुरू हुआ था. इसका लक्ष्य माल्या के खिलाफ पहली नजर में धोखाधड़ी का मामला बनाना है. माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़ने के बाद से ब्रिटेन में बसे हैं.

(इनपुट भाषा से)

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