कोठारी परिवार ने भी ममता सरकार के इस कदम के खिलाफ नाराजगी जताई है. पूर्णिमा कोठारी ने आरोप लगाया है कि बंगाल सरकार पक्षपात कर रही है.
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श्रेयसी गांगुली, कोलकाता: कोठारी परिवार के दो बेटे राम और शरद साल 1990 में कारसेवक के तौर पर अयोध्या गए थे लेकिन वो दोनों वापस नहीं लौटे, दरअसल पुलिस फायरिंग में उनकी मौत हो गई थी. अब उसी परिवार के दो अन्य सदस्य अयोध्या (Ayodhya) में 5 अगस्त को आयोजित होने वाले श्री राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाएंगे.
कोठारी परिवार दो सदस्यों को भी अयोध्या से निमंत्रण मिला है. ये लोग अपने साथ अलग-अलग स्थलों से मिट्टी यानी कि जहां पर दोनों कारसेवकों का जन्म हुआ था वहां की मिट्टी भी अयोध्या लेकर जा रहे हैं. इसके अलावा कुछ अन्य उत्साहित लोग बेलूर मठ मंदिर और अन्य मंदिरों से भी मिट्टी लेकर जा रहे हैं. केवल इतना ही नहीं बल्कि अंडमान से भी मिट्टी लाई गई है.
कोठारी परिवार में इस वक्त खुशी का माहौल है और उनके घर को रोशनी से जगमगा दिया गया है. इसके साथ-साथ 5 अगस्त को पश्चिम बंगाल सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा भी कर दी है, जिसने राजनितिक गलियारों में एक विवाद पैदा कर दिया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है की कुछ विशेष लोगों को खुश करने के लिए ममता सरकार ने जानबूझकर ऐसा कदम उठाया है ताकि हिंदू धर्म के लोगों की आस्था को चोट पहुंचा सकें.
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कोठारी परिवार ने भी ममता सरकार के इस कदम के खिलाफ नाराजगी जताई है. कोठारी बंधुओं की बहन पूर्णिमा कोठारी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की सरकार पक्षपात कर रही है. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त कोरोना का खतरा मंडरा रहा है तो ऐसे में क्या भीड़ जमा करना ठीक होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सभी नियमों का पालन किया जाएगा.
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