सुनपेड़ में दलित बच्‍चों की मौत मामले में नया मोड़, फोरेंसिक रिपोर्ट का इशारा- बाहर से नहीं बल्कि घर के अंदर से लगी थी आग
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सुनपेड़ में दलित बच्‍चों की मौत मामले में नया मोड़, फोरेंसिक रिपोर्ट का इशारा- बाहर से नहीं बल्कि घर के अंदर से लगी थी आग

हरियाणा के सुनपेड़ गांव में बीते दिनों दलित बच्‍चों को जलाने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। एक दलित परिवार के घर में आग लगाकर दो बच्चों की मौत मामले में हरियाणा के फोरेंसिक विशेषज्ञों को जांच में पता चला है कि आग कमरे में से उठी थी, न कि बाहर से किसी ने लगाई। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने इशारा किया है कि 'आग का मूल स्त्रोत कमरे के भीतर से था न कि बाहर से।' एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से छपी खबर में कहा गया है कि बाहर से किसी ने आग नहीं लगाई, तेल बाहर से नहीं बल्कि अंदर से ही गिराया गया। फोरेंसिक रिपोर्ट पीडि़तों के बयान से अलग हैं।

सुनपेड़ में दलित बच्‍चों की मौत मामले में नया मोड़, फोरेंसिक रिपोर्ट का इशारा- बाहर से नहीं बल्कि घर के अंदर से लगी थी आग

फरीदाबाद (हरियाणा) : हरियाणा के सुनपेड़ गांव में बीते दिनों दलित बच्‍चों को जलाने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। एक दलित परिवार के घर में आग लगाकर दो बच्चों की मौत मामले में हरियाणा के फोरेंसिक विशेषज्ञों को जांच में पता चला है कि आग कमरे में से उठी थी, न कि बाहर से किसी ने लगाई। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने इशारा किया है कि 'आग का मूल स्त्रोत कमरे के भीतर से था न कि बाहर से।' एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से छपी खबर में कहा गया है कि बाहर से किसी ने आग नहीं लगाई, तेल बाहर से नहीं बल्कि अंदर से ही गिराया गया। फोरेंसिक रिपोर्ट पीडि़तों के बयान से अलग हैं।

हरियाणा के फोरेंसिक विशेषज्ञों को कमरे से जले हुए बिस्तर के नीचे से आधी जली केरोसिन की प्लास्टिक बोतल, कमरे की खिड़की पर बनी पटरी पर जली हुई माचिस की तीली मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाहर से किसी हमलावर के आने का कोई निशान नहीं मिला है। दो कमरों को जोड़ने वाला रास्ता इतना बड़ा नहीं है कि लोग आराम से जा सकें। खिड़की जिसके जरिए पेट्रोल कमरे के भीतर फेंका गया, बंद थी। टीम में फोरेंसिक साइंस लेबोरटरी के निदेशक, एफएसएल के फिजिक्स और कैमिस्ट्री विभाग के सहायक निदेशक आदि शामिल थे। इन लोगों का एकमत से विचार है कि आग 'कमरे के भीतर' से ही लगी थी। एफएसएल अपनी रिपोर्ट इसी सप्ताह सीबीआई को सौंप देगा।

गौर हो कि मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआई टीम फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ गांव पहुंची थी। आरोप लगाया गया था कथित तौर पर उच्च जाति के राजपूत लोगों ने दलित के घर में आग लगा दी थी, जिसमें ढाई साल के वैभव और 11 महीने की दिव्या की मौत हो गई थी। बच्चों की 28 वर्षीया मां भी जली हुई हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है। बच्चों के पिता भी कई जगह से झुलसे हुए हैं। दलित परिवार के मुखिया जितेंद्र की पत्नी रेखा ने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि कुछ लोग बाहर से आए और उन्होंने पेट्रोल डालकर उनके घर में आग लगा दी।

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